Moon: उत्तर प्रदेश में सुहागिनों ने चांद का दीदार कर तोड़ा व्रत, समूह में की पूजा अर्चना, वीडियो कॉल बनी सहारा, मिले उपहार



करवा चौथ की धूम: नोएडा में महिलाओं ने की सामूहिक पूजा नोएडा, ग्रेनो वेस्ट और ग्रेटर नोएडा के विभिन्न सेक्टरों में शुक्रवार रात को महिलाओं ने करवा चौथ का व्रत…

Moon: उत्तर प्रदेश में सुहागिनों ने चांद का दीदार कर तोड़ा व्रत, समूह में की पूजा अर्चना, वीडियो कॉल बनी सहारा, मिले उपहार

करवा चौथ की धूम: नोएडा में महिलाओं ने की सामूहिक पूजा

नोएडा, ग्रेनो वेस्ट और ग्रेटर नोएडा के विभिन्न सेक्टरों में शुक्रवार रात को महिलाओं ने करवा चौथ का व्रत बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया। लगभग 8:30 बजे चांद का दीदार करने के बाद, उन्होंने अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना की। इस विशेष अवसर पर महिलाओं ने एकत्र होकर समूह में पूजा की, जिससे यह पर्व और भी खास बन गया।

करवा चौथ का व्रत सुहागिनों के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व होता है, जिसमें वे निर्जला उपवासी रहकर अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं। पूजा की प्रक्रिया में महिलाएं पवित्रता और भक्ति के साथ शामिल होती हैं। चंद्र दर्शन के बाद, उन्होंने व्रत तोड़ा और पति व बड़ों का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर पतियों ने भी अपनी पत्नियों को उपहार देकर इस दिन को विशेष बनाने का प्रयास किया।

समूह में पूजा और आशीर्वाद का महत्व

समूह में पूजा करने की परंपरा इस पर्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। महिलाएं एक-दूसरे के साथ मिलकर न केवल पूजा करती हैं, बल्कि अपने अनुभव और परंपराओं को भी साझा करती हैं। पूजा करने के बाद, सुहागिनों ने चंद्रमा की पूजा की और फिर अपने पतियों को प्रणाम किया। इसके बाद पतियों ने उन्हें जल पिलाकर और मिठाई खिलाकर आशीर्वाद दिया, जिससे यह पर्व और भी आनंदमय हो गया।

करवा चौथ के दिन महिलाओं ने सुबह से ही तैयारियों में जुटना शुरू कर दिया था। घरों में विशेष पकवान बनाए गए और पूजा की सामग्री की खरीदारी के लिए बाजारों में भीड़ लग गई। पूजा की सामग्री के अलावा, महिलाएं साज-सज्जा के लिए पार्लरों में भी गईं, जिससे पूरे दिन बाजारों में चहल-पहल बनी रही।

वीडियो कॉलिंग का सहारा: दूर रहने वाले पतियों के लिए

इस वर्ष, कुछ महिलाओं ने अपने पतियों के काम के कारण दूर होने पर वीडियो कॉलिंग का सहारा लिया। उन्होंने चांद का दीदार करने के बाद अपने पतियों से वीडियो कॉल के माध्यम से बात की और इस तरह से व्रत तोड़ा। यह आधुनिक तकनीक ने इस पर्व को और भी सहज बना दिया, जिससे दूर रहने वाले पति-पत्नी भी एक-दूसरे के साथ इस खास पल को साझा कर सके।

आधुनिकता के इस युग में, करवा चौथ का पर्व केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं रह गया है, बल्कि यह एक सामाजिक समारोह बन गया है, जिसमें महिलाएं एकत्र होकर अपनी परंपराओं को मनाती हैं। इस पर्व के दौरान महिलाएं एक-दूसरे के साथ मिलकर अपनी खुशियों और आशाओं को साझा करती हैं, जो एकता का प्रतीक है।

सांस्कृतिक महत्व और पारंपरिक पूजा

करवा चौथ पर महिलाएं परंपरा के अनुसार भगवान श्री गणेश, शिवजी और मां पार्वती की पूजा करती हैं। उनका मानना है कि इस पूजा से अखंड सौभाग्य, यश और कीर्ति की प्राप्ति होती है। पूजा के बाद चंद्रमा की आराधना के समय, महिलाएं अपने पतियों को प्रणाम करती हैं। ये सभी क्रियाएँ इस पर्व के सांस्कृतिक महत्व को दर्शाती हैं।

इस बार करवा चौथ पर महिलाओं ने न केवल पूजा की, बल्कि अपने-अपने घरों में मिठाई और विशेष पकवान भी तैयार किए। कुछ ने अपने घरों में विशेष सजावट की, जिससे वातावरण और भी खुशनुमा बन गया। इस प्रकार, करवा चौथ का पर्व न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति की समृद्धि और विविधता का प्रतीक भी है।

निष्कर्ष

करवा चौथ का यह पर्व हर साल महिलाओं के लिए एक नई ऊर्जा और उत्साह लेकर आता है। इस दिन का विशेष महत्व है, क्योंकि यह न केवल पतियों की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करने का अवसर है, बल्कि यह एकजुटता और सहयोग का प्रतीक भी है। इस पर्व के माध्यम से महिलाएं अपने संबंधों को और भी मजबूत बनाती हैं और अपने परिवार की खुशियों में चार चाँद लगाती हैं।

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