“Anxiety: जब मेरा फोन बजता है, तो क्यों होती है मानसिक दबाव की अनुभूति, कॉल्स से क्यों पसंद करते हैं टेक्स्ट और वॉयस नोट्स”



फोन की घंटी से होने वाली चिंता: क्यों कुछ लोग कॉल्स से भागते हैं और टेक्स्ट को प्राथमिकता देते हैं फोन की घंटी से जुड़ी चिंता: एक गंभीर समस्या आजकल,…

“Anxiety: जब मेरा फोन बजता है, तो क्यों होती है मानसिक दबाव की अनुभूति, कॉल्स से क्यों पसंद करते हैं टेक्स्ट और वॉयस नोट्स”





फोन की घंटी से होने वाली चिंता: क्यों कुछ लोग कॉल्स से भागते हैं और टेक्स्ट को प्राथमिकता देते हैं


फोन की घंटी से जुड़ी चिंता: एक गंभीर समस्या

आजकल, जब स्मार्टफोन हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गए हैं, तब कई लोग फोन कॉल से अत्यधिक चिंता महसूस करते हैं। यह स्थिति, जिसे टेलीफोबिया या फोन चिंता के नाम से जाना जाता है, एक ऐसी मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति कॉल्स का सामना करने से कतराता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह समस्या केवल सामाजिक Anxiety का एक हिस्सा नहीं है, बल्कि यह एक गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्या भी हो सकती है।

फोन कॉल के प्रति चिंता की पहचान

कई लोगों के लिए, जब भी फोन की घंटी बजती है, तो यह उनके लिए एक तनावपूर्ण अनुभव बन जाता है। ऐसे लोग अक्सर कॉल लेने की बजाय टेक्स्ट मैसेज या वॉइस नोट्स को प्राथमिकता देते हैं। जब फोन की घंटी बजती है, तो उनके शरीर में एड्रेनालाइन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे उन्हें धड़कन तेज होने, पसीना आने, और यहां तक कि पाचन में बाधा जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह सारी प्रतिक्रियाएं वास्तविक खतरों के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया के समान होती हैं।

टेलीफोबिया के लक्षण

टेलीफोबिया के लक्षण व्यक्ति की मानसिक स्थिति पर निर्भर करते हैं, लेकिन सामान्यतः निम्नलिखित लक्षण देखे जा सकते हैं:

  • धड़कन तेज होना: फोन की घंटी सुनने पर दिल की धड़कन बढ़ जाती है।
  • पसीना आना: चिंता के कारण व्यक्ति पसीने में तरबतर हो सकता है।
  • शारीरिक अस्वस्थता: कुछ लोग उल्टी या पेट दर्द जैसी समस्याओं का अनुभव कर सकते हैं।
  • सामाजिक अलगाव: कॉल से बचने के कारण व्यक्ति सामाजिक गतिविधियों से दूर हो सकता है।

क्यों पसंद करते हैं टेक्स्ट और वॉइस नोट्स?

टेलीफोबिया से ग्रसित व्यक्तियों के लिए टेक्स्ट और वॉइस नोट्स एक सुरक्षित विकल्प बन जाते हैं। ये विकल्प उन्हें समय देते हैं कि वे सोच-समझकर प्रतिक्रिया दें, जबकि फोन कॉल में तात्कालिकता होती है। इसके अलावा, टेक्स्ट और वॉइस नोट्स के माध्यम से वे अपनी भावनाओं को बेहतर तरीके से व्यक्त कर सकते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति सामाजिक Anxiety के कारण भी हो सकती है, जैसे कि व्यक्ति को दूसरों के सामने बोलने की चिंता। ऐसे लोगों को कॉल के दौरान अपनी बातें सही तरीके से कहने की चिंता होती है, जो उन्हें और अधिक घबराहट में डाल देता है।

समाधान और सहायता

टेलीफोबिया को ठीक करने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं। यदि आप या आपके जानने वाले इस समस्या का सामना कर रहे हैं, तो निम्नलिखित उपायों को आजमाया जा सकता है:

  • व्यावसायिक सहायता: मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लेना।
  • ध्यान और योग: तनाव को कम करने के लिए ध्यान और योग का अभ्यास करना।
  • स्वावलंबन: धीरे-धीरे कॉल लेने की आदत डालना, जैसे कि पहले अपने करीबी दोस्तों या परिवार के सदस्यों से शुरू करना।

निष्कर्ष

फोन कॉल से होने वाली चिंता एक गंभीर समस्या है, जिसे हल किया जा सकता है। यह समझना जरूरी है कि यह अकेले का अनुभव नहीं है, और कई लोग इससे गुजर रहे हैं। सही तकनीकों और समर्थन के साथ, व्यक्ति अपनी Anxiety को कम कर सकता है और फोन कॉल्स को सहजता से संभालने में सक्षम हो सकता है।


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