Crackdown: बिहार में जिलाधिकारी के निर्देश पर अवैध शराब पर कसा शिकंजा, मुजफ्फरपुर में चुनाव-त्योहारों को देखते हुए प्रशासन अलर्ट, छापेमारी अभियान तेज



बिहार विधानसभा चुनाव 2025 और त्योहारों के मद्देनजर प्रशासन की तैयारियां बिहार विधानसभा चुनाव 2025 और दीपावली-छठ जैसे प्रमुख पर्वों के नजदीक आते ही मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी…

Crackdown: बिहार में जिलाधिकारी के निर्देश पर अवैध शराब पर कसा शिकंजा, मुजफ्फरपुर में चुनाव-त्योहारों को देखते हुए प्रशासन अलर्ट, छापेमारी अभियान तेज

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 और त्योहारों के मद्देनजर प्रशासन की तैयारियां

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 और दीपावली-छठ जैसे प्रमुख पर्वों के नजदीक आते ही मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। जिलाधिकारी और जिला निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के निर्देशानुसार, प्रशासन ने अवैध शराब के खिलाफ एक सख्त अभियान शुरू किया है। इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखना और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना है।

जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि कानून व्यवस्था, शांति और निष्पक्ष चुनाव में किसी भी प्रकार की बाधा को सहन नहीं किया जाएगा। प्रशासन ने अवैध शराब के उत्पादन, भंडारण, परिवहन, बिक्री और सेवन के खिलाफ शून्य सहनशीलता नीति अपनाई है। उनकी निगरानी में विभिन्न थाना क्षेत्रों में सघन छापेमारी अभियान चलाए जा रहे हैं।

अवैध शराब के खिलाफ बड़ा अभियान

जिलाधिकारी सेन ने उत्पाद विभाग, पुलिस प्रशासन और अनुमंडलीय अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सभी थाना क्षेत्रों में अवैध शराब के खिलाफ सघन छापेमारी की जाए। उन्होंने कहा, “चुनावी प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि या शराब का दुरुपयोग लोकतंत्र के खिलाफ है। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।” इस संदर्भ में उन्होंने यह भी बताया कि अवैध शराब का कारोबार न केवल सामाजिक बुराई है, बल्कि यह चुनावी माहौल को भी प्रभावित कर सकता है।

प्रशासन ने अवैध शराब के धंधे में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है, ताकि लोकतंत्र की गरिमा और चुनाव की निष्पक्षता को बनाए रखा जा सके।

सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था

इस अभियान में सुरक्षा की दृष्टि से FST (फ्लाइंग स्क्वाड टीम) और SST (स्थैतिक निगरानी दल) को पूरी तरह से सक्रिय किया गया है। ये टीमें जिले की मुख्य सड़कों, चेक पोस्टों और सीमावर्ती इलाकों में वाहनों की जांच कर रही हैं। बाहरी जिलों या राज्यों से शराब की खेप को रोकने के लिए यह कार्रवाई की जा रही है।

वाहनों से अवैध शराब की ढुलाई करते पकड़े जाने पर संबंधित वाहन जब्त किए जा रहे हैं और प्राथमिकी दर्ज की जा रही है। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिया है कि अगर किसी स्तर पर लापरवाही या मिलीभगत पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

मद्य निषेध विभाग की सक्रियता

सहायक आयुक्त, मद्य निषेध के नेतृत्व में उत्पाद विभाग और पुलिस की संयुक्त टीमें लगातार अभियान चला रही हैं। कई क्षेत्रों में अवैध शराब भट्ठियों को ध्वस्त किया गया है और भारी मात्रा में शराब की बरामदगी भी हुई है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, आने वाले हफ्तों में यह कार्रवाई और तेज होगी ताकि चुनाव और त्योहारों के दौरान शराब की तस्करी को पूरी तरह से रोका जा सके।

जनता से सहयोग की अपील

जिलाधिकारी सेन ने जन-सहभागिता पर विशेष जोर देते हुए कहा है कि आम नागरिकों को अवैध शराब के धंधे में शामिल लोगों की सूचना देने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए सहायक आयुक्त, मद्य निषेध के मोबाइल नंबर 9473400629 पर जानकारी देने का आग्रह किया गया है। सूचना देने वाले की पहचान को गोपनीय रखा जाएगा। यह कदम नागरिकों को शराबबंदी कानून के क्रियान्वयन में भागीदार बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

थानों को अलर्ट रहने का निर्देश

जिलाधिकारी ने सभी अनुमंडल पदाधिकारियों, थानाध्यक्षों और उत्पाद निरीक्षकों को त्योहारों के मद्देनजर विशेष सतर्कता बरतने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि त्योहारों के दौरान किसी भी स्थान पर शराब सेवन, बिक्री या निर्माण की सूचना मिलते ही तुरंत छापेमारी की जाए। क्योंकि दीपावली और छठ जैसे अवसरों पर आमतौर पर शराब के सेवन की घटनाएं बढ़ जाती हैं। इसे रोकने के लिए पुलिस और उत्पाद विभाग ने रात्रिकालीन गश्ती बढ़ाने का निर्णय लिया है।

शराबबंदी कानून की सफलता की प्रतिबद्धता

जिलाधिकारी सेन ने स्पष्ट किया कि बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम, 2016 के तहत शराब से जुड़ी किसी भी अवैध गतिविधि को गंभीर अपराध माना गया है। उन्होंने कहा, “जिले में किसी भी रूप में अवैध शराब का उत्पादन, भंडारण, परिवहन या सेवन नहीं होने दिया जाएगा। सभी विभागों को सख्ती से कानून का पालन सुनिश्चित करना होगा।” प्रशासन की प्राथमिकता शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और स्वच्छ चुनाव कराना है। इसके लिए जिला स्तर से लेकर गांव स्तर तक अधिकारियों को सतर्क मोड में रखा गया है।

लोकतंत्र और कानून व्यवस्था की सुरक्षा

चुनाव के दौरान शराब का वितरण या उपयोग मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास है, जो चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि ऐसे कृत्यों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस कार्रवाई के जरिए जिला प्रशासन यह संदेश देना चाहता है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था की पवित्रता और शराबबंदी कानून दोनों की रक्षा उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन की यह सख्त कार्रवाई न केवल अवैध शराब कारोबारियों के लिए चेतावनी है, बल्कि यह भी दिखाती है कि प्रशासन शांति, निष्पक्षता और कानून के राज के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के नेतृत्व में प्रशासन ने यह साबित कर दिया है कि चाहे चुनाव हो या त्योहार, मुजफ्फरपुर में अब अवैध शराब कारोबारियों की खैर नहीं है।

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