“Missing बच्चे: कोखराज पुलिस ने चार लापता बच्चों को सकुशल बरामद किया, घरवालों की डांट से भागे थे”



कौशांबी में लापता चार बच्चों की पुलिस ने की खोज पंकज केसरवानी | कौशांबी – शनिवार देर रात कौशांबी के कोखराज थाना क्षेत्र में चार लापता बच्चों को पुलिस ने…

“Missing बच्चे: कोखराज पुलिस ने चार लापता बच्चों को सकुशल बरामद किया, घरवालों की डांट से भागे थे”

कौशांबी में लापता चार बच्चों की पुलिस ने की खोज

पंकज केसरवानी | कौशांबी – शनिवार देर रात कौशांबी के कोखराज थाना क्षेत्र में चार लापता बच्चों को पुलिस ने सकुशल बरामद कर लिया। ये बच्चे शहजादपुर चौकी के एक ही गाँव के निवासी थे, जिनकी उम्र 12, 9, 7 और 5 वर्ष है। बच्चों के परिजनों ने शनिवार दोपहर को उनके लापता होने की सूचना दी थी, जिसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की।

बच्चों के लापता होने की सूचना मिलते ही परिजनों ने शहजादपुर पुलिस चौकी पर जाकर शिकायत दर्ज कराई। इस सूचना के बाद प्रभारी निरीक्षक ने तत्काल उच्चाधिकारियों को घटना की जानकारी दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी कौशांबी राजेश कौशांबी ने थाना स्तर पर टीमों का गठन कर बच्चों की तलाश के निर्देश दिए।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई से बच्चों की हुई बरामदगी

प्रभारी निरीक्षक सीबी मौर्य के नेतृत्व में पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर सघन खोजबीन की। पुलिस ने कई घंटे की मेहनत के बाद देर रात सभी बच्चों को चौकी शहजादपुर के अंतर्गत चंदन घाट के पास बैठे हुए पाया और उन्हें सुरक्षित निकाल लिया। बच्चों की बरामदगी के बाद उनके परिजनों ने राहत की सांस ली।

पुलिस की पूछताछ में बच्चों ने बताया कि वे घरवालों की डांट से परेशान होकर घर से भाग आए थे। इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस ने चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) को सूचना दी है। बच्चों की काउंसलिंग की प्रक्रिया भी शुरू की जा चुकी है। इंस्पेक्टर कोखराज सी.बी. मौर्य के अनुसार, बच्चों की सुपुर्दगी की वैधानिक कार्यवाही सही तरीके से की जा रही है।

बच्चों की सुरक्षा और कल्याण पर ध्यान देना आवश्यक

यह घटना बच्चों की सुरक्षा और उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। बच्चों द्वारा घर से भागने का कारण समझना आवश्यक है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। पुलिस और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी बच्चों की काउंसलिंग के माध्यम से उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाने और परिवार के साथ उनके संबंधों को सुधारने का प्रयास करेंगी।

इस तरह की घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि बच्चों के साथ संवाद और उनके भावनात्मक स्वास्थ्य पर ध्यान देना कितना महत्वपूर्ण है। परिवार के सदस्यों को चाहिए कि वे बच्चों की समस्याओं को समझें और उनके साथ संवाद करें, ताकि बच्चे घर में सुरक्षित महसूस करें और किसी भी परिस्थिति में भागने का विचार न करें।

अभिभावकों के लिए सलाह

बच्चों की देखभाल और उनकी सुरक्षा के लिए अभिभावकों को कुछ महत्वपूर्ण बातें ध्यान में रखनी चाहिए:

  • बच्चों के साथ नियमित संवाद करें और उनकी भावनाओं को समझें।
  • घर के माहौल को सकारात्मक बनाएं, ताकि बच्चे खुलकर अपनी समस्याएँ बता सकें।
  • बच्चों को प्यार और समर्थन दें, जिससे वे किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहें।
  • यदि बच्चे किसी तनाव में हैं, तो उनकी काउंसलिंग कराएं।

इस घटना से हमें यह सीखने की आवश्यकता है कि बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य और उनके प्रति परिवार का व्यवहार अत्यंत महत्वपूर्ण है। पुलिस और समाज को मिलकर बच्चों की सुरक्षा और कल्याण के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।

कौशांबी की इस घटना ने न केवल स्थानीय समुदाय को जागरूक किया है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि बच्चों के प्रति हमारी जिम्मेदारी कितनी महत्वपूर्ण है। हम सभी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चे सुरक्षित और खुशहाल जीवन जी सकें।

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