शिक्षक की शर्मनाक हरकत: सरकारी स्कूल में रंगरलियां मनाने का मामला
देवास जिले के उदयनगर संकुल के एक सरकारी स्कूल में शिक्षक की एक बेहद ही शर्मनाक करतूत सामने आई है। यह मामला ग्राम पंचायत बिसाली के शासकीय प्राथमिक विद्यालय, झिरी मोहल्ला का है, जहाँ शिक्षक विक्रम कदम पर आरोप है कि वह स्कूल के समय में ही एक क्लासरूम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के साथ रंगरलियां मना रहा था। यह घटना तब उजागर हुई जब कुछ स्कूली बच्चों ने उनका वीडियो बना लिया, जिसे अब सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि शिक्षक विक्रम कदम लंबे समय से इस विद्यालय में पदस्थ है और उसकी ऐसी हरकतें पहले भी सामने आ चुकी हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि विक्रम कदम बच्चों के सामने भी कई बार महिला के गले में हाथ डालकर बैठा रहता था। रविवार को सामने आया वीडियो दो दिन पुराना बताया जा रहा है, जिससे अब इस मामले ने गंभीर रूप ले लिया है।
समझाइश और शिकायतों का नतीजा
गांव के लोगों का कहना है कि विक्रम कदम के खिलाफ पहले भी कई बार शिकायतें की जा चुकी हैं। दो दिन पहले गांव के पटेल और उपसरपंच ने उसे समझाने की कोशिश की थी, लेकिन उसने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया। पहले संकुल (स्कूल समूह) में भी इस संबंध में शिकायत की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई न होने से शिक्षक के हौसले बुलंद हो गए थे। यह स्थिति न केवल बच्चों के लिए, बल्कि पूरे गांव के लिए शर्मिंदगी का कारण बन गई है।
शिक्षा अधिकारी की प्रतिक्रिया
इस मामले में प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी हरि सिंह भारती ने कहा कि वीडियो उनके संज्ञान में आया है और मामले की जांच के लिए एक टीम बनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि यदि आरोप सही पाए गए, तो पंचनामा बनाकर शिक्षक के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। यह बयान इस बात का संकेत है कि शिक्षा विभाग इस गंभीर मामले को लेकर गंभीरता से विचार कर रहा है।
आरोपी शिक्षक का बयान
वहीं, आरोपी शिक्षक विक्रम कदम ने सभी आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा, “मेरा फेक वीडियो बनाया गया है, जिसके लिए मैं कार्रवाई को लेकर संबंधित थाने पर आवेदन देने आया हूं। मेरे साथ जिस महिला को दिखाया गया है, वह आंगनवाड़ी कार्यकर्ता है।” उनका यह बयान मामले को और भी पेचीदा बना रहा है, क्योंकि शिक्षा विभाग के अधिकारी उनकी सफाई पर कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं।
समुदाय की प्रतिक्रिया और आगे की कार्रवाई
स्थानीय समुदाय इस घटना से बेहद आहत है। ग्रामीणों ने कहा है कि ऐसे शिक्षकों को सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी शिक्षक अपनी जिम्मेदारियों से मुंह न मोड़े। इसके अलावा, उन्होंने शिक्षा विभाग से यह भी मांग की है कि सभी शिक्षकों की गतिविधियों पर निगरानी रखी जाए ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
इस मामले ने न केवल स्कूल के माहौल को प्रभावित किया है, बल्कि यह शिक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाता है। ऐसे मामलों में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई जरूरी है ताकि छात्रों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण मिल सके।
निष्कर्ष
यह घटना यह स्पष्ट करती है कि स्कूलों में शिक्षकों की भूमिका केवल शैक्षणिक नहीं, बल्कि बच्चों के मानसिक और सामाजिक विकास में भी महत्वपूर्ण होती है। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करना न केवल आवश्यक है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। शिक्षा विभाग को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और संबंधित कार्रवाई करनी चाहिए ताकि बच्चों का भविष्य सुरक्षित रहे।