Search Operation: आगरा में 72 घंटे से चल रहा सर्च ऑपरेशन, ऊटंगन नदी में डूबे 13 युवकों में से 7 की तलाश जारी, 40 मीटर लंबा अस्थायी बांध बनाया



आगरा की ऊटंगन नदी में 7 युवकों की तलाश: 72 घंटे का सर्च ऑपरेशन जारी आगरा के खेरागढ़ स्थित ऊटंगन नदी में डूबे 13 युवकों में से 7 युवकों की…

आगरा की ऊटंगन नदी में 7 युवकों की तलाश: 72 घंटे का सर्च ऑपरेशन जारी

आगरा के खेरागढ़ स्थित ऊटंगन नदी में डूबे 13 युवकों में से 7 युवकों की तलाश में पिछले 72 घंटे से सर्च ऑपरेशन जारी है। इस घटना ने क्षेत्र के लोगों को गहरे सदमे में डाल दिया है, और स्थानीय युवकों ने नदी के पानी के बहाव को रोकने के लिए 40 मीटर लंबा अस्थायी बांध बना दिया है। यह प्रयास नदी के पानी को नियंत्रित करने के साथ-साथ लापता युवकों की खोज में मददगार साबित हो रहा है।

रविवार को चौथे दिन भी युवकों की तलाश का अभियान जारी रहा, लेकिन खेरागढ़ के गांव कुसियापुर के लापता सातों युवकों में से किसी का पता नहीं चला। इस सर्च ऑपरेशन में सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन दल (एनडीआरएफ) और एसडीआरएफ के साथ स्थानीय लोग भी सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। वे सभी मिलकर नदी में उतरकर युवकों की खोज कर रहे हैं।

सर्च ऑपरेशन में स्थानीय लोगों की भूमिका

स्थानीय लोगों ने भी इस सर्च ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने नदी की धारा को डूब क्षेत्र के बीच से नाला बनाकर दूसरी ओर मोड़ने का कार्य किया है। इसके लिए पोकलेन और JCB मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। स्थानीय लोग बोरियों में मिट्टी भरकर अस्थायी बांध बना रहे हैं, ताकि नदी का पानी रोका जा सके। इस प्रयास में 550 युवक जुटे हैं, जो दिन-रात काम कर रहे हैं।

सर्च ऑपरेशन में शामिल विभिन्न एजेंसियों की टीमों का सहयोग भी महत्वपूर्ण है। 100 जवान इस सर्च ऑपरेशन में सक्रिय हैं, और 7 JCB मशीनों की मदद से नाले का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा, 3 पोकलेन मशीनें भी खुदाई के काम में लगी हुई हैं। इस तरह के प्रयासों से नदी के 250 मीटर क्षेत्र में पानी रोकने की कवायद चल रही है।

परिजनों की चिंताएं और उम्मीदें

इस घटना के बाद, लापता युवकों के परिजनों की चिंता बढ़ गई है। उनके चेहरे पर निराशा और चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं। परिवार के लोग नदी किनारे डेरा डाले हुए हैं और अपनों के लौटने का इंतजार कर रहे हैं। 2 अक्टूबर को जब ये युवा मां दुर्गा की मूर्ति विसर्जन के लिए नदी में गए थे, तब अचानक वे डूब गए। इस घटना में एक युवक विष्णु को बचा लिया गया था, जबकि पांच युवकों के शव निकाले जा चुके हैं। अभी भी सात युवक लापता हैं, जिनमें सचिन, हरेश, वीनेश, गजेंद्र, दीपक और करन शामिल हैं।

परिजनों ने अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए कहा, “पता नहीं कहां समा गया मेरा बेटा। उसकी तलाश में चौथा दिन है, अब तक पता नहीं चला है।” रेवती, गजेंद्र के पिता ने कहा। वहीं, करन के पिता ने भी कहा, “दोस्तों के साथ मूर्ति विसर्जन के लिए नदी पर आया था मेरा बेटा। तभी नदी में डूब गया। अब तक उसका पता नहीं है।”

सर्च ऑपरेशन की चुनौतियां

सर्च ऑपरेशन के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। नदी की धारा का तेज बहाव और गहराई युवकों की तलाश को कठिन बना रही है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस के अधिकारी निरंतर सर्च ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए हैं, ताकि किसी भी प्रकार की समस्या का समाधान किया जा सके। हजारों लोग टकटकी लगाए नदी की ओर देख रहे हैं, सभी की आशाएं युवकों की सुरक्षित वापसी पर टिकी हुई हैं।

इस घटना ने सभी के दिलों में एक गहरी छाप छोड़ी है। स्थानीय लोग अब एकजुट होकर इस संकट से उबरने की कोशिश कर रहे हैं। सर्च ऑपरेशन में शामिल सभी टीमें अपनी पूरी कोशिश कर रही हैं ताकि लापता युवकों को जल्दी से जल्दी खोजा जा सके। इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि जब संकट आता है, तो समुदाय एक साथ आकर मदद करता है।

निष्कर्ष

आगरा की ऊटंगन नदी में लापता युवकों की तलाश के लिए चल रहे सर्च ऑपरेशन में सभी का सहयोग बेहद महत्वपूर्ण है। यह न केवल स्थानीय लोगों की एकजुटता को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि संकट के समय में हम सभी को एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए। इस कठिन समय में सभी की प्रार्थनाएं लापता युवकों की सुरक्षित वापसी के लिए हैं।

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