Fraud: उत्तर प्रदेश में करोड़ों के बीमा धोखाधड़ी मामले में एक और आरोपी गिरफ्तारी, बीमा कंपनियों से 39 करोड़ के बीमा का किया था दावा



हापुड़ में बीमा धोखाधड़ी का मामला: एक और आरोपी गिरफ्तार हापुड़: हापुड़ में करोड़ों रुपए की बीमा धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है।…

Fraud: उत्तर प्रदेश में करोड़ों के बीमा धोखाधड़ी मामले में एक और आरोपी गिरफ्तारी, बीमा कंपनियों से 39 करोड़ के बीमा का किया था दावा

हापुड़ में बीमा धोखाधड़ी का मामला: एक और आरोपी गिरफ्तार

हापुड़: हापुड़ में करोड़ों रुपए की बीमा धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। हापुड़ नगर कोतवाली पुलिस ने गुरुवार की शाम को मुख्य आरोपी विशाल के मुंहबोले जीजा संजय कुमार को पकड़ा। संजय कथित तौर पर उस समय मृतक मुकेश सिंघल के साथ मौजूद था, जब यह हादसा हुआ था। पुलिस फिलहाल उससे पूछताछ कर रही है ताकि इस मामले की गहराई तक पहुंचा जा सके।

बीमा धोखाधड़ी की साजिश का खुलासा

यह मामला 27 मार्च 2024 को मेरठ निवासी मुकेश सिंघल की सड़क दुर्घटना में मौत से जुड़ा है। उनकी मृत्यु के बाद, उनके बेटे विशाल ने कई बीमा कंपनियों से लगभग 39 करोड़ रुपए के बीमा का दावा किया था। लेकिन बीमा कंपनियों की जांच में यह पूरी तरह से फर्जीवाड़ा सामने आया। आरोप है कि विशाल ने अपने पिता की हत्या कर इसे सड़क दुर्घटना का रूप देने की कोशिश की थी, ताकि वह बीमा की बड़ी रकम हड़प सके।

सूत्रों के अनुसार, मुकेश सिंघल दो बेटों को गोद ले रहे थे, जिनमें से एक की शादी संजय से हुई थी। धोखाधड़ी की इस गंभीर शिकायत के बाद कोतवाली नगर में एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने पहले ही मुख्य आरोपी विशाल और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया था। अब संजय की गिरफ्तारी से इस साजिश की कहानी में और परतें खुलने की उम्मीद है।

पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच

कोतवाली प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि संजय इस साजिश का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था और वह दुर्घटनास्थल पर मौजूद था। पूछताछ के दौरान उसने कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की हैं, जो जांच को आगे बढ़ाने में मदद कर सकती हैं। स्वर्ग आश्रम रोड, केशवनगर निवासी संजय की गिरफ्तारी से जांच एजेंसियां इस पूरे नेटवर्क का खुलासा करने के करीब पहुंच गई हैं।

बीमा कंपनियों की भूमिका और जांच प्रक्रिया

बीमा कंपनियों की जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि विशाल ने अपने पिता की हत्या के बाद इस दुर्घटना को एक योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया। बीमा कंपनियों ने जब इस मामले की गहराई में जाकर जांच की, तो उन्हें कई ऐसे सबूत मिले, जो इस फर्जीवाड़े को उजागर करने में सहायक साबित हुए। इसके बाद पुलिस ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की।

सामाजिक सुरक्षा और जागरूकता

इस प्रकार के मामलों से यह भी स्पष्ट होता है कि समाज में कुछ लोग ऐसे हैं जो अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। ऐसे में यह आवश्यक है कि लोगों को बीमा के सही उपयोग और उसकी प्रक्रिया के बारे में जागरूक किया जाए। समाज में बीमा के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इसके फायदों को समझाना अत्यंत आवश्यक है, ताकि ऐसे धोखाधड़ी के मामलों से बचा जा सके।

  • मुख्य आरोपी विशाल और उसके दो साथियों को पहले ही गिरफ्तार किया गया था।
  • संजय की गिरफ्तारी से इस साजिश में और जानकारी सामने आने की उम्मीद है।
  • पुलिस और बीमा कंपनियों की जांच से धोखाधड़ी की परतें खुल रही हैं।

इस मामले की लगातार जांच चल रही है और पुलिस ने वादा किया है कि जो भी लोग इस साजिश में शामिल हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस प्रकार के मामलों में समाज की जागरूकता और पुलिस की तत्परता महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है, ताकि भविष्य में ऐसे धोखाधड़ी के मामलों से बचा जा सके और लोगों का विश्वास बीमा कंपनियों पर बना रहे।

इस घटना ने एक बार फिर से यह स्पष्ट कर दिया है कि समाज में कानूनी व्यवस्था और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता जरूरी है। आगे की कार्रवाई में पुलिस अन्य संभावित आरोपियों की तलाश कर रही है और इस मामले में नए सबूत जुटाने की कोशिश कर रही है।

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