इलेक्ट्रॉनिक्स Component निर्माण योजना ने जुटाए ₹1 लाख करोड़ से अधिक निवेश: अश्विनी वैष्णव



भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग योजना में भारी निवेश भारत की बहुप्रतीक्षित इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ECMS) को उद्योग से शानदार प्रतिक्रिया मिली है। इस योजना के तहत निवेश प्रस्तावों…

इलेक्ट्रॉनिक्स Component निर्माण योजना ने जुटाए ₹1 लाख करोड़ से अधिक निवेश: अश्विनी वैष्णव

भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग योजना में भारी निवेश

भारत की बहुप्रतीक्षित इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ECMS) को उद्योग से शानदार प्रतिक्रिया मिली है। इस योजना के तहत निवेश प्रस्तावों का आंकड़ा ₹1.15 लाख करोड़ तक पहुंच गया है, जबकि इसका लक्ष्य ₹59,350 करोड़ था। यह निवेश न केवल भारत के लिए, बल्कि वैश्विक स्तर पर ‘स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक्स’ के प्रति विश्वास को भी दर्शाता है।

सरकार की योजनाओं पर उद्योग का भरोसा

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम ने ₹1 लाख करोड़ से अधिक के निवेश को आकर्षित किया है। उन्होंने यह बात X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की, जहां उन्होंने लिखा, “₹1 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों ने पीएम @नरेंद्रमोदी जी के नेतृत्व में भारत के प्रति वैश्विक विश्वास को दर्शाया है।”

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में स्वदेशी उत्पादों की बढ़ती मांग

मंत्री ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र का घरेलू इलेक्ट्रॉनिक सामान के निर्माण पर जोर स्पष्ट है, जिसमें ECMS योजना के तहत ₹22,805 करोड़ का आवंटन शामिल है। उन्होंने बताया कि प्राप्त आवेदनों के अनुसार, सरकार ₹10.34 लाख करोड़ के उत्पादन का प्रस्ताव देख रही है, जबकि भारत का उत्पादन लक्ष्य ₹4.6 लाख करोड़ है।

रोजगार सृजन की संभावनाएं

सरकार का लक्ष्य 91,600 नौकरियों का सृजन करना था, लेकिन प्राप्त प्रस्तावों के अनुसार, 1.41 लाख से अधिक नौकरियों का निर्माण होने की संभावना है। यह आंकड़ा यह दर्शाता है कि उद्योग में तेजी से विकास हो रहा है और यह रोजगार के अवसरों के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

मोबाइल और आईटी हार्डवेयर में बढ़ती रुचि

प्रस्तावित निवेशों के अनुसार, मोबाइल और आईटी हार्डवेयर विभाग ने सबसे अधिक रुचि प्राप्त की है, जहां 16 आवेदकों ने ₹35,813 करोड़ के निवेश की प्रतिबद्धता की है। वहीं, इलेक्ट्रो-मैकेनिकल्स ने सबसे अधिक 87 आवेदनों को प्राप्त किया है। कुल मिलाकर, प्राप्त आवेदनों की संख्या 249 है, जिनमें सबसे बड़ा प्रस्ताव ₹22,000 करोड़ से अधिक का है।

छोटे और मध्यम उद्यमों की बढ़ती भागीदारी

मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 60 प्रतिशत से अधिक आवेदक छोटे और मध्यम उद्यम हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि “स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट भारत को वैश्विक आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित करेंगे।” यह बात दर्शाती है कि छोटे और मध्यम उद्यमों की भागीदारी इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

राज्य सरकारों से सहयोग की अपील

राज्य प्रशासन से अतिरिक्त समर्थन मांगते हुए, उन्होंने सभी राज्यों से आग्रह किया कि वे इस अवसर का उपयोग करें और उद्योग को आसानी से कार्य करने में सहायता प्रदान करें। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट उद्योग रोजगार सृजन में मदद करेगा, जो कि एक महत्वपूर्ण गुणक प्रभाव के साथ होगा।

आवेदनों की प्रक्रिया और स्वीकृति

योजना के तहत प्रस्तावित आवेदनों की जांच और मूल्यांकन के लिए एक पैनल का गठन किया गया है। MeitY के सचिव S Krishnan ने स्पष्ट किया कि आवेदनों की जांच ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर की जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि जांच प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है और सरकार जल्द ही स्वीकृत आवेदकों की सूची की घोषणा करेगी।

निष्कर्ष

इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम न केवल भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह देश की आर्थिक आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देगी। निवेश के इस प्रवाह के साथ, भारत वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल कर सकता है।

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