महिलाओं के लिए महंगाई की उम्मीदें कम हो रही हैं: RBI सर्वेक्षण
देश में घरेलू स्तर पर महंगाई और मूल्य वृद्धि के दबाव में कमी का संकेत मिला है। यह जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के द्विमासिक महंगाई अपेक्षाएँ सर्वेक्षण (IESH) के नवीनतम दौर में सामने आई है। हाल ही में किए गए इस सर्वेक्षण ने यह दर्शाया है कि विभिन्न उत्पाद श्रेणियों में मूल्य वृद्धि की अपेक्षाएँ कम हो रही हैं, हालांकि वर्तमान महंगाई की धारणा में थोड़ी वृद्धि देखने को मिली है।
सितंबर 2025 के इस सर्वेक्षण में यह उल्लेख किया गया है कि “घरेलू परिवारों ने खाद्य उत्पादों, गैर-खाद्य उत्पादों, आवास और सेवाओं की लागत जैसे प्रमुख उत्पाद समूहों में मूल्य और महंगाई के दबाव में कमी की सूचना दी है।” यह सर्वेक्षण 28 अगस्त से 6 सितंबर के बीच 19 प्रमुख शहरों में किया गया था और इसमें कुल 6,082 प्रतिक्रियाएँ प्राप्त हुईं।
महंगाई धारणा और अपेक्षाएँ
सर्वेक्षण के निष्कर्षों के अनुसार, घरेलू परिवारों की वर्तमान औसत महंगाई की धारणा में मामूली वृद्धि हुई है, जो पिछले दौर की तुलना में 20 आधार अंकों की वृद्धि के साथ **7.4 प्रतिशत** पर पहुंच गई है। हालांकि, निकट भविष्य के लिए महंगाई की अपेक्षाएँ कम हुई हैं। अगले तीन महीनों के लिए महंगाई की अपेक्षाएँ 20 आधार अंकों की गिरावट के साथ **8.1 प्रतिशत** हो गई हैं, जबकि एक वर्ष के लिए यह अनुमान 30 आधार अंकों की कमी के साथ **8.7 प्रतिशत** पर आ गया है।
सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि शॉर्ट-टर्म और एक वर्ष के दृष्टिकोण से सामान्य मूल्य वृद्धि और महंगाई में बढ़ोतरी की उम्मीद रखने वाले उत्तरदाताओं का अनुपात पिछले सर्वेक्षण की तुलना में घटा है। उत्पादों के अनुसार आकलन में, **77.8 प्रतिशत** उत्तरदाताओं ने अगले तीन महीनों में मूल्य वृद्धि की आशंका जताई, जो पिछले सर्वेक्षण में **79.5 प्रतिशत** थी। इसी तरह, **86.8 प्रतिशत** परिवारों ने एक वर्ष की अवधि में मूल्य वृद्धि की उम्मीद जताई, जबकि पहले यह आंकड़ा **88.1 प्रतिशत** था।
उम्र के हिसाब से महंगाई की धारणा
उम्र के हिसाब से देखें तो 25 वर्ष तक के युवा उत्तरदाताओं ने वर्तमान महंगाई की धारणा को सबसे कम बताया है, जो **7.0 प्रतिशत** है। इसके विपरीत, 60 वर्ष से अधिक के परिवारों ने उच्च स्तर की महंगाई की धारणा को **7.9 प्रतिशत** के रूप में दर्शाया है। शहरों के बीच, कोलकाता ने वर्तमान महंगाई की धारणा में सबसे उच्च स्तर **10.5 प्रतिशत** दर्ज किया, इसके बाद मुंबई **8.5 प्रतिशत** और दिल्ली **8.0 प्रतिशत** पर रहा।
RBI का स्पष्टीकरण
भारतीय रिजर्व बैंक ने यह स्पष्ट किया है कि यह सर्वेक्षण घरेलू परिवारों की महंगाई पर दृष्टिकोण को दर्शाता है, जो उनके उपभोग के पैटर्न से आकारित होता है। हालांकि, RBI ने यह भी नोट किया कि परिणाम केंद्रीय बैंक के अपने महंगाई प्रवृत्तियों के आकलन का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।
इस सर्वेक्षण के निष्कर्षों से संकेत मिलता है कि देश में महंगाई के प्रति लोगों की धारणा में धीरे-धीरे सुधार आ रहा है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि सरकार और रिजर्व बैंक द्वारा की गई नीतियों का सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। घरेलू बाजार में सुधार और उपभोक्ता विश्वास को बढ़ावा देने के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है।
अंत में, यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले समय में महंगाई को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदम और नीतियाँ आवश्यक हैं। इससे न केवल घरेलू अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि आम जनता की जीवन गुणवत्ता में भी सुधार होगा।