भारत-कतर व्यापार संबंधों को बढ़ाने के लिए केंद्रीय मंत्री का दौरा
भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल कतर के दौरे पर जा रहे हैं, जो 6 से 7 अक्टूबर, 2025 तक निर्धारित है। इस दौरे का उद्देश्य भारत और कतर के बीच द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को मजबूत करना है।
इस यात्रा से स्पष्ट होता है कि भारत कतर के साथ अपने व्यापार और निवेश संबंधों को कितनी महत्वपूर्णता देता है। कतर, जो दक्षिण एशियाई देशों के लिए गुल्फ को-ऑपरेशन काउंसिल (GCC) का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है, के साथ द्विपक्षीय व्यापार का अनुमान 2024-25 में 14 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक होने की संभावना है, जैसा कि वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की एक आधिकारिक बयान में कहा गया है।
व्यापार वार्ता का एजेंडा
भारत और कतर के बीच व्यापार वार्ता में व्यापक चर्चाएँ होने की उम्मीद है। इसमें द्विपक्षीय व्यापार प्रदर्शन का आकलन, मौजूदा व्यापार बाधाओं और गैर-शुल्क मुद्दों का समाधान और व्यापार और निवेश की धाराओं को बढ़ाने के लिए नए रास्ते खोजना शामिल होगा।
इन चर्चाओं में प्रस्तावित भारत-कतर मुक्त व्यापार समझौता (FTA) पर विचार-विमर्श भी शामिल होगा। इसके साथ ही व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (CEPA) के लिए संदर्भ की शर्तों (ToR) को अंतिम रूप देने पर भी चर्चा होने की संभावना है।
अन्य क्षेत्रों में सहयोग
कतर के साथ सहयोग के लिए अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में वित्त, कृषि, पर्यावरण, पर्यटन, संस्कृति और स्वास्थ्य सेवा शामिल होंगे। ये सब चर्चा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनेंगे।
केंद्रीय मंत्री के साथ एक व्यापार प्रतिनिधिमंडल भी है, जिसमें उद्योगों के वरिष्ठ प्रतिनिधि शामिल हैं। यह प्रतिनिधिमंडल भारत-कतर संयुक्त व्यापार परिषद की पहली बैठक में भाग लेगा।
कतर के व्यापारिक संगठनों के साथ बातचीत
यह व्यापार प्रतिनिधिमंडल कतर के व्यवसायों और संस्थाओं के साथ सक्रिय रूप से संलग्न होगा, जिसमें कतर चैंबर, कतर वित्तीय केंद्र, इंवेस्ट कतर और कतर फ्री जोन प्राधिकरण शामिल हैं।
अतिरिक्त रूप से, मंत्री डोहा चैप्टर के इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) के प्रतिनिधियों, भारतीय व्यवसाय और पेशेवर परिषद (IBPC), कतर, के सदस्यों और कतर में भारतीय समुदाय के वरिष्ठ सदस्यों से भी बातचीत करेंगे।
भारत और कतर के बीच संबंधों का महत्व
भारत और कतर के बीच संबंधों की गहराई को देखते हुए यह दौरा न केवल व्यापारिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों को भी मजबूत करेगा। दोनों देशों के बीच सहयोग से न केवल व्यापार में वृद्धि होगी, बल्कि यह निवेश के नए अवसर भी उत्पन्न करेगा।
इस दौरे के जरिए भारत कतर के साथ अपने संबंधों को और भी मजबूती प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाएगा। यह दोनों देशों के लिए लाभकारी साबित होगा और द्विपक्षीय व्यापार को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद करेगा।