शामली में गो-तस्करों के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई
श्रवण कुमार | शामली – शामली जिले में केराना पुलिस ने बुधवार रात को एक सफल ऑपरेशन के तहत गो-तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की। पुलिस को एक मुखबिर से सूचना मिली थी, जिसके आधार पर उन्होंने घेराबंदी की और एक आरोपी को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया।
मुठभेड़ में गिरफ्तार आरोपी की पहचान
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, गिरफ्तार अभियुक्त का नाम शाहिद है, जो वशीर का पुत्र है। शाहिद कई अन्य अपराधों में भी वांछित था और उसके ऊपर 15,000 रुपए का इनाम घोषित किया गया था। इस मुठभेड़ में पुलिस ने आरोपी के पास से एक अवैध तमंचा, एक जिंदा कारतूस, एक खोखा कारतूस (315 बोर) और बिना नंबर प्लेट की स्प्लेंडर मोटरसाइकिल बरामद की।
घायल आरोपी को अस्पताल में भर्ती कराया गया
मुठभेड़ के दौरान घायल हुए आरोपी को सीएचसी केराना में उपचार के लिए भेजा गया। वहीं, उसके साथी अबूजर ने अंधेरे और फसल का फायदा उठाकर भागने में सफल रहा। उसके खिलाफ पुलिस ने कॉम्बिंग अभियान शुरू कर दिया है, ताकि उसे जल्द से जल्द पकड़ लिया जा सके।
पुलिस की कार्रवाई का इतिहास
केराना पुलिस के अनुसार, पिछले 27 सितंबर को ग्राम रामड़ा तिराहे पर गो-तस्करी की सूचना पर पुलिस ने कार्रवाई की थी। उस दौरान पुलिस पर गोलीबारी की गई थी, जिसमें गोतस्कर सोनू उर्फ शानू घायल अवस्था में गिरफ्तार हुआ था। उसके साथियों को उस समय गिरफ्तार नहीं किया जा सका था, और तब से उनकी तलाश जारी थी।
गौकशी और पशु क्रूरता से जुड़े मामले
गिरफ्तार किए गए शाहिद पर गौकशी और पशु क्रूरता से संबंधित कई मामले दर्ज हैं। पुलिस ने कहा है कि फरार साथी की गिरफ्तारी के लिए अभियान जारी रहेगा। यह कार्रवाई यह दर्शाती है कि पुलिस प्रशासन गो-तस्करी और उससे जुड़े अपराधों के खिलाफ कितनी गंभीरता से कार्रवाई कर रहा है।
पुलिस की कार्यशैली और जन जागरूकता
पुलिस की इस कार्रवाई से यह साफ होता है कि वे अवैध गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रहे हैं। स्थानीय निवासियों को भी इस मामले में जागरूक रहने की आवश्यकता है ताकि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दे सकें। इससे न केवल अपराधों में कमी आएगी, बल्कि इलाके में सुरक्षा भी बढ़ेगी।
निष्कर्ष
इस तरह की घटनाएं पुलिस की सख्त कार्रवाई को दर्शाती हैं। पुलिस द्वारा उठाए गए कदमों से यह उम्मीद जगती है कि भविष्य में ऐसे अपराधों पर प्रभावी रोक लगेगी। इसके साथ ही, समुदाय को भी चाहिए कि वे पुलिस का सहयोग करें और अवैध गतिविधियों के खिलाफ एकजुट होकर खड़े हों।
इस घटना ने एक बार फिर साबित किया है कि जब तक पुलिस और समाज मिलकर काम करते हैं, तब तक किसी भी अवैध गतिविधि पर काबू पाया जा सकता है। आगे भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहनी चाहिए ताकि अपराधियों में डर बना रहे और समाज में शांति बनी रहे।