किशनगंज में बाढ़ से हुई व्यापक क्षति, ग्रामीणों को हो रही परेशानियां
बिहार के किशनगंज जिले के दिघलबैंक प्रखंड में हाल ही में आई बाढ़ ने क्षेत्र में गंभीर स्थिति पैदा कर दी है। जलस्तर घटने के बावजूद बाढ़ ने सड़कें, पुल और घरों को नुकसान पहुँचाया है। इसके अलावा, फसलें भी बर्बाद हो चुकी हैं, जिससे स्थानीय किसानों की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव पड़ा है। हारीभिट्ठा से सिंघीमारी जाने वाले मार्ग पर सड़क का कटाव होने से आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है।
इस सड़क के बंद होने से हजारों लोगों की दैनिक गतिविधियों पर असर पड़ा है। इसमें हारीभिट्ठा, फुटानीगंज, सिंघीमारी, मंदिर टोला और पलसा जैसे दर्जनों गाँव शामिल हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने मंगलवार सुबह करीब 10 बजे इस समस्या की जानकारी दी। सड़क के कटाव के कारण, ग्रामीणों को अपने आवश्यक कार्यों के लिए बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। स्कूल जाने वाले बच्चों को भी स्कूल पहुंचने में न केवल समय की बर्बादी हो रही है, बल्कि उन्हें कई बार दूसरों की मदद लेनी पड़ रही है।
ग्रामीणों की समस्याएँ और प्रशासन की अनदेखी
सड़क के कटने से ग्रामीणों को दुकानों तक पहुँचने, रोजगार के लिए आवागमन, राशन लाने और बच्चों को स्कूल भेजने में कठिनाई हो रही है। पहले जो सफर मिनटों में तय होता था, वह अब घंटों में पूरा हो रहा है। इस स्थिति ने ग्रामीणों की जीवनशैली को प्रभावित किया है और उन्हें भारी मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है।
बाढ़ ने इलाके में कई पुलों के एप्रोच रोड को भी नुकसान पहुँचाया है। किसानों के कई एकड़ खेतों में लगी धान और आलू की फसलें बर्बाद हो गई हैं। यह स्थिति किसानों के लिए बहुत ही चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि फसलें उनकी आय का मुख्य स्रोत होती हैं। प्रभावित लोगों ने प्रशासन और संबंधित विभाग से जल्द से जल्द कटाव निरोधी कार्य करने और सड़क की मरम्मत की मांग की है, ताकि आवागमन सुचारू हो सके।
व्यापार पर पड़ रहा असर
फुटानीगंज के स्थानीय दुकानदारों को भी इस बाढ़ के कारण व्यापार में बाधा आने की आशंका है। जब सड़कें बाधित होती हैं, तो ग्राहकों की संख्या में कमी आती है, जिससे व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ता है। इस परिस्थिति ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है, और व्यापारी वर्ग भी प्रशासन से सहायता की गुहार लगा रहा है।
ग्रामीणों की अपील
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को इस समस्या के समाधान के लिए त्वरित कदम उठाने चाहिए। ग्रामीणों ने कहा कि यदि सड़क की मरम्मत और कटाव निरोधी कार्य शीघ्र नहीं किए गए, तो उनकी समस्याएँ और भी बढ़ सकती हैं। बाढ़ के कारण पहले ही उनकी स्थिति नाजुक है, और अगर प्रशासन समय पर कार्य नहीं करेगा, तो इससे उनकी दैनिक जीवन और आर्थिक स्थिति पर और भी बुरा असर पड़ेगा।
इस तरह की गंभीर समस्याओं से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन और सरकार को मिलकर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। यह समय है कि वे प्रभावित लोगों की मदद करें और उन्हें सुरक्षित तथा सुविधाजनक जीवन जीने का अवसर प्रदान करें।