सोनभद्र में विजयदशमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया
मनोज कुमार वर्मा | सोनभद्र | 7 मिनट पहले
सोनभद्र में गुरुवार को असत्य पर सत्य की विजय का पर्व विजयदशमी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दिन जिले के हर कोने में रावण के पुतले का दहन किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। विजयदशमी का यह पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह समाज में एकता और भाईचारे का प्रतीक भी है।
रामलीला मैदान में हुआ भव्य आयोजन
रॉबर्ट्सगंज में श्री रामलीला समिति द्वारा 123 वर्षों से अनवरत रामलीला का मंचन किया जा रहा है। यहां विजयदशमी का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया गया। शहर के प्रमुख आकर्षण श्री राम महोत्सव के तहत रामलीला मैदान में रावण वध की लीला का मंचन हुआ। इसके बाद 40 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया गया। इस अवसर पर दमकल वाहन और पुलिस बल भी मौके पर सुरक्षा के लिए तैनात थे।
दुद्धी में भव्य मेले का आयोजन
दुद्धी तहसील क्षेत्र में भी विजयदशमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। दुद्धी के श्री रामलीला मैदान पर विशाल मेले का आयोजन किया गया, जहां देर शाम 51 फीट ऊंचे रावण के पुतले का आतिशबाजी के साथ दहन किया गया। यह पुतला दहन लोगों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बना रहा। रावण दहन के बाद उपस्थित लोगों ने एक-दूसरे को गले मिलकर बधाई दी और आशीर्वाद लिया।
म्योरपुर में उत्सव की रौनक
म्योरपुर में भी विजयदशमी का पर्व हर्षोल्लास और परंपरागत उत्साह के साथ मनाया गया। खेल मैदान में आयोजित कार्यक्रम में हजारों लोग शामिल हुए। रावण के विशाल पुतले का दहन होते ही पूरा वातावरण ‘जय श्रीराम’ के उद्घोष से गूंज उठा। पुतला दहन के साथ ही आकर्षक आतिशबाजी ने आकाश को रोशन कर दिया। रामलीला मंचन में भगवान श्रीराम और रावण के बीच युद्ध का दृश्य भी प्रस्तुत किया गया।
रेणुकूट और चोपन में रावण का दहन
रेणुकूट में हिंडालको रामलीला परिषद द्वारा तैयार 85 फीट के रावण के पुतले का दहन किया गया। इसके साथ ही आतिशबाजी का आयोजन भी किया गया और रामराज्य की सुंदर झांकी प्रस्तुत की गई। चोपन में भी रावण के सर का चारों दिशाओं में घूमने वाले पुतले का दहन किया गया, जिससे वातावरण में एक अद्भुत उत्सव का माहौल बना।
ओबरा में भी मनाया गया विजयदशमी
ओबरा में भी असत्य पर सत्य की जीत का पर्व विजयदशमी को उत्साह से मनाया गया। इस अवसर पर नगर के राममंदिर मैदान में आतिशबाजी के साथ रावण का दहन किया गया। इस दौरान रावण दहन देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। जैसे ही रावण के पुतले का दहन किया गया, वैसे ही ‘जय श्रीराम’ का उद्घोष सुनाई दिया और सभी ने एक-दूसरे को दशहरे की शुभकामनाएं दीं।
सारांश
सोनभद्र के विभिन्न स्थानों पर बड़े धूमधाम से विजयदशमी का त्योहार मनाया गया। रावण दहन के दृश्य ने न केवल धार्मिक आस्था को प्रकट किया, बल्कि सामाजिक एकता और भाईचारे का भी संदेश दिया। इस पर्व ने सभी को एकजुट होकर असत्य पर सत्य की विजय का उत्सव मनाने का अवसर प्रदान किया।