नवादा में विजयादशमी का भव्य आयोजन: रावण वध कार्यक्रम
बिहार के नवादा जिले के हरिशचंद्र स्टेडियम में विजयादशमी के पावन अवसर पर एक भव्य रावण वध कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन प्रमुख अतिथि डॉ. अनुज कुमार ने किया, जिसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह सामुदायिक एकता और भाईचारे का प्रतीक भी बन गया।
दशहरा, जिसे बुराई पर अच्छाई की विजय का पर्व माना जाता है, के इस उत्सव में स्थानीय लोगों की भागीदारी देखने योग्य थी। सुबह से ही लोग स्टेडियम पहुंचने लगे थे ताकि वे रामलीला का आनंद ले सकें। दोपहर के प्रदोष काल में, शुभ मुहूर्त में, भगवान राम के तीर से 60 फीट ऊंचे रावण और 50 फीट ऊंचे मेघनाद के विशाल पुतलों का दहन किया गया।
आकाश में पटाखों और आतिशबाजी का शानदार प्रदर्शन
रावण वध के समय आकाश में पटाखों और आतिशबाजी का एक शानदार प्रदर्शन भी हुआ, जिसने कार्यक्रम की रौनक को और बढ़ा दिया। उद्घाटन समारोह में बोलते हुए डॉ. अनुज कुमार ने कहा कि यह पर्व हमें यह सिखाता है कि अधर्म का अंत निश्चित है। उन्होंने आगे बताया कि भगवान राम की रावण पर विजय हमें जीवन में सत्य और धर्म का पालन करने की प्रेरणा देती है।
इस आयोजन में स्थानीय कलाकारों ने राम-रावण युद्ध के दृश्यों का मंचन किया, जिसे दर्शकों ने अत्यधिक सराहा। इसके अलावा, हजारों श्रद्धालुओं ने एक साथ ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए, जिससे वातावरण भक्ति और उत्साह से भर गया। आयोजन स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद रखा गया था, जिसमें पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया।
सामुदायिक एकता का प्रतीक
यह आयोजन न केवल धार्मिक उत्सव का प्रतीक बना, बल्कि इसने सामुदायिक एकता को भी मजबूती प्रदान की। नवादा के निवासियों ने एक-दूसरे को दशहरा की शुभकामनाएं दीं और एकजुटता का प्रदर्शन किया। रामायण की कथा के अनुसार, इसी दिन भगवान राम ने लंका पर विजय प्राप्त की थी, जो कि भारत के सांस्कृतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना है।
- नवादा के हरिशचंद्र स्टेडियम में आयोजित हुआ रावण वध कार्यक्रम।
- डॉ. अनुज कुमार ने किया उद्घाटन, हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए।
- रावण और मेघनाद के विशाल पुतलों का दहन किया गया।
- आकाश में पटाखों और आतिशबाजी का शानदार प्रदर्शन।
- ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए श्रद्धालुओं की भारी भीड़।
- सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद, पुलिस और प्रशासन का सहयोग।
- सामुदायिक एकता का प्रतीक बना यह आयोजन।
इस प्रकार, नवादा में विजयादशमी का यह भव्य आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक था, बल्कि लोगों के बीच एकता और भाईचारे को भी दर्शाता है। ऐसे आयोजनों से न केवल सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित किया जाता है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों को भी अपनी संस्कृति से जोड़ता है। रामलीला और रावण वध जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से, हम अपने पुरखों की कहानियों को जीवित रखते हैं और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते हैं।