Social Awareness: राजस्थान में समाज कल्याण सप्ताह के तहत जन चेतना दिवस मनाया, नशे के दुष्प्रभावों की जानकारी दी



राजस्थान समाचार: जन चेतना दिवस का आयोजन भास्कर संवाददाता | श्रीगंगानगर समाज कल्याण सप्ताह के अंतर्गत, सोमवार को टांटिया यूनिवर्सिटी परिसर में स्थित जेआर टांटिया चेरिटेबल नशामुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र…

Social Awareness: राजस्थान में समाज कल्याण सप्ताह के तहत जन चेतना दिवस मनाया, नशे के दुष्प्रभावों की जानकारी दी

राजस्थान समाचार: जन चेतना दिवस का आयोजन

भास्कर संवाददाता | श्रीगंगानगर

समाज कल्याण सप्ताह के अंतर्गत, सोमवार को टांटिया यूनिवर्सिटी परिसर में स्थित जेआर टांटिया चेरिटेबल नशामुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र में जन चेतना दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक वीरेंद्रपाल सिंह ने नशे की गंभीरता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नशे के कारण अनेक परिवारों का विनाश हुआ है। उन्होंने केंद्र में भर्ती युवाओं से अपील की कि वे नशे की बुराई को छोड़कर समाज की मुख्य धारा में शामिल हों।

सरकारी मेडिकल कॉलेज के अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. पवन सैनी ने अपने संबोधन में कहा कि “नशे का त्याग करना न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, बल्कि स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए भी यह अनिवार्य है।” डॉ. अंकुश शर्मा ने नशा मुक्ति केंद्र की गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि कैसे यह केंद्र युवाओं को नशे से बाहर निकालने में मदद कर रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र में कई सफल कहानियां हैं जहां युवाओं ने नशे को छोड़कर अपनी जिंदगी को नया मोड़ दिया है।

अतिथियों का स्वागत और स्मृति चिन्ह भेंट

इस कार्यक्रम में राजकुमार जैन ने सभी उपस्थित व्यक्तियों का अभिनंदन किया। कार्यक्रम में प्रोजेक्ट डायरेक्टर नितेश वर्मा, काउंसलर विकास रांगेरा, डॉ. हेमंत सहारण और सतीश वधवा ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए, जो इस विशेष दिन की यादगार रहेगी। कार्यक्रम का मंच संचालन डॉ. पीसी आचार्य ने किया, जिन्होंने पूरे आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

नशे के दुष्प्रभाव और समाज में जागरूकता

कार्यक्रम के दौरान, नशे के दुष्प्रभावों पर चर्चा की गई, जिसमें यह बताया गया कि नशा केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य को ही नहीं, बल्कि उनके परिवार और समाज को भी प्रभावित करता है। इस संदर्भ में, वीरेंद्रपाल सिंह ने कहा, “हमें नशे की समस्या के प्रति जागरूक होना होगा और इसके खिलाफ सामूहिक रूप से लड़ाई लड़नी होगी।” उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे अपने सपनों की ओर बढ़ें और नशे को अपने जीवन से बाहर करें।

नशा मुक्ति केंद्र के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें योग, ध्यान, और मनोवैज्ञानिक परामर्श शामिल हैं। यह केंद्र न केवल युवाओं को नशे से मुक्ति दिलाने का कार्य कर रहा है, बल्कि उन्हें जीवन के सकारात्मक पहलुओं की ओर भी मार्गदर्शन कर रहा है।

समाज की भूमिका और जिम्मेदारी

इस कार्यक्रम ने यह स्पष्ट किया कि नशे की समस्या केवल एक व्यक्तिगत चुनौती नहीं है, बल्कि यह समाज की जिम्मेदारी है। सभी को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालना होगा। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारियों और नशा मुक्ति केंद्र के कर्मचारियों ने इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

इस प्रकार, जन चेतना दिवस का आयोजन एक महत्वपूर्ण पहल है, जो न केवल नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाता है, बल्कि समाज के सभी वर्गों को एकजुट होकर इस समस्या का सामना करने के लिए प्रेरित करता है। आशा है कि इस प्रकार के कार्यक्रम भविष्य में भी आयोजित होते रहेंगे ताकि नशे की समस्या को जड़ से खत्म किया जा सके।

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