‘The Zoo Story’: राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में नाटक ने दिखाया आधुनिक जीवन का अकेलापन, उत्पल झा का प्रभावशाली निर्देशन

सारांश

राजस्थान: ‘द जू स्टोरी’ का प्रभावशाली मंचन जयपुर के राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में सोमवार को ‘द जू स्टोरी’ का मंचन हुआ, जिसने दर्शकों के मन में गहरे विचारों की लहरें पैदा कीं। यह नाटक मानव मन की जटिलताओं और संवेदनाओं को उजागर करता है। इसे एनएसडी (नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा) के पूर्व छात्र और अनुभवी […]

kapil6294
Oct 07, 2025, 12:14 AM IST

राजस्थान: ‘द जू स्टोरी’ का प्रभावशाली मंचन

जयपुर के राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में सोमवार को ‘द जू स्टोरी’ का मंचन हुआ, जिसने दर्शकों के मन में गहरे विचारों की लहरें पैदा कीं। यह नाटक मानव मन की जटिलताओं और संवेदनाओं को उजागर करता है। इसे एनएसडी (नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा) के पूर्व छात्र और अनुभवी निर्देशक उत्पल झा ने निर्देशित किया है, जिसने इस नाटक में एक अद्वितीय दृष्टिकोण पेश किया।

इस प्रस्तुति ने दर्शकों को अपनी कहानी और पात्रों के माध्यम से एक गहन अनुभव प्रदान किया। नाटक की अवधि लगभग 1 घंटा 25 मिनट थी, जिसमें गहरे विषयवस्तु और उत्कृष्ट अभिनय ने दर्शकों को आरंभ से अंत तक बांधे रखा। पूरी कहानी एक पार्क की बेंच पर घटित होती है, जहां दो अजनबी पात्र, पीटर और जेरी, आमने-सामने आते हैं। पीटर एक मध्यमवर्गीय जीवन जीने वाला व्यक्ति है, जबकि जेरी समाज से कट चुका और अकेला इंसान है।

नाटक की गहराई और पात्रों का संघर्ष

नाटक की शुरुआत में दोनों पात्रों के बीच सामान्य बातचीत होती है, लेकिन यह धीरे-धीरे जीवन, अकेलेपन और आपसी जुड़ाव की खोज पर तीव्र बहस में बदल जाती है। जेरी अपनी नीरस जिंदगी, पड़ोसी कुत्ते से जुड़ी अजीबोगरीब कहानी और अपने भीतर के खालीपन को साझा करते हुए दर्शकों के दिलों में एक गहरी छाप छोड़ते हैं। इस दौरान, नाटक का भावनात्मक तनाव बढ़ता जाता है, जिससे दर्शकों में गहरी संवेदनाएं जागृत होती हैं।

उत्पल झा की निर्देशन शैली ने नाटक को एक नई दिशा दी। उन्होंने मंच सज्जा को बहुत सरल रखा, जिससे कहानी के भावनात्मक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया जा सके। दर्शकों ने नाटक के दौरान महसूस किया कि कैसे इंसान एक-दूसरे के इतने करीब होकर भी मानसिक रूप से कितने दूर हैं। यह अंतर्दृष्टि दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती है कि हम अपने रिश्तों में कितना खो चुके हैं।

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नाटक का चौंकाने वाला अंत

नाटक का अंत दर्शकों को चौंकाने वाला लगता है। यह न केवल एक खुलासा करता है, बल्कि यह भी बताता है कि इंसान की मानसिक स्थिति कितनी जटिल हो सकती है। जब दोनों पात्रों के बीच संवाद समाप्त होता है, तो दर्शकों को यह एहसास होता है कि वे खुद को एक दूसरे के साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अंततः वे अपने भीतर के संघर्षों से जूझते रहते हैं।

इस प्रस्तुति ने जयपुर के दर्शकों के मन में मानवीय रिश्तों और संवाद की गहराई को एक नए सिरे से परिभाषित किया। नाटक ने न केवल मनोरंजन किया, बल्कि यह सामाजिक मुद्दों पर भी विचार करने के लिए प्रेरित किया। उत्पल झा की संवेदनशील दृष्टि और अभिनेताओं का सशक्त प्रदर्शन इस नाटक को एक अद्वितीय अनुभव बना देता है।

निष्कर्ष

‘द जू स्टोरी’ ने दर्शकों को न केवल एक मनोरंजन का अनुभव दिया, बल्कि यह भी दर्शाया कि जीवन में जुड़ाव और अकेलापन किस प्रकार से आपस में जुड़े हुए हैं। इस नाटक ने यह स्पष्ट किया कि हमें अपने भीतर के संघर्षों को समझने और एक-दूसरे के प्रति संवेदनशील होने की आवश्यकता है। यह प्रस्तुति दर्शकों के मन में गहराई से उभरने वाली भावनाओं को जगाने में सफल रही है, जो निश्चित रूप से लंबे समय तक याद रहेगी।

इस प्रकार, ‘द जू स्टोरी’ ने राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में एक अनूठी संस्कृति प्रस्तुत की, जो न केवल नाटक प्रेमियों के लिए बल्कि सभी दर्शकों के लिए एक महत्वपूर्ण अनुभव था।

राजस्थान समाचार हिंदी में


कपिल शर्मा 'जागरण न्यू मीडिया' (Jagran New Media) और अमर उजाला में बतौर पत्रकार के पद पर कार्यरत कर चुके है अब ये खबर २४ लाइव के साथ पारी शुरू करने से पहले रिपब्लिक भारत... Read More

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