Heritage उत्सव: भारतीय संस्कृति और कला का रंग बिखेरता ‘विरासत’, 155 प्रतिभागियों ने किया शानदार प्रदर्शन



जयपुर में “विरासत” – अखिल भारतीय नृत्य, संगीत एवं मोनो एक्टिंग प्रतियोगिता का भव्य आयोजन जयपुर में हाल ही में एक अद्भुत सांस्कृतिक कार्यक्रम “विरासत” का आयोजन किया गया, जिसमें…

Heritage उत्सव: भारतीय संस्कृति और कला का रंग बिखेरता ‘विरासत’, 155 प्रतिभागियों ने किया शानदार प्रदर्शन

जयपुर में “विरासत” – अखिल भारतीय नृत्य, संगीत एवं मोनो एक्टिंग प्रतियोगिता का भव्य आयोजन

जयपुर में हाल ही में एक अद्भुत सांस्कृतिक कार्यक्रम “विरासत” का आयोजन किया गया, जिसमें अखिल भारतीय नृत्य, संगीत एवं मोनो एक्टिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन नई दिल्ली की सांस्कृतिक संस्था श्री नृत्यांजलि ने गिविंग हैंड्स वेलफेयर फाउंडेशन के सहयोग से किया। समारोह का आयोजन पिंक सिटी प्रेस क्लब में हुआ, जिसमें पूरे भारत से 155 कलाकारों ने भाग लिया।

इस सांस्कृतिक उत्सव की शुरुआत सुबह 11 बजे हुई और यह रात 9 बजे तक चला। कार्यक्रम में विभिन्न नृत्य विधाएँ जैसे कि शास्त्रीय नृत्य कथक, भरतनाट्यम, ओडिसी, लोक नृत्य, गायन, गिटार वादन और मोनो एक्टिंग की प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं। पूरे दिन मंच भारतीय संस्कृति और विविधता के रंगों से भरा रहा, जो दर्शकों के लिए एक अद्वितीय अनुभव था।

प्रतिभागियों की शानदार प्रस्तुतियाँ

कार्यक्रम में शामिल सभी प्रतिभागियों ने अपनी कला से निर्णायकों और दर्शकों का मन मोह लिया। 155 कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से भारतीय संस्कृति की विविधता को प्रदर्शित किया। इस कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में कथक गुरु ज्योति भारती गोस्वामी, जयपुर कथक केंद्र की सचिव श्रुति मिश्रा, और राजस्थान विश्वविद्यालय के संगीत विभाग की अध्यक्ष वंदना कल्ला उपस्थित रहे।

प्रतिभागियों ने अपनी कला का प्रदर्शन करते समय न केवल दर्शकों का मनोरंजन किया, बल्कि उन्होंने भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को भी जीवंत किया। इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले कलाकारों ने विभिन्न विधाओं में अपने कौशल का प्रदर्शन किया, जिससे यह कार्यक्रम और भी आकर्षक बन गया।

विशेष म्यूजिक थेरेपी सेशन

कार्यक्रम के दौरान म्यूजिक थेरेपिस्ट धर्मवीर भाटिया और डॉ. रागिनी ईश्वर ने एक विशेष म्यूजिक थेरेपी सेशन प्रस्तुत किया, जिसे दर्शकों ने बेहद सराहा। उन्होंने संगीत के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को उजागर किया और दर्शकों को एक नई ऊर्जा से भर दिया। यह सेशन एक महत्वपूर्ण पहल था, जो दर्शकों को संगीत के शक्तिशाली प्रभाव से अवगत कराता है।

प्रतियोगिता का उद्देश्य और भविष्य की योजनाएँ

आयोजक डॉ. सुमिता दत्ता रॉय और संदीप रॉय ने बताया कि “विरासत” प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य भारतीय संस्कृति की जड़ों को मजबूत करना और युवाओं को एक मंच प्रदान करना है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि अगली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता मथुरा-वृंदावन में आयोजित की जाएगी, जिसमें देशभर से करीब 500 कलाकार भाग लेंगे। यह आयोजन भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को और भी मजबूती प्रदान करेगा।

विजेताओं का सम्मान

कार्यक्रम के समापन पर विजेताओं को सम्मानित किया गया। सेंट एंजेला सोफिया स्कूल जयपुर, दिल्ली पब्लिक स्कूल गुजरात, और सेंट्रल अकादमी उदयपुर के छात्रों ने अपनी उत्कृष्ट प्रस्तुतियों के लिए पुरस्कार जीते। इसके अलावा, उदयपुर, ग्वालियर, गाजियाबाद और महाराष्ट्र से आई प्रतिभाओं ने भी सफलता हासिल की। इस प्रकार, यह प्रतियोगिता न केवल प्रतिभा को पहचानने का एक मंच था, बल्कि इसने युवा कलाकारों को आगे बढ़ने का भी अवसर प्रदान किया।

समापन सत्र में जयपुर के प्रसिद्ध म्यूजिक थेरेपिस्ट धर्मवीर भाटिया और डॉ. रागिनी ईश्वर ने एक और विशेष म्यूजिक थेरेपी सेशन प्रस्तुत किया, जिसे सभी ने बेहद सराहा। इस कार्यक्रम ने न केवल प्रतिभागियों को पहचानने का अवसर दिया, बल्कि दर्शकों को भी एक अद्भुत सांस्कृतिक अनुभव प्रदान किया।

इस प्रकार, “विरासत” प्रतियोगिता ने भारतीय संस्कृति, कला और संगीत को एक नई पहचान देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ऐसे आयोजनों की आवश्यकता है, ताकि हमारे युवा कलाकारों को प्रोत्साहित किया जा सके और भारतीय संस्कृति की धरोहर को संजोया जा सके।

राजस्थान समाचार हिंदी में

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