“Attack: तेमथा में दहेज विवाद में लड़की पक्ष पर हमला, विदाई की तारीख तय करने गए परिजनों पर ससुराल वालों का वार, एक घायल”



खगड़िया में दहेज विवाद के चलते लड़की पक्ष पर हमला खगड़िया जिले के परबत्ता थाना क्षेत्र के तेमथा गांव में दहेज विवाद के कारण एक गंभीर घटना सामने आई है।…

“Attack: तेमथा में दहेज विवाद में लड़की पक्ष पर हमला, विदाई की तारीख तय करने गए परिजनों पर ससुराल वालों का वार, एक घायल”

खगड़िया में दहेज विवाद के चलते लड़की पक्ष पर हमला

खगड़िया जिले के परबत्ता थाना क्षेत्र के तेमथा गांव में दहेज विवाद के कारण एक गंभीर घटना सामने आई है। यहां लड़की के परिवार के सदस्यों पर लड़के और उसके परिजनों ने लाठी-डंडों और कुल्हाड़ी से हमला किया। यह घटना तब हुई जब लड़की के परिजन अपनी बेटी की विदाई की तारीख तय करने के लिए लड़के के घर पहुंचे थे। इस हमले में गंगौर थाना क्षेत्र के निवासी हितेश कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।

घायल हितेश कुमार को तुरंत परबत्ता सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। प्राथमिक उपचार के बाद उनकी स्थिति को गंभीर देखते हुए उन्हें खगड़िया सदर अस्पताल रेफर किया गया। इस घटना ने इलाके में दहशत का माहौल बना दिया है, और स्थानीय लोग इस प्रकार की असामाजिक गतिविधियों की कड़ी निंदा कर रहे हैं।

दहेज की मांग का मामला

पीड़ित पक्ष के मुताबिक, गंगौर थाना क्षेत्र के मधुआ गांव निवासी सतीश यादव की बेटी प्रीति कुमारी की शादी तीन साल पहले जानकीचक निवासी सुबोध यादव के बेटे सुशील कुमार से हुई थी। शादी के बाद से ही लड़के के परिवार ने दहेज की मांग करना शुरू कर दिया था और उन्होंने लड़की को विदा करने से इनकार कर दिया था। सतीश यादव ने बताया कि उन्होंने अपनी क्षमता से अधिक पांच लाख रुपये नकद दिए थे, लेकिन इसके बावजूद लड़के के परिवार ने बुलेट मोटरसाइकिल की मांग की।

सतीश यादव ने आगे बताया कि मंगलवार को जब वे अपने परिजनों के साथ विदाई की तारीख तय करने जानकीचक पहुंचे, तो लड़के के पक्ष के लोग पहले से ही लाठी, डंडे और कुल्हाड़ी लेकर बैठे थे। जैसे ही वे गांव में घुसे, उन पर हमला कर दिया गया। इस हमले में कई लोग घायल हुए, और हितेश कुमार को गंभीर चोटें आईं।

पुलिस की कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही परबत्ता थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई और मामले की जांच शुरू कर दी। परबत्ता थानाध्यक्ष अरविंद कुमार ने बताया कि पुलिस के पहुंचने से पहले ही ससुराल पक्ष के लोग फरार हो गए थे। थानाध्यक्ष ने यह भी बताया कि एसआई अजय कुमार यादव और अपर थानाध्यक्ष सुमंत कुमार चौधरी ने घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने में मदद की।

उन्होंने कहा कि लड़की पक्ष की ओर से अभी तक कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है। पुलिस का कहना है कि यदि शिकायत प्राप्त होती है, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने दहेज प्रथा के खिलाफ चल रही जागरूकता अभियानों पर एक बार फिर सवाल उठाया है।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद से स्थानीय लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है। उन्होंने दहेज प्रथा को समाप्त करने की अपील की है और कहा है कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “दहेज की मांग के चलते इस तरह की हिंसा अस्वीकार्य है। हमें इसे रोकने के लिए एकजुट होना होगा।” लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि वे इस मामले में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करें ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

इस घटना ने एक बार फिर से दहेज प्रथा के खिलाफ समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता को उजागर किया है। समाज के सभी वर्गों को इस कुरीति के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाने की जरूरत है।

निष्कर्ष

खगड़िया के तेमथा गांव की यह घटना एक गंभीर मुद्दे की ओर इशारा करती है, जो न केवल पीड़ित परिवार के लिए बल्कि समाज के लिए भी चिंता का विषय है। दहेज प्रथा को समाप्त करने के लिए समाज को एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है। केवल कानून बनाना ही काफी नहीं है, बल्कि समाज के हर वर्ग को इसके खिलाफ खड़ा होना होगा।

आशा है कि प्रशासन इस मामले में उचित कार्रवाई करेगा और ऐसे मामलों में सख्त कानून लागू करेगा। स्थानीय लोग भी इस बात की अपेक्षा कर रहे हैं कि उनके क्षेत्र में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

बिहार समाचार हिंदी में

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