चित्तौड़गढ़ में महिला और नाबालिग बेटी के खिलाफ अपराध: आरोपी गिरफ्तार
चित्तौड़गढ़ सदर थाना पुलिस ने एक गंभीर मामले में कार्रवाई करते हुए सद्दाम मंसूरी नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। इस व्यक्ति पर एक महिला के साथ बलात्कार करने और उसकी नाबालिग बेटी के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप है। आरोपी ने महिला को अपनी पहचान छुपाते हुए झूठा नाम बताकर धोखा दिया, जिससे मामला और भी जटिल हो गया।
यह मामला तब प्रकाश में आया जब **27 सितंबर** को चित्तौड़गढ़ सदर थाना क्षेत्र के एक निवासी ने अपनी पत्नी और बेटी के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट में पति ने आशंका व्यक्त की थी कि उसकी पत्नी अपने बिजनेस पार्टनर संजय कुमावत उर्फ सद्दाम मंसूरी के साथ कहीं चली गई हैं। इस सूचना ने पुलिस को मामले की गंभीरता को समझने में मदद की।
पुलिस टीम ने शुरू की गुमशुदा महिला और बच्ची की तलाश
मामले की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस अधीक्षक **मनीष त्रिपाठी** के निर्देश पर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक **सरिता सिंह** और डीएसपी **विनय चौधरी** की देखरेख में सदर चित्तौड़गढ़ के थानाधिकारी **निरंजन प्रताप सिंह** ने एक विशेष टीम का गठन किया। पुलिस टीम ने साइबर टीम की सहायता से गुमशुदा महिला और उसकी बेटी की तलाश शुरू की।
गुजरात से महिला और उसकी बेटी को सुरक्षित लाया गया
जांच और प्रयासों के बाद, पुलिस टीम ने अंततः **मोरवी, गुजरात** से गुमशुदा महिला और उसकी बेटी को सुरक्षित वापस लाने में सफलता प्राप्त की। पुलिस के सामने आने के बाद महिला ने अपनी आपबीती सुनाते हुए एक लिखित रिपोर्ट प्रस्तुत की। महिला ने अपनी शिकायत में बताया कि आरोपी सद्दाम मंसूरी, जो कि **पिपलिया मंडी, मंदसौर (मध्य प्रदेश)** का निवासी है, उसने खुद को संजय कुमावत बताकर उससे दोस्ती की।
महिला ने आगे कहा कि आरोपी ने उसे डरा-धमकाकर उसके साथ बलात्कार किया। इतना ही नहीं, उसने महिला की नाबालिग बेटी के साथ भी छेड़छाड़ की। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दुष्कर्म और **पॉक्सो (POCSO) एक्ट** की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।
आरोपी की गिरफ्तारी और पुलिस की सक्रियता
मामला दर्ज होने के तुरंत बाद, गठित पुलिस टीम ने आरोपी सद्दाम मंसूरी (32) पुत्र मोहम्मद हुसैन मंसूरी की तलाश शुरू कर दी। पुलिस ने आरोपी को पकड़कर पूछताछ की और फिर उसे पॉक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया। इस पूरी कार्रवाई में थानाधिकारी निरंजन प्रताप सिंह, एएसआई **शंकर लाल**, और कांस्टेबल **पृथ्वीपाल**, **डूंगर सिंह**, **लोकेश**, और **मंजू** की टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
इस सफल गिरफ्तारी से पुलिस ने एक गंभीर अपराध पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की है, जो समाज में सुरक्षा और न्याय की भावना को मजबूत करती है। इस मामले ने एक बार फिर से यह सिद्ध कर दिया है कि पुलिस किसी भी आपराधिक गतिविधि के खिलाफ सक्रियता से कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।
शिक्षा और जागरूकता का महत्व
इस तरह के मामलों से समाज में जागरूकता की आवश्यकता और भी अधिक बढ़ जाती है। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों को रोकने के लिए समाज को एकजुट होकर कार्य करना होगा। ऐसे मामलों में पीड़ितों को न्याय दिलाने और आरोपियों को सजा दिलाने के लिए सभी को आगे आना चाहिए।
इस घटना ने हमें यह भी याद दिलाया है कि हमें अपने आसपास के लोगों की सुरक्षा और भलाई के प्रति सजग रहना चाहिए। पुलिस प्रशासन की सक्रियता और समाज की जागरूकता से ही हम इस तरह के अपराधों को कम कर सकते हैं।