Farmers’ Protest: नीमच मंडी में व्यापारी को पीटा, नीलामी 4 घंटे रुकी



नीमच मंडी में किसानों और व्यापारियों के बीच हुआ विवाद मध्य प्रदेश के नीमच जिले की पुरानी कृषि उपज मंडी में बुधवार सुबह एक विवाद ने गंभीर रूप ले लिया।…

Farmers’ Protest: नीमच मंडी में व्यापारी को पीटा, नीलामी 4 घंटे रुकी

नीमच मंडी में किसानों और व्यापारियों के बीच हुआ विवाद

मध्य प्रदेश के नीमच जिले की पुरानी कृषि उपज मंडी में बुधवार सुबह एक विवाद ने गंभीर रूप ले लिया। यहां मूंगफली की नीलामी के दौरान किसानों और व्यापारियों के बीच हुई भिड़ंत ने सभी को चौंका दिया। किसानों ने कम दाम मिलने के चलते विरोध प्रदर्शन किया, जो बाद में हाथापाई में बदल गया। इस घटना ने मंडी में हड़कंप मचा दिया और सभी की नजरें इस ओर आकर्षित हो गईं।

किसानों का आक्रोश और व्यापारी की पिटाई

इस घटना के दौरान, किसानों ने मूंगफली व्यापारी ऋषि अग्रवाल को घेर लिया और उन पर हमला किया। इस हमले के बाद व्यापारी मौके से भाग खड़े हुए। किसानों ने एकजुट होकर व्यापारियों पर आरोप लगाया कि वे उचित मूल्य पर मूंगफली नहीं खरीद रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ रहा है।

किसानों की शिकायतें: मूंगफली के दाम में गिरावट

किसानों ने कहा कि दो दिन पहले मूंगफली का भाव 5,000 रुपये प्रति क्विंटल था, जो अब घटकर 2,500 से 3,500 रुपये तक पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि इस मूल्य में इतनी कमी के कारण उनकी लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है। किसान इस बात से नाराज हैं कि व्यापारियों ने अचानक दाम आधा कर दिया।

मंडी में अवैध वसूली के आरोप

किसानों ने मंडी में टेंपो हम्माल और तुलावटी द्वारा अवैध वसूली की भी शिकायत की। इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए, एसडीएम संजीव साहू ने मौके पर पहुंचकर किसानों को उचित मूल्य दिलाने का आश्वासन दिया। किसानों ने एसडीएम के आश्वासन पर अपने प्रदर्शन को दो घंटे के लिए रोका।

एसडीएम की बैठक और व्यापारियों की नाराजगी

एसडीएम ने मंडी कार्यालय में व्यापारियों के साथ बैठक की, जिसमें उन्होंने व्यापारियों को इस घटना के बारे में अपनी नाराजगी व्यक्त करने का मौका दिया। व्यापारियों ने कहा कि इस प्रकार की हिंसा और मारपीट से मंडी का माहौल बिगड़ता है।

नीलामी फिर से शुरू होने का समय

सुबह करीब 11 बजे हुए इस विवाद के बाद, मंडी में नीलामी प्रक्रिया को लगभग 4 घंटे के बाद, दोपहर 3 बजे फिर से शुरू किया गया। इस समय तक स्थिति सामान्य हो चुकी थी, लेकिन किसान अब भी अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

किसानों ने मंडी प्रशासन पर आरोप लगाए

किसानों ने मंडी प्रशासन पर आरोप लगाया कि व्यापारियों की मनमानी के खिलाफ उनकी सुनवाई नहीं होती है। उन्होंने यह भी कहा कि मंडी प्रशासन और व्यापारियों के बीच मिलीभगत है, जिससे किसानों का शोषण हो रहा है। ऐसे में किसानों ने मांग की कि उन्हें उनके उत्पाद का सही मूल्य दिया जाए।

किसानों की एकजुटता और भविष्य की योजना

किसानों की एकजुटता इस बात का संकेत है कि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि यदि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो वे आगे भी विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे। यह घटना उन सभी के लिए एक सीख है जो कृषि क्षेत्र में काम कर रहे हैं और उनके साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने का साहस जुटा रहे हैं।

किसानों के इस संघर्ष ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि जब बात उनके हक की होती है, तो वे चुप नहीं बैठते। वे अपने अधिकारों के लिए लड़ने को तत्पर हैं, और यह संघर्ष आगे भी जारी रहेगा।

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