Delhi सरकार ने ‘Reserved Forest’ घोषित किया दक्षिणी रिज को प्रदूषण कम करने के लिए



दिल्ली सरकार का महत्वपूर्ण कदम: प्रदूषण कम करने के लिए ‘आरक्षित वन’ क्षेत्र की घोषणा नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने प्रदूषण को कम करने के लिए एक…

Delhi सरकार ने ‘Reserved Forest’ घोषित किया दक्षिणी रिज को प्रदूषण कम करने के लिए

दिल्ली सरकार का महत्वपूर्ण कदम: प्रदूषण कम करने के लिए ‘आरक्षित वन’ क्षेत्र की घोषणा

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने प्रदूषण को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की घोषणा की है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने राजधानी को प्रदूषण से बचाने और पर्यावरण संतुलन को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

दिल्ली सरकार ने 41 किलोमीटर क्षेत्र के ‘दक्षिणी रिज’ को “आरक्षित वन” घोषित करने का निर्णय लिया है, जो दिल्ली के हरे आवरण को बढ़ाने और वायु गुणवत्ता में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह निर्णय न केवल पर्यावरणीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह शहर के निवासियों के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होगा।

‘हरित और टिकाऊ दिल्ली’ की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम

सीएम रेखा गुप्ता ने लिखा, “दिल्ली को प्रदूषण से बचाने और पर्यावरण संतुलन को मजबूत करने के लिए दिल्ली सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। दक्षिणी रिज का 41 किलोमीटर क्षेत्र ‘आरक्षित वन’ घोषित किया गया है, जो दिल्ली के हरे आवरण को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा और वायु गुणवत्ता में सुधार करेगा। यह निर्णय ‘हरित और टिकाऊ दिल्ली’ के संकल्प को पूरा करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।”

इस घोषणा से दिल्ली में प्राकृतिक आवरण को बढ़ावा मिलेगा और इसके परिणामस्वरूप वायु गुणवत्ता में सुधार होगा। प्रदूषण के खतरे को कम करने के लिए यह एक सकारात्मक पहल है, जो न केवल पर्यावरण को सहेजने में मदद करेगी, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी एक स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित करेगी।

दिल्ली-एनसीआर में हरित पटाखों के लिए सुप्रीम कोर्ट का संकेत

इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में दिवाली के दौरान हरे पटाखों को फोड़ने पर प्रतिबंध हटाने का संकेत दिया है। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायाधीश के विनोद चंद्रन की पीठ ने कहा कि वह दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर लगे पूर्ण प्रतिबंध को ढील देने पर विचार करेंगे।

पीठ ने कहा, “अभी के लिए, हम दिवाली के दौरान प्रतिबंध हटाने की अनुमति देंगे।” इस टिप्पणी ने उन लोगों में खुशी की लहर दौड़ा दी है जो दिवाली पर पटाखे फोड़ने की परंपरा को बनाए रखना चाहते हैं।

सॉलिसिटर जनरल का पटाखों पर प्रतिबंध हटाने का अनुरोध

दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा के लिए भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से पटाखों पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने की अपील की। उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया कि दिवाली पर रात 8 बजे से 10 बजे के बीच हरे पटाखे फोड़ने की अनुमति दी जाए। इसके अलावा, क्रिसमस और नववर्ष की पूर्व संध्या पर रात 11:45 बजे से 12:30 बजे तक तथा गुरु पर्व पर एक घंटे के लिए पटाखे फोड़ने की अनुमति मांगी।

सॉलिसिटर जनरल ने आगे कहा कि पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन (PESO) और राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (NEERI) पटाखों के निर्माण का समय-समय पर निरीक्षण करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि केवल अनुमोदित हरे पटाखे बाजार में बेचे जाएं। उन्होंने कहा कि NEERI द्वारा प्रस्तावित केवल हरे पटाखे ही अनुमति प्राप्त होंगे।

सुप्रीम कोर्ट का हरा पटाखों का निर्माण अनुमति देने का निर्णय

26 सितंबर को, उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली में हरे पटाखों के निर्माण की अनुमति दी थी, लेकिन यह शर्त के साथ कि इन्हें एनसीआर में बेचा नहीं जाएगा। यह निर्णय दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए एक और कदम है, जिसका लक्ष्य त्योहारों के दौरान उत्सव के माहौल को बनाए रखने के साथ-साथ पर्यावरण की सुरक्षा करना है।

दिल्ली सरकार और सुप्रीम कोर्ट के इन प्रयासों के चलते, उम्मीद की जा रही है कि दिवाली के इस पर्व पर दिल्लीवासियों को एक स्वस्थ और स्वच्छ वातावरण में त्योहार मनाने का अवसर मिलेगा। यह कदम न केवल वर्तमान पीढ़ी के लिए लाभकारी होगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक स्थायी पर्यावरण सुनिश्चित करेगा।

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