Truth: हरियाणा में आईपीएस और एएसआई की आत्महत्या की सच्चाई क्या है?



हरियाणा में आत्महत्याओं का मामला: भ्रष्टाचार की परतें खुलती जा रही हैं राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में हाल ही में हुए दो आत्महत्याओं के मामलों ने पुलिस विभाग में हलचल…

Truth: हरियाणा में आईपीएस और एएसआई की आत्महत्या की सच्चाई क्या है?

हरियाणा में आत्महत्याओं का मामला: भ्रष्टाचार की परतें खुलती जा रही हैं

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में हाल ही में हुए दो आत्महत्याओं के मामलों ने पुलिस विभाग में हलचल मचा दी है। पहले आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या और उसके बाद एएसआई संदीप लाठर की आत्महत्या ने कई जटिलताओं को जन्म दिया है। संदीप लाठर द्वारा आत्महत्या से पहले रिलीज किए गए वीडियो में उन्होंने वाई पूरन कुमार और उनकी पत्नी आईएएस अधिकारी अमनीत कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इस घटनाक्रम ने जांच की दिशा को भी बदल दिया है और अब इस मामले में दोतरफा जांच की संभावना बढ़ गई है, जिससे वाई पूरन कुमार के परिवार के लिए मुश्किलें बढ़ना तय है।

इस मामले में पद से हटा दिए गए पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर और रोहतक के पूर्व एसपी नरेंद्र बिजारनिया को राहत मिल सकती है। हरियाणा सरकार के लिए अब यह चुनौती होगी कि वह आरोप-प्रत्यारोपों के बीच सच्चाई को कैसे उजागर करती है। पिछले आठ दिनों में हुई दो आत्महत्याओं ने न केवल पुलिस विभाग को हिला कर रख दिया है, बल्कि समाज में भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

दो आत्महत्याओं का कनेक्शन: एक ही रिश्वत कांड

दोनों आत्महत्याओं के पीछे एक ही रिश्वत कांड का मामला सामने आया है, जो कि जांच के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। वाई पूरन कुमार की आत्महत्या की जांच के लिए चंडीगढ़ पुलिस ने एक छह सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। वहीं, एएसआई संदीप लाठर की आत्महत्या की जांच के लिए भी हरियाणा सरकार एक नई एसआईटी बनाने की योजना बना रही है। अगर मामले में कोई समाधान नहीं निकलता है तो पूरी जांच सीबीआई को सौंपने की संभावना भी है।

संदीप लाठर ने 6 अक्टूबर को वाई पूरन कुमार के पीएसओ सुशील को ढाई लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था। पूछताछ के दौरान उसने स्वीकार किया कि वह पूरन कुमार के कहने पर शराब कारोबारी से यह रिश्वत ले रहा था। इस मामले में एक गैंगस्टर द्वारा शराब कारोबारी को धमकाने की घटना भी सामने आई थी, जिसके बाद उसने आईजी पूरन कुमार से मदद मांगी थी।

आत्महत्या के बाद की स्थिति: परिवार की मांगें और जांच की दिशा

वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के बाद से उनके परिजन आरोपित अधिकारियों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज करने और उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। उनके शव का पोस्टमार्टम भी नहीं होने दिया गया। आत्महत्या से पहले जारी वीडियो और सुसाइड नोट में एएसआई संदीप लाठर ने वाई पूरन कुमार को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है। इसके साथ ही उन्होंने अमनीत कुमार पर भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं।

संदीप लाठर के अनुसार, पीएसओ सुशील ने यह दावा किया कि रिश्वत की ढाई लाख रुपये की राशि उनकी बेटी को दी गई थी। इस प्रकार की गंभीर आरोपों ने मामले को और भी जटिल बना दिया है। अब हरियाणा पुलिस ने भी इस मामले में अपनी समानांतर जांच शुरू कर दी है।

चंडीगढ़ पुलिस की एसआईटी और हरियाणा पुलिस की समानांतर जांच

चंडीगढ़ पुलिस की एसआईटी अब रोहतक में डेरा डाले हुए है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि हरियाणा पुलिस भी इस मामले में गंभीरता से जांच कर रही है। एएसआई की आत्महत्या के बाद, राजनीतिक माहौल भी बदलता हुआ नजर आ रहा है। कुछ राजनीतिक दल और संगठन जो इस मामले में दलित प्रताड़ना का मुद्दा बना रहे थे, अब बैकफुट पर दिखाई दे रहे हैं।

जैसे ही एएसआई का वीडियो और सुसाइड नोट सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, उन संगठनों ने इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए चुप्पी साध ली। पुलिस महकमे के कई अधिकारी और कर्मचारी अब शत्रुजीत कपूर और नरेंद्र बिजारनिया के समर्थन में खड़े हो गए हैं। यह स्थिति इस बात का संकेत है कि इस मामले में आगे क्या मोड़ आ सकता है।

भविष्य की दिशा: क्या मिलेगी न्याय की उम्मीद?

हरियाणा में इस प्रकरण ने न केवल पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह भी दर्शाया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में कितनी बाधाएं हैं। आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या सरकार और पुलिस इस मामले में सच्चाई को उजागर कर पाएंगे या यह मामला केवल आरोपों और प्रत्यारोपों में उलझकर रह जाएगा।

इस मामले में आगे क्या घटनाक्रम होंगे, यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन यह निश्चित है कि हरियाणा की सरकार और पुलिस विभाग के लिए यह एक बड़ी चुनौती है।

लेखक –