“Minister’s Plea: ‘गलत इलाज से पति की मौत हुई’, अंबाला में मदद की मांग”



अंबाला में भावनात्मक बैठक: मंत्री रणबीर गंगवा के सामने सुषमा ने बयां किया पति की मौत का दर्द जागरण संवाददाता, अंबाला शहर। पंचायत भवन के सभागार में बुधवार शाम को…

“Minister’s Plea: ‘गलत इलाज से पति की मौत हुई’, अंबाला में मदद की मांग”

अंबाला में भावनात्मक बैठक: मंत्री रणबीर गंगवा के सामने सुषमा ने बयां किया पति की मौत का दर्द

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर। पंचायत भवन के सभागार में बुधवार शाम को आयोजित जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की बैठक उस समय बेहद भावनात्मक हो गई, जब लालकुर्ती निवासी सुषमा ने मंत्री रणबीर सिंह गंगवा के सामने अपने पति की मौत का दर्द साझा किया। उनकी आंखों में आंसू थे और आवाज में कांप थी, जब उन्होंने कहा, “मंत्री जी, मेरे पति की मौत इनकी वजह से हुई… अब मैं अपने बच्चे का पेट कैसे भरूं।”

सुषमा ने आगे बताया कि उनके पति विकास कुमार का पित्ते की पथरी का ऑपरेशन एक निजी अस्पताल में गलत तरीके से किया गया था। इसके बाद उनकी स्थिति बिगड़ती गई, जिसके चलते उन्हें दूसरे अस्पताल में भेजा गया। वहां पर उनके स्वास्थ्य में कैंसर के लक्षण उभरने लगे। सुषमा ने स्पष्ट किया कि उसे यह नहीं बताया गया कि उसके पति को कैंसर है, जिसके कारण उन्हें समय पर सही इलाज नहीं मिल सका।

सुषमा का दर्द: समय पर इलाज न मिलने का आरोप

सुषमा ने कहा, “अगर डॉक्टरों ने सही समय पर बताया होता, तो मेरे पति की जान बच सकती थी।” उन्होंने मंत्री गंगवा से कहा कि यदि उन्हें इस बीमारी की सही जानकारी होती, तो वह अपने पति को चंडीगढ़ ले जाती और वहां उनका पित्ते का ऑपरेशन नहीं कराती। इस पर सीएमओ ने जवाब दिया कि मरीज का इलाज आयुष्मान कार्ड के तहत किया गया था और परिवार से कोई पैसा नहीं लिया गया।

मंत्री गंगवा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मेडिकल नेग्लिजेंसी बोर्ड से जांच कराने के आदेश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसी डॉक्टर या अस्पताल की लापरवाही पाई जाती है, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही, मंत्री ने सुषमा को पंडित दीनदयाल उपाध्याय सहायता योजना के तहत आर्थिक मदद देने के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिए।

पति की मौत के बाद ससुराल पक्ष से प्रताड़ना की शिकायत

बैठक में सुषमा ने यह भी बताया कि उसके पति की मौत के बाद उसका ससुराल पक्ष उसे लगातार प्रताड़ित कर रहा है। इस पर मंत्री गंगवा ने पुलिस अधीक्षक को तुरंत कार्रवाई के आदेश देते हुए कहा कि पीड़िता को सुरक्षा और न्याय दोनों मिलना चाहिए। मंत्री का यह कदम सुषमा के लिए एक आशा की किरण साबित हो सकता है, जो कि अपनी और अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए संघर्ष कर रही हैं।

जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की भूमिका

जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति का उद्देश्य स्थानीय समस्याओं को सुनना और उनका समाधान करना है। इस बैठक में सुषमा जैसे कई अन्य नागरिकों ने भी अपने मुद्दे उठाए। मंत्री गंगवा ने सभी समस्याओं को सुनने के बाद उनके समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।

  • मंत्री गंगवा ने मेडिकल नेग्लिजेंसी मामलों की गंभीरता पर जोर दिया।
  • सुषमा को आर्थिक मदद देने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना का लाभ दिलाने का आश्वासन दिया।
  • पुलिस अधीक्षक को सुषमा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

इस बैठक ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकार नागरिकों की समस्याओं को गंभीरता से लेती है और उनके समाधान के लिए तत्पर है। सुषमा की जैसे कई अन्य लोग भी हैं, जो न्याय की तलाश में हैं। ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार इन मामलों को कितनी गंभीरता से लेती है और पीड़ितों को न्याय दिलाने में कितनी सफल होती है।

इस तरह की घटनाएं समाज में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठाती हैं और यह आवश्यक है कि ऐसे मामलों में सुधार लाया जाए, ताकि भविष्य में किसी और को इस तरह की पीड़ा का सामना न करना पड़े।

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