Lockdown: यमुनानगर में किराए के मकान में गनमैन सुशील का परिवार



यमुनानगर में एडीजीपी के गनमैन का मकान ताला बंद, परिचितों में हलचल जागरण संवाददाता, यमुनानगर। यमुनानगर के सरोजिनी कॉलोनी स्थित लक्ष्मीनगर में एक दो मंजिला कोठी पर सेल का बैनर…

Lockdown: यमुनानगर में किराए के मकान में गनमैन सुशील का परिवार

यमुनानगर में एडीजीपी के गनमैन का मकान ताला बंद, परिचितों में हलचल

जागरण संवाददाता, यमुनानगर। यमुनानगर के सरोजिनी कॉलोनी स्थित लक्ष्मीनगर में एक दो मंजिला कोठी पर सेल का बैनर लगा हुआ है। इस कोठी में दूसरी मंजिल पर एडीजीपी वाई पूरन कुमार का गनमैन सुशील कुमार अपने परिवार के साथ निवास करते थे। हालाँकि, हाल की एक घटना के बाद से यह मकान ताला बंद है और यहाँ कोई भी नहीं दिखाई दे रहा है। सुशील कुमार के परिचित लगातार यहाँ आ रहे हैं, लेकिन ताले के कारण उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं मिल रही है।

कोठी के बाहर ताले के लगे होने के कारण सुशील के मित्र और रिश्तेदार दरवाजे को खटखटाते हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिलता। यहाँ के निवासी बताते हैं कि इस क्षेत्र में ज्यादातर बड़ी कोठियाँ हैं और लोग एक-दूसरे से ज्यादा बातचीत नहीं करते हैं। सुशील कुमार और उनकी पत्नी आमतौर पर अपने पड़ोसियों से भी कम ही बातचीत करते थे, जिसके कारण उनके बारे में जानने की जिज्ञासा और भी बढ़ गई है।

कोठी के हालात और पड़ोसियों की प्रतिक्रिया

कोठी का निचला हिस्सा खाली पड़ा है, जबकि ऊपर की मंजिल पर जाने के लिए बाहर से सीढ़ियाँ बनाई गई हैं। सुशील कुमार की गिरफ्तारी के बाद से ही इस मकान पर ताला लगा हुआ है और मकान के मालिक ने इसके बिक्री के लिए बैनर भी लगा रखा है, जिसमें अपना फोन नंबर भी लिखा है। जब मकान के मुख्य द्वार पर लगे कुंडे को खटखटाया गया, तो कोई भी बाहर नहीं आया।

हालांकि, कुंडे की आवाज सुनकर एक बुजुर्ग व्यक्ति बाहर आए और जानकारी दी कि यह मकान लगभग सात दिनों से बंद पड़ा है। उन्होंने बताया कि सुशील कुमार का परिवार अपने बच्चों के साथ कहीं चला गया है। जब आस-पड़ोस के लोगों से बातचीत करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने बताया कि सुशील और उनकी पत्नी सामान्यतः किसी से ज्यादा बात नहीं करते थे।

परिचितों का लगातार आना-जाना

सुशील कुमार के मकान पर हर रोज उनके परिचितों का आना-जाना लगा हुआ है। वे दरवाजे को खटखटाते हैं, लेकिन जब कोई जवाब नहीं मिलता, तो वे गेट के ऊपर से झांककर और आसपास के लोगों से पूछताछ करके वापस लौट जाते हैं। यह स्थिति इलाके में चर्चा का विषय बन गई है और लोगों में जिज्ञासा बढ़ गई है कि आखिर सुशील कुमार और उनका परिवार कहाँ चला गया है।

  • सुशील कुमार का मकान ताला बंद है।
  • बुजुर्ग पड़ोसी ने बताया कि यह मकान लगभग सात दिनों से बंद है।
  • मकान के मालिक ने बिक्री के लिए बैनर लगाया है।
  • परिचितों का लगातार आना-जाना हो रहा है।

इस मामले ने स्थानीय लोगों के बीच कई सवाल उठाए हैं और सभी यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि सुशील कुमार और उनका परिवार अचानक कहाँ चला गया। इस संदर्भ में पुलिस या अन्य अधिकारियों द्वारा कोई बयान जारी नहीं किया गया है, जिससे स्थिति और भी रहस्यमय बन गई है।

जैसे-जैसे समय बीत रहा है, लोग इस घटना के पीछे के कारणों को जानने की कोशिश कर रहे हैं। क्या सुशील कुमार की गिरफ्तारी का इस घटना से कोई संबंध है? या फिर यह परिवार किसी अन्य कारण से यहाँ से चला गया है? इन सवालों के जवाब अभी भी अधूरे हैं और आने वाले समय में इस मामले में और जानकारी सामने आने की संभावना है।

इस तरह की घटनाएँ न केवल स्थानीय समुदाय को प्रभावित करती हैं, बल्कि यह सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाती हैं। लोग अब यह सोचने पर मजबूर हैं कि क्या इस तरह के सुरक्षाकर्मियों की गतिविधियों पर और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

आने वाले दिनों में उम्मीद की जा रही है कि पुलिस इस मामले में अधिक जानकारी प्रदान करेगी और संदिग्ध परिस्थितियों के बारे में स्पष्टता लाएगी। यमुनानगर के लोग इस मामले में पूरी चौकसी बरत रहे हैं और हर छोटे-बड़े घटनाक्रम पर नज़र रख रहे हैं।

अंततः, यह घटना न केवल एक व्यक्तिगत मामले की ओर इशारा करती है, बल्कि यह एक बड़ी सुरक्षा और सामाजिक समस्या को भी उजागर करती है। ऐसे में, स्थानीय प्रशासन को जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए ताकि लोगों में व्याप्त आशंका दूर हो सके।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ें

लेखक –