जीएसटी में बदलाव: वित्त मंत्री की नई दिशा निर्देश
छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने जीएसटी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि राज्य में कोई भी सामान पुरानी कीमत पर नहीं बेचा जाएगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोगों को जीएसटी छूट का पूरा लाभ मिलना चाहिए। मंत्री ने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे राजस्व बढ़ाने की दिशा में ठोस कदम उठाएं और अपने कार्य को बेहतर तरीके से निभाएं। यह निर्देश मंत्री ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में दिए।
राजस्व की स्थिति और जीएसटी 2.0 के लाभ
चौधरी ने बताया कि जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से 2022 तक राज्य को 14 प्रतिशत राजस्व में कमी का सामना करना पड़ा था, जिसके लिए केंद्र से मुआवजा मिलता रहा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य की वित्तीय स्थिति को मजबूत करना विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है। जीएसटी 2.0 के तहत टैक्स दरों में कमी का लाभ सीधे जनता तक पहुंचाना अनिवार्य है।
उन्होंने व्यापारियों को चेतावनी दी कि यदि वे राज्य के बाहर से बेस ऑयल मंगाकर बिना टैक्स के बेचते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कदम कर चोरी को रोकने के लिए आवश्यक है और इसके लिए संगठित और ठोस प्रयासों की आवश्यकता है।
आधिकारिक कार्यप्रणाली में सुधार
वित्त मंत्री ने अधिकारियों को कार्य में पेशेवर दृष्टिकोण अपनाने, अनुशासन बनाए रखने और कार्यालय में नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देश दिए। इसके लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति और सीसीटीवी निगरानी प्रणाली का उपयोग अनिवार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि फर्जी या गैर-पंजीकृत फर्मों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
चौधरी ने महाराष्ट्र और गुजरात में लागू सफल कर प्रबंधन प्रणालियों का अध्ययन कर उन्हें छत्तीसगढ़ में लागू करने की योजना भी साझा की। इस बैठक में वित्त सचिव मुकेश बंसल और आयुक्त राज्य कर पुष्पेन्द्र मीणा सहित विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
जीएसटी की नई दरों का प्रभाव
विशेष छूट के तहत लगभग **99 प्रतिशत वस्तुएं** अब 5 प्रतिशत जीएसटी स्लैब में लाई गई हैं, जिससे ग्राहकों को बड़ी बचत हो रही है। जैसे कि ट्रैक्टर जैसी कृषि मशीनरी पर **60,000 रुपये से 1,20,000 रुपये** तक की बचत हो रही है। इसके अतिरिक्त, व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम अब जीएसटी मुक्त हैं, जिससे परिवारों को सालाना हजारों रुपये की बचत होगी।
नई कीमतों का उल्लेख अनिवार्य
केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी दरों में कमी किए जाने के बाद, छत्तीसगढ़ राज्य सरकार का पूरा ध्यान लोगों को छूट का लाभ देने पर है। वित्त मंत्री ने अधिकारियों से स्पष्ट कहा कि प्रदेश में कोई भी सामान पुरानी कीमत पर नहीं बेचा जाएगा। यदि कोई पुराना स्टॉक उपलब्ध है, तो उस पर नई संशोधित दरें लागू की जाएंगी।
अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि सभी वस्तुएं केवल नई दरों पर ही बेची जाएं, ताकि जीएसटी दरों में की गई कटौती का लाभ सीधे ग्राहकों को मिल सके। चौधरी ने ‘जीएसटी बचत उत्सव’ की दैनिक रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने और राज्य स्तर पर इसकी नियमित समीक्षा करने का भी आश्वासन दिया।
लोगों को सीधा लाभ पहुंचाना प्राथमिकता
22 सितंबर से लागू हुए जीएसटी 2.0 सुधारों का मुख्य उद्देश्य हर परिवार को प्रत्यक्ष लाभ पहुंचाना है। इसके तहत स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण राहत दी गई है। अधिकांश दवाइयों, मेडिकल उपकरणों और डायग्नोस्टिक किट पर जीएसटी दर को **12 फीसदी से 5 फीसदी** कर दिया गया है, जबकि कई जीवन रक्षक दवाइयां पूरी तरह टैक्स मुक्त कर दी गई हैं। इससे न केवल आम जनता को स्वास्थ्य खर्च में राहत मिली है, बल्कि घरेलू बजट पर भी सकारात्मक असर पड़ा है।
इस प्रकार, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी के निर्देशों और जीएसटी 2.0 के लाभों के माध्यम से छत्तीसगढ़ सरकार ने लोगों को आर्थिक राहत देने का एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इन नीतियों का कार्यान्वयन किस प्रकार किया जाता है और इसका वास्तविक प्रभाव जनता पर कितना पड़ता है।