झारखंड हाईकोर्ट में नगर निगम कर्मचारियों की वेतनमान और प्रोन्नति की मांग पर सुनवाई
झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को रांची नगर निगम में थर्ड ग्रेड के कर्मचारियों के लिए निर्धारित वेतनमान और प्रोन्नति की मांग को लेकर एक महत्वपूर्ण याचिका पर सुनवाई की गई। इस मामले की सुनवाई जस्टिस आनंद सेन की अदालत में हुई, जहां नगर निगम को विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है। याचिका में यह मांग की गई है कि उन कर्मचारियों को ग्रेड-3 के अनुसार वेतन और सुविधाएं प्रदान की जाएं जो पिछले 20 वर्षों से चतुर्थ श्रेणी के पद पर कार्यरत हैं लेकिन उन्हें थर्ड ग्रेड का काम सौंपा गया है।
नगर निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नरेश राम द्वारा दाखिल की गई इस याचिका में बताया गया है कि ये कर्मचारी अपनी कार्य कुशलता और मेहनत के कारण ग्रेड-3 के कार्य में लगे हुए हैं। सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता प्रेम पुजारी ने अदालत को यह जानकारी दी कि नगर निगम को निर्देश दिया जाना चाहिए कि इन कर्मचारियों की नियमित पदोन्नति की जाए और ग्रेड-3 के अनुसार वेतन का भुगतान किया जाए। अदालत ने नगर निगम से यह भी जानना चाहा कि आज की तारीख में ग्रेड-3 के कितने पद रिक्त हैं और उन पदों पर कार्यरत कर्मचारियों की स्थिति क्या है।
थैलेसीमिया रोगियों के इलाज के लिए हेमेटोलॉजिस्ट की नियुक्ति
झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को थैलेसीमिया से पीड़ित रोगियों के इलाज और हेमेटोलॉजिस्ट की नियुक्ति की मांग को लेकर जनहित याचिका पर भी सुनवाई हुई। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि दिसंबर तक हेमेटोलॉजिस्ट की नियुक्ति की प्रक्रिया को पूरा किया जाए। अदालत ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाई जाए, राज्य सरकार को एक विशेष शपथ पत्र दाखिल करने का आदेश दिया जिसमें यह बताया जाए कि अब तक हेमेटोलॉजिस्ट की नियुक्ति के लिए किन कदमों को उठाया गया है। अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी।
झारखंड हाईकोर्ट ने नगर निगम से पूछी स्थिति
झारखंड हाईकोर्ट ने नगर निगम से यह भी पूछा कि क्या स्थिति है और क्या कदम उठाए गए हैं। यह सुनवाई कर्मचारियों के साथ-साथ थैलेसीमिया के मरीजों के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार को इन मुद्दों पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि कर्मचारियों और रोगियों के अधिकारों की रक्षा हो सके।
- नगर निगम कर्मचारियों को ग्रेड-3 के अनुसार वेतनमान और पदोन्नति देने की मांग की गई।
- 20 वर्षों से कार्यरत चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को थर्ड ग्रेड का काम सौंपा गया है।
- थैलेसीमिया पीड़ितों के इलाज के लिए दिसंबर तक हेमेटोलॉजिस्ट की नियुक्ति सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया।
- अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी, जिसमें राज्य सरकार को अपनी प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।
इन मुद्दों पर अदालत की सक्रियता यह दर्शाती है कि न्यायालय अपने नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए तत्पर है। अब देखना यह है कि राज्य सरकार इन निर्देशों का पालन कैसे करती है और कर्मचारियों तथा रोगियों के लिए क्या समाधान निकालती है।
समाज के विभिन्न वर्गों के लिए यह घटनाक्रम बेहद महत्वपूर्ण है। नगर निगम के कर्मचारी लंबे समय से उचित वेतन और पदोन्नति की मांग कर रहे हैं, जबकि थैलेसीमिया पीड़ितों को भी बेहतर चिकित्सा सुविधाओं की आवश्यकता है। इन मुद्दों पर अदालत का हस्तक्षेप निश्चित रूप से स्थिति को सुधारने में मददगार साबित होगा।