धमतरी में पंडित धीरेंद्र शास्त्री का स्वागत और धर्मांतरण पर महत्वपूर्ण चर्चा
छत्तीसगढ़ के धमतरी में बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र शास्त्री का आगमन हुआ। उन्होंने गंगरेल बांध स्थित माँ अंगारमोती धाम में विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। इस दौरान पंडित शास्त्री ने मीडिया से बातचीत करते हुए धर्मांतरण को देश की सबसे बड़ी बीमारी करार दिया। उनके इस बयान ने विभिन्न वर्गों में चर्चा का विषय बना दिया है।
गुरुवार सुबह पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने मां अंगारमोती के दर्शन किए। उनके साथ आए भक्तों ने उनका भव्य स्वागत किया और आशीर्वाद प्राप्त किया। मंदिर में पंडित शास्त्री ने मत्था टेका और विधि-विधान से पूजा की। पूजा के बाद मंदिर के पुजारी ने उन्हें माता की चुनरी भेंट की और पगड़ी पहनाई। इस अवसर पर भक्तों की भीड़ ने उनके प्रति आस्था और सम्मान का प्रदर्शन किया।
रायपुर से धमतरी पहुंचने का सफर
पंडित धीरेंद्र शास्त्री रायपुर के गुढ़ियारी में चल रही एक कथा का समापन करने के बाद धमतरी पहुंचे थे। सूत्रों के अनुसार, जब भी बागेश्वर सरकार छत्तीसगढ़ के दौरे पर आते हैं, वे मां अंगारमोती के दर्शन अवश्य करते हैं। यह उनकी परंपरा बन चुकी है कि वे यहाँ आकर आशीर्वाद लेकर लौटते हैं।
मीडिया से बातचीत में पंडित शास्त्री ने धर्मांतरण के विषय पर गहन विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि इसे रोकने के लिए समस्त हिंदुओं को जागृत होना होगा। उनका मानना है कि जब तक हिंदू समाज स्वयं जागृत नहीं होता, तब तक किसी बाहरी शक्ति से धर्मांतरण नहीं रुक सकता। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि धर्मांतरण देश की सबसे बड़ी बीमारी है, जिसे गंभीरता से लेना आवश्यक है।
हिंदू एकता का आह्वान
पंडित शास्त्री ने हिंदू एकता की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण को रोकने के लिए कठोर कानून बनाने की आवश्यकता है और हिंदुओं को जातिगत भेदभाव मिटाकर एकजुट होना होगा। उन्होंने अपील की कि पिछड़े और बिछड़े लोगों को गले लगाकर ही समाज में एकता स्थापित की जा सकती है। इसके साथ ही, उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि वे भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए प्रार्थना कर रहे हैं, और इस कार्य में भगवान का आशीर्वाद महत्वपूर्ण है।
इस दौरान पंडित शास्त्री ने कहा कि एकता में शक्ति होती है और जब हिंदू एकजुट होते हैं, तब ही धर्मांतरण जैसी समस्याओं का समाधान संभव है। उन्होंने उपस्थित लोगों को प्रेरित किया कि वे अपनी धार्मिक आस्था को बनाए रखें और दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक करें।
धर्मांतरण के मुद्दे पर सोशल मीडिया का रुझान
पंडित धीरेंद्र शास्त्री के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रियाएँ आना शुरू हो गई हैं। अनेक लोग उनके विचारों का समर्थन कर रहे हैं, जबकि कुछ ने इसे विवादास्पद भी बताया है। इस मुद्दे पर विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने भी अपनी राय व्यक्त की है।
धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर चल रही चर्चाएँ इस बात का संकेत हैं कि यह एक संवेदनशील विषय है, जिस पर विभिन्न विचारधाराएँ और दृष्टिकोण हैं। पंडित शास्त्री की बातें इस विषय पर एक नई बहस शुरू कर सकती हैं, जो आगे चलकर समाज में जागरूकता बढ़ाने का कार्य करेगी।
निष्कर्ष
धर्मांतरण की समस्या और इसके समाधान पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री के विचारों ने निश्चित रूप से ध्यान आकर्षित किया है। उनके आगमन और पूजा-अर्चना के दौरान मिले समर्थन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि लोग अपने धार्मिक मूल्यों को लेकर कितने जागरूक हैं। इस प्रकार की चर्चाएँ समाज में एकजुटता और जागरूकता का संचार करने में सहायक हो सकती हैं। आगे आने वाले समय में इस विषय पर और भी गहराई से चर्चा होने की संभावना है।