CPI: कोंडागांव में राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा, स्थानीय बेरोजगारों को प्राथमिकता की मांग



सीपीआई ने कोंडागांव में एसडीएम को ज्ञापन सौंपा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के प्रतिनिधिमंडल ने आज कोंडागांव जिला परिषद के माध्यम से एसडीएम को एक ज्ञापन सौंपा है। इस ज्ञापन…

CPI: कोंडागांव में राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा, स्थानीय बेरोजगारों को प्राथमिकता की मांग

सीपीआई ने कोंडागांव में एसडीएम को ज्ञापन सौंपा

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के प्रतिनिधिमंडल ने आज कोंडागांव जिला परिषद के माध्यम से एसडीएम को एक ज्ञापन सौंपा है। इस ज्ञापन में उन्होंने छत्तीसगढ़ के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए बस्तर संभाग के शिक्षित स्थानीय बेरोजगारों के लिए तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी की सभी सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देने की मांग की है।

स्थानीय बेरोजगारों के अधिकारों की रक्षा की आवश्यकता

ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि बस्तर संभाग, जो आदिवासी बहुल तथा सामाजिक रूप से पिछड़ा हुआ क्षेत्र है, को संविधान की पांचवीं अनुसूची के तहत विशेष संरक्षण प्राप्त है। इसके बावजूद, तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की नियुक्तियों में बाहरी जिलों के अभ्यर्थियों को अवसर मिल रहा है, जिससे स्थानीय शिक्षित युवाओं के अधिकारों का हनन हो रहा है। सीपीआई ने स्थानीय स्थायी निवासियों को प्राथमिकता देने और इस अधिकार को विधिक संरक्षण प्रदान करने की मांग की है।

खनिज संपदा के दोहन पर सीपीआई का सख्त रुख

सीपीआई ने खनिज संपदा के संबंध में भी स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए हैं। पार्टी ने मांग की है कि स्थानीय सहकारी समितियों या सार्वजनिक उपक्रमों के माध्यम से ही खनिजों का उत्खनन किया जाए। इसके अलावा, किसी भी खदान की लीज देने से पहले ग्राम सभा की अनुमति अनिवार्य करने की बात कही गई है। सीपीआई ने निजी और बहुराष्ट्रीय कंपनियों को नई लीज देने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का भी अनुरोध किया है।

स्थायी रोजगार नीति की आवश्यकता

ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि एनएमडीसी और नगरनार स्टील प्लांट जैसे सार्वजनिक संस्थानों में ठेकेदारी प्रथा समाप्त कर स्थायी रोजगार नीति लागू की जाए। इस मुद्दे पर पार्टी के कई वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे, जिन्होंने इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

सीपीआई की चेतावनी: जनआंदोलन की तैयारी

सीपीआई ने चेतावनी दी है कि यदि शासन-प्रशासन ने इन मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया, तो संगठन बस्तर के जनसमर्थन के साथ एक व्यापक जनआंदोलन चलाने के लिए बाध्य होगा। पार्टी ने कहा कि इस स्थिति की पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।

प्रतिनिधिमंडल की उपस्थिति

ज्ञापन सौंपने के दौरान सीपीआई राज्य परिषद के सचिव मंडल सदस्य तिलक, जिला सचिव शैलेश, सह सचिव दिनेश, जयप्रकाश, लक्ष्मण, मुकेश, सरादू, बिसम्बर, रिंकू, रामचंद, रमेश, रामसिंह, शिवशंकर, देवनाथ, गंदरू, सवालाल, लाल कुमार, रामकुमार, सुबरू सहित अनेक अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। इन सभी ने अपनी-अपनी बात रखते हुए स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

समाज के प्रति सीपीआई की प्रतिबद्धता

सीपीआई ने स्पष्ट किया है कि वे स्थानीय बेरोजगारों के अधिकारों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। पार्टी का मानना है कि समाज में समानता और अवसर की उपलब्धता सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है। इस दिशा में सीपीआई द्वारा उठाए गए कदम न केवल स्थानीय लोगों के लिए लाभकारी होंगे, बल्कि क्षेत्र के विकास में भी सहायक सिद्ध होंगे।

इस ज्ञापन के माध्यम से सीपीआई ने यह संदेश दिया है कि वे अपने स्थानीय समुदाय के अधिकारों के लिए सख्त और दृढ़ता से खड़े हैं और किसी भी प्रकार के अन्याय को सहन नहीं करेंगे। आने वाले समय में यह देखना होगा कि शासन-प्रशासन इस मुद्दे पर क्या कदम उठाता है और क्या स्थानीय बेरोजगारों को उनका हक मिल पाता है।

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