“Endangered प्रजातियाँ: विश्व की 7 सबसे संकटग्रस्त प्रजातियाँ”



दुनिया की 7 सबसे संकटग्रस्त प्रजातियाँ दुनिया की सबसे संकटग्रस्त प्रजातियाँ वर्तमान समय में, दुनिया की जैव विविधता तेजी से घट रही है। वैश्विक तापमान में वृद्धि और वनों की…

“Endangered प्रजातियाँ: विश्व की 7 सबसे संकटग्रस्त प्रजातियाँ”






दुनिया की 7 सबसे संकटग्रस्त प्रजातियाँ



दुनिया की सबसे संकटग्रस्त प्रजातियाँ

वर्तमान समय में, दुनिया की जैव विविधता तेजी से घट रही है। वैश्विक तापमान में वृद्धि और वनों की कटाई ने वन्यजीवों को संकट में डाल दिया है। IUCN की रेड लिस्ट के अनुसार, 47,000 से अधिक प्रजातियाँ विलुप्त होने के कगार पर हैं। इस लेख में, हम दुनिया की 7 सबसे संकटग्रस्त प्रजातियों पर प्रकाश डालेंगे जो विलुप्ति की कगार पर हैं।

1. अमूर तेंदुआ

अमूर तेंदुआ, जो मुख्यतः रूस और चीन के सीमावर्ती क्षेत्रों में पाया जाता है, वर्तमान में सबसे संकटग्रस्त प्रजातियों में से एक है। इसकी संख्या केवल 100 से भी कम रह गई है। यह तेंदुआ अपने खूबसूरत धब्बों और अद्वितीय शिकार कौशल के लिए जाना जाता है। इसके संरक्षण के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अवैध शिकार और प्राकृतिक आवास के नुकसान के कारण इसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।

2. सुंडा पैंगोलिन

सुंडा पैंगोलिन एशिया की सबसे संकटग्रस्त प्रजातियों में से एक है। इसकी खाल का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में किया जाता है, जिसके कारण इसका शिकार बढ़ता जा रहा है। इसके अलावा, वनों की कटाई और प्राकृतिक आवास का नुकसान भी इस प्रजाति के अस्तित्व को खतरे में डाल रहा है।

3. काला गैंडा

काले गैंडे की स्थिति भी अत्यंत गंभीर है। इसकी संख्या में लगातार गिरावट आ रही है, जो मुख्यतः शिकार और प्राकृतिक आवास के नुकसान के कारण है। IUCN के अनुसार, इस प्रजाति की संख्या केवल 5,000 के आसपास रह गई है। गैंडे की सींगों की मांग के कारण इसका शिकार किया जा रहा है, जो इसके संरक्षण के लिए एक बड़ा खतरा है।

4. बोर्नियन ओरंगुटान

बोर्नियन ओरंगुटान, जो केवल बोर्नियो द्वीप पर पाया जाता है, अपने प्राकृतिक आवास के नुकसान और शिकार के कारण संकट में है। इसकी संख्या लगातार घट रही है और वर्तमान में 55,000 से कम बची हैं। यह प्रजाति अपने सामाजिक व्यवहार और बुद्धिमत्ता के लिए जानी जाती है।

5. पर्वतीय गोरिल्ला

पर्वतीय गोरिल्ला, जो उगंडा और रवांडा के पर्वतीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं, अत्यधिक संकटग्रस्त हैं। इनकी संख्या भी लगभग 1,000 रह गई है। इनके संरक्षण के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अवैध शिकार और मानव गतिविधियों के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है।

6. तिब्बती बकरी (नकली बकरा)

तिब्बती बकरी, जिसे नकली बकरा भी कहा जाता है, अपने ऊन के लिए शिकार का शिकार बन रही है। इसकी संख्या तेजी से घट रही है, और यह भी संकटग्रस्त प्रजातियों की सूची में शामिल है।

7. जलीय कछुआ

जलवायु परिवर्तन और समुद्री प्रदूषण के कारण जलीय कछुओं की संख्या भी घट रही है। ये जीव अपने अंडों को समुद्र तटों पर छोड़ते हैं, लेकिन समुद्र का प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन उनके अस्तित्व के लिए गंभीर खतरा है।

संरक्षण के प्रयास

इन प्रजातियों के संरक्षण के लिए विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। CITES (Convention on International Trade in Endangered Species) जैसी संस्थाएं इन प्रजातियों की सुरक्षा के लिए कड़े नियम बनाती हैं। इसके अलावा, स्थानीय समुदायों को भी इन प्रजातियों के संरक्षण में शामिल किया जा रहा है, ताकि वे अपने प्राकृतिक आवास की रक्षा कर सकें।

निष्कर्ष

दुनिया की ये संकटग्रस्त प्रजातियाँ केवल जैव विविधता का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि हमारे पारिस्थितिकी तंत्र के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। इनका संरक्षण करना आवश्यक है, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इन अद्भुत जीवों को देख सकें। हमें मिलकर इनके संरक्षण की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि ये प्रजातियाँ संकट से बाहर आ सकें और हमारी धरती पर जीवित रह सकें।


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