दिल्ली के चित्तरंजन पार्क में प्रधानमंत्री मोदी ने मनाया दुर्गा पूजा
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दिल्ली के चित्तरंजन पार्क में दुर्गा पूजा के उत्सव में भाग लिया। यह अवसर महाअष्टमी का था, जो देवी दुर्गा की पूजा के दौरान विशेष महत्व रखता है। उनके इस दौरे में उन्होंने काली बाड़ी मंदिर का भ्रमण किया और वहाँ पर पूजा-अर्चना की। यह कार्यक्रम न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण था, जिसमें प्रधानमंत्री ने आम जनता के साथ मिलकर उत्सव का आनंद लिया।
प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे का उद्देश्य केवल धार्मिक पूजा करना नहीं था, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं को भी प्रोत्साहित करने के लिए था। चित्तरंजन पार्क में दुर्गा पूजा का उत्सव हर साल धूमधाम से मनाया जाता है, और इस बार प्रधानमंत्री का आगमन इसे और भी खास बना गया। उन्होंने लोगों के साथ संवाद किया और इस पवित्र अवसर पर उनके साथ अपनी शुभकामनाएँ साझा की।
महाअष्टमी के महत्व और पूजा की परंपराएँ
महाअष्टमी, जिसे दुर्गा पूजा का मुख्य दिन माना जाता है, इस दिन देवी दुर्गा की आराधना की जाती है। इस दिन भक्तगण विशेष अनुष्ठान करते हैं और देवी से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उपवास रखते हैं। विशेषकर, इस दिन कुमारी पूजा का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें कन्याओं को देवी का स्वरूप मानकर उनकी पूजा की जाती है।
दुर्गा पूजा का यह पर्व भारत में विशेष रूप से बंगाली समुदाय के बीच बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान नृत्य, संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिससे धार्मिक उत्सव का माहौल और भी जीवंत हो जाता है। प्रधानमंत्री मोदी का इस पर्व में भाग लेना इस बात का प्रतीक है कि वे भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति कितने समर्पित हैं।
काली बाड़ी मंदिर का महत्व
काली बाड़ी मंदिर, जो चित्तरंजन पार्क में स्थित है, एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर देवी काली को समर्पित है और यहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु पूजा करने आते हैं। इस मंदिर में एक विशेष प्रकार की भक्ति और श्रद्धा का माहौल बना रहता है, जो भक्तों को आकर्षित करता है। प्रधानमंत्री मोदी का यहाँ जाकर पूजा करना इस स्थान की धार्मिक महत्ता को और भी बढ़ाता है।
- काली बाड़ी मंदिर का निर्माण 1970 में हुआ था।
- यह मंदिर दिल्ली में बंगाली संस्कृति का प्रमुख केंद्र है।
- हर साल यहाँ दुर्गा पूजा के दौरान विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं।
प्रधानमंत्री का संदेश और उत्सव का महत्व
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि दुर्गा पूजा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह एकता, भक्ति और भारतीय संस्कृति के प्रति श्रद्धा का भी प्रतीक है। उन्होंने सभी देशवासियों से अपील की कि वे इस पवित्र पर्व को एकता और भाईचारे के साथ मनाएँ।
इस बार का दुर्गा पूजा उत्सव विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सभी समुदायों को एक साथ लाने का कार्य करता है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने शब्दों में कहा कि यह पर्व हमें एकजुट होकर अपने समाज और संस्कृति को सशक्त बनाने की प्रेरणा देता है। उनका यह संदेश निश्चित रूप से हर भारतीय के दिल में गहराई से उतरेगा।
निष्कर्ष
इस प्रकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चित्तरंजन पार्क में दुर्गा पूजा में भाग लेना न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि यह भारतीय संस्कृति के प्रति उनके समर्थन का भी प्रतीक है। यह कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण उदाहरण है कि कैसे राजनैतिक नेता भी धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में भाग लेकर समाज के साथ जुड़ सकते हैं। इस महाअष्टमी के अवसर पर हमें भी इस पर्व की गहराई और महत्व को समझते हुए इसे धूमधाम से मनाना चाहिए।