‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज पर केंद्रीय कमिटी का गठन, सुप्रीम कोर्ट ने निर्माता को पेश होने का दिया निर्देश



केंद्र ने बनाई समिति राजस्थान के कन्हैयालाल हत्याकांड पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज पर निर्णय लेने के लिए केंद्र सरकार ने एक समिति का गठन किया है। सूचना…

‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज पर केंद्रीय कमिटी का गठन, सुप्रीम कोर्ट ने निर्माता को पेश होने का दिया निर्देश

केंद्र ने बनाई समिति

राजस्थान के कन्हैयालाल हत्याकांड पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज पर निर्णय लेने के लिए केंद्र सरकार ने एक समिति का गठन किया है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय इस फिल्म की स्क्रीनिंग करेगा और उसके आधार पर एक रिपोर्ट तैयार करेगा। इसके बाद यह तय किया जाएगा कि फिल्म को रिलीज किया जाए या नहीं।

सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज पर तुरंत कोई आदेश देने से मना कर दिया है। कोर्ट ने सभी पक्षों को केंद्रीय सूचना-प्रसारण मंत्रालय द्वारा गठित समिति के सामने अपनी बात रखने का अवसर देने का निर्देश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार, 21 जुलाई को होगी।

कन्हैयालाल हत्याकांड का विवरण

कन्हैयालाल, जो जून 2022 में उदयपुर में एक दर्जी के रूप में कार्यरत थे, की गला काटकर हत्या कर दी गई थी। यह हत्या उस समय हुई जब बीजेपी नेता नूपुर शर्मा द्वारा पैगम्बर मोहम्मद के बारे में दिए गए बयान को लेकर विवाद चल रहा था। कन्हैयालाल ने नूपुर का समर्थन करने वाला एक पोस्ट सोशल मीडिया पर साझा किया था, जिसके कारण उन्हें मोहम्मद रियाज़ और मोहम्मद गौस द्वारा हत्या का शिकार बनाया गया। आरोप है कि अन्य कई लोग भी इस हत्या में शामिल थे।

दिल्ली हाई कोर्ट का आदेश

दिल्ली हाई कोर्ट ने 10 जुलाई को जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने केंद्र सरकार को सिनेमेटोग्राफी एक्ट की धारा 6 के तहत मामले पर विचार करने का निर्देश दिया। इसके बाद फिल्म के निर्माता सुप्रीम कोर्ट गए हैं। इसके साथ ही, कन्हैयालाल हत्याकांड के एक आरोपी जावेद ने भी फिल्म की रिलीज को रोकने के लिए याचिका दायर की है।

वकीलों की उपस्थिति

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान फिल्म निर्माता का पक्ष वरिष्ठ वकील गौरव भाटिया और वकील सैयद रिज़वान अहमद ने रखा। जमीयत की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और मोहम्मद जावेद की ओर से मेनका गुरुस्वामी ने बहस की।

सामाजिक सौहार्द की चिंता

निर्माता के वकील गौरव भाटिया ने अदालत में कहा कि सिनेमा हॉल में फिल्म का प्रदर्शन रोकने से निर्माताओं को आर्थिक नुकसान हो रहा है। इस पर जस्टिस सूर्य कांत ने कहा कि दूसरा पक्ष फिल्म से सामाजिक सौहार्द के नुकसान की बात कर रहा है। आर्थिक नुकसान की भरपाई हो सकती है, लेकिन सामाजिक नुकसान की भरपाई करना मुश्किल है।

पुलिस सुरक्षा की मांग

निर्माता के वकीलों ने यह भी कहा कि निर्माता-निर्देशक और कन्हैयालाल के बेटे को हत्या की धमकियाँ मिल रही हैं। इस पर कोर्ट ने सभी को अपने क्षेत्र की पुलिस से सुरक्षा के लिए आवेदन करने का निर्देश दिया है। पुलिस स्थिति के अनुसार निर्णय लेगी।