Traffic जाम: दो ट्रकों की भिड़ंत से NH28 पर 5 घंटे जाम, तमकुही राज में बारिश-आंधी से गिरे पेड़, एम्बुलेंस फंसी, राहगीरों ने हटाया



तमकुही राज: तेज बारिश और आंधी से NH-28 पर लगा भीषण जाम कुशीनगर में शनिवार सुबह नेशनल हाईवे 28 पर एक भीषण जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। तेज बारिश…

Traffic जाम: दो ट्रकों की भिड़ंत से NH28 पर 5 घंटे जाम, तमकुही राज में बारिश-आंधी से गिरे पेड़, एम्बुलेंस फंसी, राहगीरों ने हटाया

तमकुही राज: तेज बारिश और आंधी से NH-28 पर लगा भीषण जाम

कुशीनगर में शनिवार सुबह नेशनल हाईवे 28 पर एक भीषण जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। तेज बारिश और आंधी के कारण कई स्थानों पर पेड़ गिरने के साथ-साथ पटहेरवा थाना क्षेत्र के डूमरभार में शाही पंप के पास एक अवैध कट पर दो ट्रकों की आमने-सामने की टक्कर हो गई। इस घटना के चलते हाईवे लगभग पांच घंटे तक बंद रहा, जिससे सलेमगढ़, तमकुहीराज और लबनिया-रजवटिया तक वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। हजारों वाहन इस जाम में फंसे रहे, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

जाम में फंसे छोटे-बड़े वाहनों, ट्रकों, बसों और निजी गाड़ियों में सवार यात्रियों को अत्यधिक कठिनाई का सामना करना पड़ा। धूप और बरसात के बीच आम राहगीरों, बच्चों, बीमार बुजुर्गों और एम्बुलेंस में सवार मरीजों की मुश्किलें बढ़ गईं। कई लोग अपने बच्चों को गोद में लेकर मदद की तलाश में भटकते रहे। एक महिला यात्री ने कहा, “हम घंटों से जाम में फंसे हैं और बच्चे भूख-प्यास से परेशान हैं। एम्बुलेंस भी फंसी हुई है, लेकिन कोई जिम्मेदार मदद के लिए नहीं दिख रहा।”

जाम को हटाने के प्रयास

इस संकट की सूचना मिलने पर पटहेरवा थाना प्रभारी विनय मिश्र मौके पर पहुंचे और स्थानीय लोगों के सहयोग से गिरे हुए पेड़ों को हटाने का प्रयास किया। हालांकि, जाम खुलने में काफी समय लग गया। लोगों ने NHAI और टोल प्लाजा प्रबंधन की अनुपस्थिति पर नाराजगी जताई, उनका कहना था कि संकट की इस घड़ी में न तो कोई कर्मचारी दिखा और न ही कोई मशीनरी। स्थानीय लोगों ने ही ट्रैक्टर और औजारों की मदद से पेड़ों को हटाया।

लगातार बारिश और आंधी के कारण सड़क पर कीचड़ और फिसलन ने स्थिति को और भी खतरनाक बना दिया था। लोग छाता और पन्नी ओढ़कर अपने बच्चों और सामान को बचाने का प्रयास करते रहे। इस घटना ने नेशनल हाईवे पर जिम्मेदार एजेंसियों की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। लोगों ने NHAI और टोल कर्मियों की जवाबदेही तय करने की मांग की है।

स्थानीय लोगों की स्थिति

इस जाम ने न केवल यात्रियों को बल्कि स्थानीय लोगों को भी परेशानी में डाल दिया। कई लोग इस जाम में फंसे अपने रिश्तेदारों और दोस्तों की चिंता करते रहे। बच्चे और बुजुर्ग खासकर इस स्थिति में बेहद परेशान दिखे। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “यह स्थिति बेहद चिंताजनक है। हम सभी को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालना होगा।”

महिलाओं और बच्चों ने इस स्थिति में अपने अधिकारों की बात की और कहा कि उन्हें किसी प्रकार का सहायता नहीं मिल रहा है। कई यात्रियों ने यह भी कहा कि ऐसे मौकों पर प्रशासन की सक्रियता बहुत जरूरी है, ताकि इस तरह की समस्याओं से बचा जा सके।

भविष्य के लिए सुझाव

इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बारिश और आंधी जैसे मौसमी हालात में प्रशासन को पूरी तैयारी के साथ रहना चाहिए। सरकार को चाहिए कि वह इस तरह की आपात स्थितियों के लिए उचित योजना बनाएं। इसके अलावा, NHAI और संबंधित एजेंसियों को भी अपनी जिम्मेदारियों को समझने की आवश्यकता है।

  • सड़क पर गिरने वाले पेड़ों को हटाने के लिए त्वरित कार्रवाई की जाए।
  • आपातकालीन सेवाओं की व्यवस्था को बेहतर किया जाए।
  • स्थानीय लोगों को भी सहायता देने के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जाएं।
  • सड़क पर फिसलन और कीचड़ को हटाने के लिए समय-समय पर सफाई की जाए।

इस प्रकार की घटनाओं से न केवल यातायात बाधित होता है, बल्कि यात्रियों और स्थानीय निवासियों की जिंदगी भी प्रभावित होती है। इसलिए, आवश्यक है कि प्रशासन इस पर ध्यान दे और भविष्य में ऐसी समस्याओं से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए।

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