Panchayat: आजमगढ़ कोतवाली में आधी रात तक चली पंचायत, प्रभारी मंत्री के सामने भाजपा के दो गुटों में हुई मारपीट, 8 घंटे बाद हुआ समझौता



आजमगढ़ में भाजपा के दो गुटों के बीच मारपीट, मंत्री की दखलंदाजी से हल हुआ मामला आजमगढ़ जिले में भाजपा के दो गुटों के बीच मारपीट की एक घटना ने…

Panchayat: आजमगढ़ कोतवाली में आधी रात तक चली पंचायत, प्रभारी मंत्री के सामने भाजपा के दो गुटों में हुई मारपीट, 8 घंटे बाद हुआ समझौता

आजमगढ़ में भाजपा के दो गुटों के बीच मारपीट, मंत्री की दखलंदाजी से हल हुआ मामला

आजमगढ़ जिले में भाजपा के दो गुटों के बीच मारपीट की एक घटना ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। यह घटना तब हुई जब प्रभारी मंत्री अनिल राजभर आजमगढ़ के दौरे पर थे और नेहरू हॉल में आयोजित स्वागत समारोह में शामिल होने जा रहे थे। स्वागत समारोह के दौरान ही भाजपा के दो गुटों के बीच विवाद बढ़ गया, जो बाद में मारपीट में बदल गया।

हालांकि मामला यहीं खत्म नहीं हुआ। दोनों गुटों के बीच मारपीट के बाद, जब दोनों पक्ष कोतवाली पहुंचे, तो वहां भी मारपीट जारी रही। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि आजमगढ़ में भाजपा के अंदर गुटबाजी कितनी गहरी है।

मारपीट में शामिल प्रमुख नाम

इस मारपीट में चार प्रमुख व्यक्तियों के नाम सामने आए हैं, जिनमें भाजपा युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष निखिल राय, जिला मंत्री अमन श्रीवास्तव, समर प्रताप सिंह और आशीष शामिल हैं। प्रभारी मंत्री अनिल राजभर को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा और उन्होंने कहा कि यह आपसी मामला है, जिसे बातचीत से सुलझा लिया जाएगा।

यह घटना एक बार फिर से भाजपा के भीतर की गुटबाजी को उजागर करती है। मंत्री अनिल राजभर ने यह भी कहा कि हम सभी एक साथ बैठकर इस विवाद को सुलझा सकते हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि भाजपा में आंतरिक मतभेद बढ़ते जा रहे हैं।

घटना का विस्तृत विवरण

घटना उस समय हुई जब मंत्री अनिल राजभर ने नेहरू हॉल में कार्यक्रम में भाग लेने की तैयारी की। गाड़ियों के आगे-पीछे करने और मंच पर चढ़ने को लेकर विवाद बढ़ गया, जिसके कारण दोनों पक्षों के बीच हिंसा हुई। इस घटना ने भाजपा की गुटबाजी को एक बार फिर से सामने ला दिया है।

एक पक्ष में भाजपा युवा मोर्चा के मंत्री अमन श्रीवास्तव शामिल थे, जिन्हें भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय का समर्थन प्राप्त है। वहीं, दूसरे पक्ष का नेतृत्व निखिल राय कर रहे थे, जो भाजपा जिला अध्यक्ष ध्रुव कुमार सिंह के करीबी माने जाते हैं। दोनों पक्षों के बीच हुई मारपीट के बाद, कोतवाली में तहरीर दी गई, जिससे मामला और भी गंभीर हो गया।

कोतवाली में तनाव की स्थिति

कोतवाली में दोनों पक्ष एक-दूसरे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की कोशिश कर रहे थे। इस दौरान, शहर में भी दोनों पक्षों के समर्थक फिर से भिड़ गए। भाजपा लालगंज के पूर्व जिला अध्यक्ष सूरज प्रकाश श्रीवास्तव भी बड़ी संख्या में समर्थकों के साथ कोतवाली पहुंचे। इस घटना को देखते हुए पुलिस ने कोतवाली में सुरक्षा बढ़ा दी।

गुटबाजी का प्रभाव: ब्लॉक प्रमुख चुनाव

आजमगढ़ के हरैया ब्लॉक में हुए ब्लॉक प्रमुख चुनाव में भी भाजपा की गुटबाजी खुलकर सामने आई थी। एक पक्ष भाजपा समर्थित संतोष सिंह के साथ था, जबकि दूसरा पक्ष समाजवादी पार्टी के समर्थित प्रत्याशी के साथ था। भाजपा समर्थित प्रत्याशी ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ साजिश की जा रही है। इस घटनाक्रम ने दिखा दिया कि आजमगढ़ में भाजपा की गुटबाजी कितनी गंभीर है।

इस पूरी घटना ने केवल आजमगढ़ में भाजपा की आंतरिक राजनीति को ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य में पार्टी की स्थिति को भी चुनौती दी है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि अगर भाजपा ने अपने गुटों में तालमेल नहीं बिठाया, तो भविष्य में पार्टी को और भी बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

इस घटना से यह साफ है कि भाजपा को अपनी आंतरिक गुटबाजी को नियंत्रित करने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। अगर पार्टी अपने कार्यकर्ताओं के बीच एकता स्थापित नहीं कर पाती, तो यह न केवल उनके लिए, बल्कि पार्टी के लिए भी नुकसानदायक साबित हो सकता है।

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