राजस्थान में न्यायाधीश की कार से हुआ हादसा, पुलिस से उलझे युवक
राजस्थान के जयपुर में एक हैरान करने वाला हादसा सामने आया है, जिसमें एक तेज रफ्तार कार ने फौजी की गाड़ी को टक्कर मार दी। यह कार न्यायाधीश की पट्टी लगी हुई थी, और इसमें सवार युवक पुलिस से भिड़ गए। यह घटना रविवार रात करीब 2:40 बजे जेएलएन मार्ग पर हुई। गनीमत रही कि इस हादसे में किसी को चोट नहीं आई। हालांकि, मामले ने तब और तूल पकड़ा जब कार से एक पिस्टल और शराब की बोतलें बरामद की गईं, जो न्यायाधीश रिमझिम के नाम पर रजिस्टर्ड थीं।
हादसे के बाद पुलिस से भिड़े युवक
हादसे के तुरंत बाद, कार में सवार चार युवकों ने ओटीएस चौराहे पर जमकर उत्पात मचाया। जब पुलिस ने उनकी गाड़ी की जांच करने की कोशिश की, तो उन्होंने पुलिस के साथ अभद्रता करते हुए मारपीट की। पुलिस ने सभी आरोपियों को पकड़कर थाने ले जाने का फैसला किया। हालांकि, एक अजीब स्थिति में, सभी आरोपियों को बिना किसी कार्रवाई के छोड़ दिया गया। इस घटना ने पुलिस और न्याय व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
युवकों के अभद्र व्यवहार और पुलिस कार्रवाई
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, न्यायाधीश की कार में अनुज कुमार और उसके साथी मौजूद थे। दूसरी कार में फौजी विजयवीर सिंह थे, जो हाथरस, यूपी के निवासी हैं। विजयवीर ने बताया कि वह अपने दादाजी को महावीर कैंसर अस्पताल में मिलने के बाद वापस लौट रहे थे, जब उनकी गाड़ी को तेज रफ्तार कार ने टक्कर मारी। पुलिस जब मौके पर पहुंची, तो आरोपियों ने पुलिस को धमकी देते हुए कहा, “बताऊंगा तुमको, हम कौन हैं।”
पुलिस की खानापूर्ति और कार्रवाई का अभाव
पुलिस ने युवकों को थाने ले जाने के बाद मामले की जांच की, लेकिन एसीपी मालवीय नगर आदित्य पूनियां ने बताया कि मामला एक्सीडेंट थाना पुलिस का होने के कारण किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह स्थिति कई सवालों को जन्म देती है, जैसे कि क्या न्यायाधीश की गाड़ी में सवार लोग अपने विशेष अधिकारों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं या पुलिस की कार्रवाई में कोई कमी है।
- हादसे में घायल नहीं हुए लोग – गनीमत रही कि टक्कर के दौरान किसी को चोट नहीं आई।
- पुलिस से अभद्रता – आरोपियों ने पुलिस के साथ भद्दा व्यवहार किया और मारपीट की।
- पिस्टल और शराब की बोतलें – कार से एक पिस्टल और शराब की बोतलें बरामद की गईं।
- जांच का अभाव – पुलिस ने युवकों को छोड़ने का निर्णय लिया, जिससे सवाल उठने लगे हैं।
इस घटना ने न केवल पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि न्यायिक व्यवस्था की भी पोल खोल दी है। क्या न्यायाधीश की गाड़ी में सवार लोग अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं, या पुलिस ने जानबूझकर मामले को कमजोर कर दिया है? इस घटना ने पूरे राजस्थान में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है, और लोग इस पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
राजस्थान में इस तरह की घटनाओं का बढ़ता होना एक चिंताजनक विषय है। लोग अब यह जानना चाहते हैं कि क्या पुलिस और न्याय व्यवस्था इन मामलों में सही तरीके से कार्रवाई करेगी या नहीं। इस मामले में आगे की कार्रवाई का इंतजार किया जा रहा है।