ओडिशा पुलिस में उप-निरीक्षकों की भर्ती परीक्षा की बार-बार स्थगन, विपक्ष ने उठाए सवाल
ओडिशा पुलिस में उप-निरीक्षकों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा को मंगलवार को तीसरी बार स्थगित कर दिया गया। इस घटनाक्रम पर विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने इसे ‘संविधानिक विफलता’ करार दिया है। संयुक्त पुलिस सेवा परीक्षा-2024 की लिखित परीक्षा पहले 5 और 6 अक्टूबर को आयोजित होने वाली थी, इस संबंध में ओडिशा पुलिस भर्ती बोर्ड (OPRB) द्वारा जारी एक बयान में जानकारी दी गई है।
बयान में कहा गया, “कुछ अप्रत्याशित घटनाओं के कारण, बोर्ड ने CPSE-2024 की लिखित परीक्षा को स्थगित करने का निर्णय लिया, जो पहले 5 और 6 अक्टूबर को आयोजित होने वाली थी। नई तिथि बाद में घोषित की जाएगी।” हालांकि, OPRB ने स्थगन के पीछे का कारण बताने से परहेज किया, लेकिन सूत्रों का कहना है कि यह निर्णय कुछ अनियमितताएं पाए जाने के बाद लिया गया।
परीक्षा के बार-बार स्थगित होने पर विपक्ष का गुस्सा
इस बीच, पटनायक ने भर्ती परीक्षा की बार-बार रद्द होने पर “आश्चर्य” व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “यह जुलाई के बाद से चौथी भर्ती परीक्षा है जो रद्द की गई है, जिसमें अनियमितताओं और प्रश्नपत्र लीक होने के आरोप भी शामिल हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि विशेष OTET-2025 की परीक्षा को 20 जुलाई को प्रश्नपत्र लीक होने के कारण रद्द किया गया था, जिससे व्यापक आक्रोश पैदा हुआ था।
इसके अलावा, ओएसएसएससी ने 30-31 जुलाई को RI, ARI, अमीन, ICDS सुपरवाइज़र, SFS के लिए संयुक्त भर्ती परीक्षा को रद्द कर दिया था। यह परीक्षा पहले 1 अगस्त से 4 सितंबर के बीच आयोजित होने वाली थी, लेकिन प्रारंभिक प्रक्रिया में अनियमितताओं का हवाला देकर इसे स्थगित कर दिया गया।
ओडिशा में भर्ती प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल
इसी तरह, 22 अगस्त को पुनर्निर्धारित विशेष OTET-2025 को भी फिर से स्थगित कर दिया गया, जिसमें माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने “अनिवार्य परिस्थितियों” का हवाला दिया। इस प्रकार की निरंतर रुकावटें उम्मीदवारों के लिए निराशाजनक साबित हो रही हैं। पटनायक ने कहा, “ये बार-बार होने वाले व्यवधान ओडिशा की भर्ती प्रणाली में एक चिंताजनक पैटर्न को उजागर करते हैं, जो विश्वास को कमजोर कर रहा है और राज्य के लाखों नौकरी चाहने वालों को प्रभावित कर रहा है।”
उन्होंने कहा, “इन सभी घटनाओं से स्पष्ट होता है कि यह शासन की प्रणालीगत विफलता है, जिसे भाजपा के नेतृत्व वाली ओडिशा सरकार को तुरंत ठीक करने की आवश्यकता है ताकि लोगों का विश्वास बहाल किया जा सके।”
भविष्य की परीक्षा की तिथियों की प्रतीक्षा
हालांकि ओडिशा पुलिस भर्ती बोर्ड ने परीक्षा की नई तिथियों की घोषणा नहीं की है, लेकिन उम्मीदवारों और उनके परिवारों में चिंता और असमंजस का माहौल बना हुआ है। ऐसे में सभी की निगाहें अब OPRB की ओर हैं कि वह कब और कैसे इस मुद्दे को सुलझाता है।
इस परिस्थिति में, यह महत्वपूर्ण है कि सरकार और संबंधित विभाग इस प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाएं ताकि भविष्य में ऐसी समस्याएं न आएं। नौकरी की तैयारी करने वाले युवा राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उन्हें एक स्थिर और विश्वसनीय भर्ती प्रक्रिया की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
ओडिशा में उप-निरीक्षकों की भर्ती परीक्षा का बार-बार स्थगित होना न केवल नौकरी के उम्मीदवारों के लिए बल्कि राज्य की प्रशासनिक प्रणाली के लिए भी एक गंभीर चिंता का विषय है। इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि युवाओं के भविष्य को सुरक्षित किया जा सके और भर्ती प्रक्रिया में विश्वास बहाल किया जा सके।