महासमुंद में हुई डबल मर्डर की खौफनाक वारदात
शनिवार की रात, 4 अक्टूबर को महासमुंद नेशनल हाईवे-353 पर एक गंभीर हादसा हुआ। रात के लगभग 8 बजे, जब कुछ हलचल थी, तभी तेज रफ्तार टाटा सफारी ने स्कूटी सवार दो दोस्तों को टक्कर मारी। इस टक्कर के बाद गाड़ी ने बार-बार उन दोनों को कुचला, जिससे एक की मौके पर ही और दूसरे की अस्पताल ले जाते वक्त मौत हो गई।
मृतकों की पहचान और उनके संबंध
मृतकों की पहचान बेलसोंडा निवासी जितेंद्र चंद्राकर (46) और अशोक साहू (50) के रूप में की गई। जितेंद्र, जनपद पंचायत उपाध्यक्ष हुलसी चंद्राकर के पति थे। यह घटना तब और ज्यादा चौंकाने वाली बन गई जब पता चला कि उन्हें कुचलने वाला आरोपी अमन अग्रवाल, जितेंद्र का पुराना दुश्मन था। अमन ने 5 साल पहले हुए एक थप्पड़ का बदला इस डबल मर्डर से लिया।
5 साल पुरानी दुश्मनी का बदला
अमन अग्रवाल ने पुलिस को बताया कि पिछले 5 वर्षों से उसकी दिल में बदले की आग जल रही थी। उसने जितेंद्र का पीछा करने की योजना बनाई थी और उनकी दिनचर्या को अच्छी तरह से समझ लिया था। 4 अक्टूबर की रात उसे मौका मिल गया। उसने जानबूझकर जितेंद्र की स्कूटी को जोरदार टक्कर मारी, जिससे दोनों दोस्त सड़क पर गिर पड़े।
घटना का क्रम
जब जितेंद्र और अशोक स्कूटी से गिरे, अमन का गुस्सा कम नहीं हुआ। उसने जानबूझकर अपनी कार से पहले जितेंद्र और फिर अशोक को कुचला। जितेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अशोक गंभीर रूप से घायल हो गया। इस दौरान अमन ने सोचा कि दोनों मर गए हैं और वह मौके से भाग निकला।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
हादसे के बाद आसपास के लोग घटनास्थल की ओर दौड़े। उन्होंने दोनों दोस्तों को खून में लथपथ देखकर तुरंत पुलिस और एम्बुलेंस को सूचित किया। गंभीर हालत में अशोक को रायपुर रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में उसकी भी मौत हो गई। स्थानीय लोगों ने इस घटना को एक सामान्य हादसा नहीं माना, बल्कि इसे एक सोची-समझी साजिश समझा।
ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन
मृतकों के शवों का पोस्टमॉर्टम होने के बाद ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार के बाद हत्या का मामला दर्ज करने की मांग को लेकर नेशनल हाईवे-353 पर लगभग एक घंटे तक जाम कर दिया। पुलिस ने उन्हें समझाया और गंभीर धाराओं को जोड़ने का आश्वासन दिया, जिसके बाद जाम समाप्त किया गया।
पुलिस की कार्रवाई और साजिश का भंडाफोड़
अमन अग्रवाल ने वारदात के बाद खुद को सिटी कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया। प्रारंभ में पुलिस ने सड़क हादसे की धाराओं के तहत रिपोर्ट दर्ज की, लेकिन फोरेंसिक जांच में सामने आया कि कार के पहियों के पीछे जाने के निशान थे। इस जांच ने साबित किया कि यह हादसा नहीं, बल्कि हत्या थी। इसके बाद अमन से गहन पूछताछ की गई।
पुरानी दुश्मनी का अंत
पुलिस के अनुसार, जितेंद्र चंद्राकर की फ्लाई ब्रिक्स फैक्ट्री के पास अमन की जमीन थी। लगभग 5 साल पहले, रास्ते को लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ था। जितेंद्र ने अमन को थप्पड़ मारा था, जिसके बाद अमन के दिल में बदले की भावना पनप गई। उस रात उसे मौका मिला और उसने अपने दुश्मन को जानबूझकर कुचल डाला।
अमान का कबूलनामा और गिरफ्तारी
महासमुंद की एडिशनल एसपी प्रतिभा पांडेय ने बताया कि आरोपी के खिलाफ धारा 281, 125(A), 106(1), 184 के तहत FIR दर्ज की गई थी। बाद में हत्या और षड्यंत्र की धाराएं जोड़ी गईं। अमन को गिरफ्तार कर लिया गया है और इस साजिश में और कौन शामिल था, इसकी जांच जारी है।
यह घटना न केवल एक हत्या का मामला है, बल्कि यह समाज में बदले की भावना और दुश्मनी की गंभीरता को भी दर्शाती है। इसके पीछे की कहानी एक गंभीर सामाजिक मुद्दे को उठाती है, जो हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम अपने व्यक्तिगत विवादों को इस तरह सुलझाने के लिए मजबूर हैं?