
Maa Lakshmi Stotra | Image: Freepik
मां लक्ष्मी स्तोत्र: भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म में शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित है। इस दिन विशेष रूप से धन की देवी की पूजा करने से भक्तों को मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं। मां लक्ष्मी की कृपा से आर्थिक तंगी से छुटकारा पाया जा सकता है। साथ ही, जो लोग इस दिन व्रत रखते हैं, उनका कभी भी धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता।
ऐसा माना जाता है कि जिन जातकों को पैसों से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है, वे अगर इस दिन मां लक्ष्मी के स्तोत्र का पाठ करते हैं, तो उन्हें न केवल ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है, बल्कि सुख और समृद्धि भी मिलती है। इस लेख में हम मां लक्ष्मी के स्तोत्र का पाठ करने की विधि और महत्व के बारे में विस्तार से जानेंगे।
शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी के स्तोत्र का पाठ करें
हर शुक्रवार को मां लक्ष्मी के इस स्तोत्र का पाठ करना विशेष लाभदायक माना जाता है। इसके अतिरिक्त, आप इसका पाठ प्रदोष काल में भी कर सकते हैं। यह समय मां लक्ष्मी की पूजा के लिए अत्यंत शुभ होता है।
नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।
शंखचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
नमस्ते गरुडारूढे कोलासुरभयंकरि।
सर्वपापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
सर्वज्ञे सर्ववरदे देवी सर्वदुष्टभयंकरि।
सर्वदु:खहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि।
मन्त्रपूते सदा देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
आद्यन्तरहिते देवि आद्यशक्तिमहेश्वरि।
योगजे योगसम्भूते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्तिमहोदरे।
महापापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्मस्वरूपिणी।
परमेशि जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
श्वेताम्बरधरे देवि नानालंकारभूषिते।
जगत्स्थिते जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
महालक्ष्म्यष्टकं स्तोत्रं य: पठेद्भक्तिमान्नर:।
सर्वसिद्धिमवाप्नोति राज्यं प्राप्नोति सर्वदा।।
एककाले पठेन्नित्यं महापापविनाशनम्।
द्विकालं य: पठेन्नित्यं धन्यधान्यसमन्वित:।।
त्रिकालं य: पठेन्नित्यं महाशत्रुविनाशनम्।
महालक्ष्मीर्भवेन्नित्यं प्रसन्ना वरदा शुभा।।
मां लक्ष्मी के स्तोत्र का पाठ करने के नियम
मां लक्ष्मी के स्तोत्र का पाठ करने के लिए सबसे पहले शुद्धता का पालन करना आवश्यक है। आपको मां लक्ष्मी को जल, सिंदूर और अक्षत अर्पित करने के बाद लाल रंग का फूल, माला, सुपारी, नारियल, पान, बताशा, फल आदि अर्पित करने चाहिए। इसके बाद दीपक जलाकर मां लक्ष्मी के स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।