शरद पूर्णिमा 2025: ग्रहों का प्रभाव तिथियों पर भी होता है। आश्विन माह में शरद पूर्णिमा का व्रत हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है और पृथ्वी पर अमृत की वर्षा होती है। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा सभी मनोकामनाएं पूरी करती है। भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी इस दिन नृत्य करते हैं।
शरद पूर्णिमा का व्रत 06 अक्टूबर 2025 को रखा जाएगा। पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 06 अक्टूबर 2025, सुबह 11 बजकर 02 मिनट से और समाप्ति 07 अक्टूबर 2025, दोपहर 01 बजकर 37 मिनट पर होगी। चन्द्रोदय का समय शाम 05 बजकर 27 मिनट से है और इसी रात चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से युक्त होकर अमृत वर्षा करेगा।
शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन रात को देवी महालक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और भक्त रात्रि में जागते हैं। चंद्रमा की पूजा करने से स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है।