MP News: Parking नहीं मिलने पर श्रद्धालुओं को दौड़ाकर पीटा, देवास टेकरी पर मची अफरा-तफरी



नवरात्रि पर श्रद्धालुओं के साथ हुई शर्मनाक घटना उत्तर प्रदेश से आए श्रद्धालुओं के साथ नवरात्रि के दौरान एक घटना ने सभी को हिला कर रख दिया। माता टेकरी के…

MP News: Parking नहीं मिलने पर श्रद्धालुओं को दौड़ाकर पीटा, देवास टेकरी पर मची अफरा-तफरी

नवरात्रि पर श्रद्धालुओं के साथ हुई शर्मनाक घटना

उत्तर प्रदेश से आए श्रद्धालुओं के साथ नवरात्रि के दौरान एक घटना ने सभी को हिला कर रख दिया। माता टेकरी के दर्शन के लिए स्टेशन रोड पर अपनी कार खड़ी करने हेतु दुकानदारों ने प्रसाद खरीदने की शर्त रखी। यह घटना न केवल धार्मिक आस्था के प्रति disrespectful थी, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए एक मानसिक आघात भी बनी।

घटना के अनुसार, जब श्रद्धालुओं ने प्रसाद खरीदने का प्रयास किया, तब उन्हें 750 रुपए का प्रसाद खरीदने के बाद भी गाली-गलौज का सामना करना पड़ा। इस अनुचित व्यवहार ने वहां मौजूद अन्य श्रद्धालुओं को भी प्रभावित किया। जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो एक भीड़ ने शिक्षक ब्रजेश दुबे की टीशर्ट फाड़ दी और महिलाओं के साथ बदसलूकी की।

महिलाओं और बच्चों के साथ दुर्व्यवहार

इस घटना के दौरान महिलाएं रोते-बिलखते कोतवाली पहुंचीं और अपनी शिकायत दर्ज कराई। पीड़ित ज्योतिरादित्य त्रिपाठी ने बताया कि उनके साथ 13 लोग शामिल थे। दुकानदारों की गुंडागर्दी ने सभी को सहमा दिया और स्थिति अत्यंत तनावपूर्ण हो गई। श्रद्धालुओं ने मांग की कि प्रसाद दुकानदारों को पहचान पत्र दिखाकर ही बैठना चाहिए और नि:शुल्क पार्किंग की व्यवस्था होनी चाहिए।

पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए मनुबाई सोनू बाथम और एक नाबालिग को हिरासत में लिया है। टीआई श्यामचंद्र शर्मा ने बताया कि इस मामले में बलवा, मारपीट, शासकीय कार्य में बाधा और जान से मारने की धमकी की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। वीडियो फुटेज के माध्यम से अन्य आरोपियों की पहचान की जाएगी और उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।

श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर उठे सवाल

इस घटना ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। नवरात्रि जैसे पवित्र अवसर पर इस प्रकार की घटनाएं न केवल धार्मिक आस्था को ठेस पहुँचाती हैं, बल्कि समाज के लिए भी एक बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा करती हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि जब ऐसी घटनाएं होती हैं, तो उनकी आस्था और विश्वास में कमी आती है।

स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं ने प्रशासन से अपील की है कि इस प्रकार के दुर्व्यवहार को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। उन्हें यह भी सुझाव दिया गया है कि पार्किंग की व्यवस्था को बेहतर बनाया जाए ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। इसके साथ ही, प्रसाद के दुकानदारों पर भी कड़ी निगरानी रखी जानी चाहिए ताकि ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो।

समाज में जागरूकता की आवश्यकता

यह घटना समाज में जागरूकता की आवश्यकता को भी दर्शाती है। लोगों को अपने अधिकारों के प्रति सजग रहना होगा और ऐसी घटनाओं के खिलाफ आवाज उठानी होगी। जब तक हम अपने अधिकारों के लिए खड़े नहीं होंगे, तब तक इस प्रकार की घटनाएं होती रहेंगी। व्यक्तिगत सुरक्षा और धार्मिक आस्था की रक्षा के लिए समाज को एकजुट होकर प्रयास करने की आवश्यकता है।

आखिरकार, नवरात्रि का पर्व केवल पूजा-पाठ का समय नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा अवसर है जब श्रद्धालुओं को एक सकारात्मक अनुभव प्राप्त होना चाहिए। हमें उम्मीद है कि प्रशासन इस मामले में उचित कार्रवाई करेगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएगा।

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