MP News: Syrup के सेवन से छिंदवाड़ा में 7 बच्चों की मौत; सिवनी, बैतूल और बालाघाट में सप्लाई की आशंका



छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत का मामला: किडनी फेल होने का चौंकाने वाला खुलासा मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में 7 बच्चों की किडनी फेल होने से हुई मौतों के मामले…

MP News: Syrup के सेवन से छिंदवाड़ा में 7 बच्चों की मौत; सिवनी, बैतूल और बालाघाट में सप्लाई की आशंका

छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत का मामला: किडनी फेल होने का चौंकाने वाला खुलासा

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में 7 बच्चों की किडनी फेल होने से हुई मौतों के मामले में एक गंभीर खुलासा सामने आया है। प्रशासन ने जिन दो कफ सिरप, कोल्ड्रिफ (Coldrif) और नेक्सा डीएस (Nexa DS) को बैन किया है, वे सिरप सरकारी डॉक्टरों द्वारा भी प्रिस्क्राइब किए गए थे। यह जानकारी भास्कर की पड़ताल में सामने आई है, जिससे मामले की गंभीरता और भी बढ़ गई है।

भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, यह सिरप सामान्य दवाओं की श्रेणी में नहीं आती हैं, जिन्हें हर मेडिकल स्टोर पर आसानी से पाया जा सके। यह सिरप केवल शहर के कुछ चुनिंदा और बड़े शिशु रोग विशेषज्ञों द्वारा ही लिखी जा रही थीं और इन्हें विशेष रूप से प्राइवेट क्लीनिक के आसपास के कुछ गिने-चुने मेडिकल स्टोर्स पर ही उपलब्ध कराया जा रहा था। इस संदर्भ में, स्वास्थ्य विभाग ने इन दवाओं का प्रोडक्शन रोकने के लिए तमिलनाडु और हिमाचल प्रदेश की सरकारों को पत्र लिखा है, जहाँ यह दवाएं बनाई जाती हैं।

सिरप की जानकारी: कोल्ड्रिफ और नेक्सा डीएस

जिन दवाओं को लेकर यह मामला सामने आया है, उनकी जानकारी निम्नलिखित है:

  • कोल्ड्रिफ: यह सिरप लगभग 20 साल पुरानी है और इसकी रिटेल कीमत 89 रुपए है।
  • नेक्सा डीएस: यह सिरप डेढ़ साल पहले बाजार में आई थी और इसकी रिटेल कीमत 75 रुपए है।

डॉक्टरों और मेडिकल स्टोर्स का संदेहास्पद गठजोड़

छिंदवाड़ा में जिन 7 बच्चों की मौत हुई है, वे सभी परासिया ब्लॉक के निवासी थे। भास्कर की पड़ताल में परासिया ब्लॉक के दो प्रमुख शिशु रोग विशेषज्ञ, डॉ. प्रवीण सोनी और डॉ. अमन सिद्दीकी, के नाम सामने आए हैं, जिनके पर्चों पर कोल्ड्रिफ सिरप लिखा गया था। विशेष रूप से, डॉ. सोनी के परिवार के सदस्य ही उनके मेडिकल स्टोर का संचालन करते हैं, जहां यह दवा आसानी से उपलब्ध थी।

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, स्टॉकिस्टों ने भी अपनी स्थिति स्पष्ट की है। छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ के तीन और नेक्सा का एक स्टॉकिस्ट है। स्टॉकिस्ट राजेश सोनी ने कहा कि ड्रग इंस्पेक्टर ने उनके गोदाम से 170 बोतलें जब्त की हैं और उन्होंने रिटेल मार्केट में बिक्री रोकने के लिए सभी स्टोर्स को पत्र लिखकर दवा वापस मंगवाई है।

सिरप से किडनी फेल की संभावना पर डॉक्टरों की राय

डॉक्टरों का कहना है कि किडनी फेल होने का मामला तब सामने आया जब कलेक्टर ने पाया कि जिन बच्चों की किडनी फेल हुई, उनमें से अधिकांश ने ये दोनों सिरप ली थीं। इस पर प्रशासन ने इसे संदिग्ध मानते हुए बिक्री रोकने का निर्णय लिया है। हालांकि, डॉक्टरों का कहना है कि जब तक जांच रिपोर्ट नहीं आती, यह कहना उचित नहीं होगा कि सिरप से ही किडनी फेल हुई।

अन्य क्षेत्रों में सप्लाई की आशंका

फार्मा सेक्टर से जुड़े सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, छिंदवाड़ा के आसपास के क्षेत्रों जैसे पांढुर्णा, सिवनी, बैतूल और बालाघाट में भी इन सिरप की सप्लाई की संभावना है। ड्रग इंस्पेक्टर ने पुष्टि की है कि यह उनके क्षेत्राधिकार से बाहर का मामला है और उन्होंने इस नेटवर्क की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी है।

सिरप में खतरनाक केमिकल का मिश्रण

जांच में यह भी सामने आया है कि इन सिरप में एथिलीन ग्लाइकॉल और डाइएथिलीन ग्लाइकॉल जैसे खतरनाक केमिकल शामिल थे, जो कि वाहन उद्योग में उपयोग किए जाते हैं। यह जानकारी अत्यंत चिंताजनक है और इससे बच्चों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ने की आशंका है।

इस मामले में अब प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे पूरी गंभीरता से इस मामले की जांच करें और जिन बच्चों की मौत हुई है उन परिवारों को उचित सहायता प्रदान करें।

जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, उम्मीद है कि नए तथ्य सामने आएंगे और इस गंभीर मुद्दे के समाधान के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

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