Lockdown: कोडरमा में सहियाओं ने पीएचसी कार्यालय को किया बंद



कोडरमा में सहियाओं का प्रदर्शन: प्रोत्साहन राशि का भुगतान न होने पर ताला जड़ दिया कोडरमा जिले में सहियाओं ने अपनी लंबित प्रोत्साहन राशि के भुगतान को लेकर पीएचसी कार्यालय…

Lockdown: कोडरमा में सहियाओं ने पीएचसी कार्यालय को किया बंद

कोडरमा में सहियाओं का प्रदर्शन: प्रोत्साहन राशि का भुगतान न होने पर ताला जड़ दिया

कोडरमा जिले में सहियाओं ने अपनी लंबित प्रोत्साहन राशि के भुगतान को लेकर पीएचसी कार्यालय में **ताला जड़ दिया**। यह घटना उस समय हुई जब सहियाएं अपनी मांगों को लेकर बेहद नाराज थीं और उन्होंने खाता प्रबंधक को लगभग **दो घंटे** तक कार्यालय के भीतर बंद रखा। केवल तब जाकर चिकित्सा प्रभारी के आश्वासन के बाद ताला खोला गया।

सहिया दीदी मधुबाला देवी ने जानकारी देते हुए बताया कि वे **2020** से **जेएसवाई** और परिवार नियोजन (स्थायी और अस्थायी) के तहत कार्यरत हैं। दुख की बात यह है कि पिछले पांच वर्षों से उन्हें प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं किया गया है। इसी नाराजगी के कारण बुधवार दोपहर को सहियाएं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोडरमा पहुंची और अपना विरोध प्रदर्शन किया।

प्रदर्शन के दौरान की घटनाएँ

प्रदर्शन के दौरान सहियाओं ने पीएचसी के प्रखंड खाता प्रबंधक के कार्यालय में ताला लगा दिया। उस समय प्रबंधक **सुशांती लकड़ा** कमरे के अंदर ही मौजूद थीं और उन्हें बाहर नहीं निकलने दिया गया। सहियाओं ने अपनी नाराजगी को स्वरूप में ताला जड़कर व्यक्त किया।

इस घटना की जानकारी लगते ही पीएचसी प्रभारी **डॉ. आर.पी. शर्मा** मौके पर पहुंचे। उन्होंने सहियाओं से अपील की कि वे कार्यालय का ताला खोल दें, लेकिन सहियाएं उनकी बात सुनने को तैयार नहीं हुईं। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक उनकी बकाया राशि का भुगतान नहीं होगा, तब तक वे ताला नहीं खोलेंगी।

चिकित्सा प्रभारी का आश्वासन

चिकित्सा प्रभारी डॉ. आर.पी. शर्मा ने सहियाओं को आश्वासन दिया कि **18 अक्टूबर** तक उनके बकाया राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। यह सुनकर सहियाओं ने चिकित्सा प्रभारी से लिखित आश्वासन की रसीद मांगी। जब उन्हें यह प्राप्त हुआ, तब जाकर लगभग **दो घंटों** के बाद उन्होंने कार्यालय का ताला खोला।

सहिया दीदी **रानी देवी** ने चेतावनी दी है कि यदि 18 अक्टूबर तक उनकी बकाया राशि का भुगतान नहीं किया जाता है, तो वे फिर से तालाबंदी करेंगी। यह बयान इस बात का संकेत है कि सहियाओं का आक्रोश अभी थमा नहीं है और वे अपनी मांगों को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।

सहियाओं की स्थिति और भुगतान की मांग

सहियाओं की स्थिति को देखते हुए यह स्पष्ट है कि उन्हें अपने कार्य के लिए समय पर प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं किया गया है। यह न केवल उनके आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर रहा है, बल्कि उनके मनोबल को भी कमजोर कर रहा है। सहियाएं अपने कार्य में समर्पित हैं, लेकिन उन्हें उचित सम्मान और भुगतान की भी आवश्यकता है।

राज्य सरकार को इस मामले पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और सहियाओं के बकाया राशि का भुगतान शीघ्र करना चाहिए। इससे न केवल सहियाओं की समस्या का समाधान होगा, बल्कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति उनकी प्रतिबद्धता भी बढ़ेगी।

निष्कर्ष

इस घटना ने एक बार फिर से यह सिद्ध कर दिया है कि स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों को उनके कार्य के लिए समय पर भुगतान किया जाना आवश्यक है। सहियाओं का यह आंदोलन उस समय की आवश्यकता है जब उन्हें उनके अधिकारों के लिए लड़ना पड़ रहा है। यदि सरकार इस मामले में त्वरित कार्रवाई नहीं करती है, तो स्वास्थ्य सेवाओं का संचालन प्रभावित हो सकता है।

इसलिए, न केवल सहियाओं की समस्याओं का समाधान किया जाना चाहिए, बल्कि उनके कार्य को सम्मान दिया जाना भी आवश्यक है ताकि वे अपने कार्य में पूरी निष्ठा से लगे रहें।

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