गांव कोट में खैर की लकड़ी तस्करी का मामला: पुलिस पर हमला, आरोपी फरार
जागरण संवाददाता, यमुनानगर। हरियाणा के यमुनानगर जिले में स्थित गांव कोट में खैर की लकड़ी की तस्करी के मामले में पुलिस टीम पर हमले की घटना सामने आई है। जानकारी के अनुसार, पुलिस ने तस्करी के आरोप में परविंद्र उर्फ पिंद्र को पकड़ने के लिए छापेमारी की थी, लेकिन आरोपित के परिजनों ने पुलिस पर ईंटों से हमला कर दिया। इस दौरान आरोपित ने पुलिस टीम पर फायरिंग भी की, जिससे पुलिस के दो कर्मी घायल हो गए।
घटना की गंभीरता को देखते हुए आसपास के थानों की पुलिस भी मौके पर पहुंची, लेकिन मुख्य आरोपित परविंद्र मौके से फरार हो गया। पुलिस ने इस मामले में कुल छह लोगों के खिलाफ नामजद शिकायत दर्ज की है, जिसमें से चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। फरार आरोपी की तलाश में पुलिस की टीमें जुटी हुई हैं।
पुलिस की कार्रवाई में हुई हिंसा
छछरौली थाना क्षेत्र के गांव कोट माजरी निवासी परविंद्र खैर की लकड़ी की तस्करी के कई मामलों में संलिप्त रहा है। पुलिस को सोमवार रात सूचना मिली कि परविंद्र अपने घर के पास मौजूद है। जानकारी मिलते ही एसएचओ रोहताश अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। इस दौरान एक ईआरवी भी पुलिस टीम के साथ थी। जब पुलिस ने गांव में पहुंचकर परविंद्र को पकड़ने का प्रयास किया, तो वह भागने लगा।
पुलिस ने उसे पकड़ने की कोशिश की, लेकिन इसी बीच उसके परिवार के सदस्य मौके पर आ गए। आरोपित के पिता राजबीर, मां निर्मल देवी, बहन परमिंद्र कौर, चाचा कुलवंत और चाचा के बेटे दलीप कुमार ने पुलिस को धमकी देते हुए उसे छुड़वाने का प्रयास किया। आरोपित के परिजनों ने पुलिस को जान से मारने की धमकी दी और इस दौरान उन्होंने पुलिस पर ईंटों से हमला कर दिया।
पुलिस पर हमले के बाद की गई कार्रवाई
पुलिस की टीम ने जब एक बार फिर परविंद्र को पकड़ने का प्रयास किया, तो उसने एसएचओ रोहताश की उंगली अपने मुंह में डालकर काट ली। इस हमले में एसपीओ जगमाल सिंह भी घायल हो गए। एसएचओ रोहताश का कहना है कि परविंद्र ने उन पर देसी कट्टे से फायर किया। इसके बाद मुख्य आरोपित मौके से फरार हो गया।
पुलिस टीम पर हमले की सूचना मिलते ही आसपास के थाना क्षेत्रों की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने चार आरोपितों को गिरफ्तार किया है और इस मामले में सरकारी ड्यूटी में बाधा डालने और हत्या के प्रयास समेत कुल 10 धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। एसएचओ रोहताश ने बताया कि परविंद्र पर पहले भी खैर की लकड़ी की तस्करी के चार-पांच मुकदमे दर्ज हैं, जिसमें वह वांछित चल रहा है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें लगातार कार्यरत हैं।
तस्करी की समस्या और पुलिस की चुनौती
हरियाणा में खैर की लकड़ी की तस्करी एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। इस तरह के मामलों में पुलिस को अक्सर हिंसा का सामना करना पड़ता है। तस्करों के परिवार वाले पुलिस की गतिविधियों में बाधा डालने के लिए सामने आ जाते हैं, जिससे पुलिस की कार्रवाई में मुश्किलें बढ़ जाती हैं। यह घटना इस बात का संकेत है कि तस्करी के खिलाफ कार्रवाई करने में पुलिस को और अधिक सतर्क रहना होगा।
पुलिस ने इस मामले में अपनी कार्रवाई को तेज करते हुए तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का संकल्प लिया है। अधिकारी इस बात पर जोर दे रहे हैं कि तस्करी के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। तस्करों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने विशेष अभियान चलाने की योजना बनाई है, जिससे इस प्रकार की गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके।
समाज के सभी वर्गों को इस समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए और पुलिस का सहयोग करना चाहिए ताकि तस्करी के इस खतरे से निपटा जा सके। पुलिस की भूमिका इस दिशा में महत्वपूर्ण है, और उन्हें स्थानीय समुदाय का समर्थन भी आवश्यक है।
आगे की कार्रवाई के लिए पुलिस ने सभी थानों को अलर्ट कर दिया है और तस्करों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विशेष निगरानी रखने का निर्देश दिया है। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि तस्करी की समस्या को समाप्त करने के लिए सभी को एकजुट होकर प्रयास करने होंगे।