“Liquor Scam: चैतन्य बघेल को EOW कोर्ट में करेगी पेश, 13 दिन की पूछताछ के बाद 3 महीने में जांच का दिया गया निर्देश”



छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में चैतन्य बघेल की पेशी छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को शराब घोटाले के मामले में आज रायपुर की स्पेशल कोर्ट में…

“Liquor Scam: चैतन्य बघेल को EOW कोर्ट में करेगी पेश, 13 दिन की पूछताछ के बाद 3 महीने में जांच का दिया गया निर्देश”

छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में चैतन्य बघेल की पेशी

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को शराब घोटाले के मामले में आज रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा। आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने न्यायालय के निर्देश पर 24 सितंबर 2025 को चैतन्य बघेल को रिमांड पर लिया था। सोमवार, 6 अक्टूबर को उनकी रिमांड समाप्त हो गई है, और इस दौरान उनसे पूछताछ के दौरान कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त हुई हैं। EOW के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले की जांच का दायरा और भी बढ़ सकता है, जिससे कुछ और लोगों पर कार्रवाई की संभावना है।

चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी का इतिहास

आपको जानकारी हो कि चैतन्य बघेल को 18 जुलाई 2025 को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था, तब से वह जेल में हैं। उनके बचाव पक्ष के वकील फैजल रिजवी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने EOW को दो महीने और प्रवर्तन निदेशालय (ED) को तीन महीने में जांच पूरी करने का निर्देश दिया है। चैतन्य की अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद सरकार की ओर से पेश वकील ने आश्वासन दिया था कि तीन महीने के भीतर सभी जांच पूरी कर ली जाएगी।

शराब घोटाले में चैतन्य का नाम और आरोप

ED की जांच में सामने आया है कि चैतन्य बघेल को शराब घोटाले से 16.70 करोड़ रुपए की अवैध धनराशि मिली थी। इस राशि का उपयोग उन्होंने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में निवेश करने के लिए किया। ED ने यह भी बताया कि चैतन्य ने फर्जी निवेश रिकॉर्ड प्रस्तुत किए और करीब 1000 करोड़ रुपए की धनराशि की हेराफेरी में भाग लिया।

चैतन्य से जुड़े रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स

जांच में यह बात सामने आई है कि चैतन्य बघेल के विट्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट में भी शराब घोटाले की धनराशि का निवेश किया गया था। इस प्रोजेक्ट में वास्तविक खर्च 13-15 करोड़ रुपए था, जबकि रिकॉर्ड में इसे 7.14 करोड़ रुपए दर्शाया गया। जब्त किए गए डिजिटल उपकरणों से यह भी पता चला कि बघेल की कंपनी ने एक ठेकेदार को 4.2 करोड़ रुपए कैश भुगतान किया, जो कि रिकॉर्ड में शामिल नहीं किया गया था।

धनराशि की हेराफेरी के तरीके

ED ने बताया कि त्रिलोक सिंह ढिल्लो ने 19 फ्लैट खरीदने के लिए 5 करोड़ रुपए बघेल डेवलपर्स को ट्रांसफर किए। ये फ्लैट्स उनके कर्मचारियों के नाम पर खरीदे गए, लेकिन भुगतान खुद ढिल्लो ने किया। यह लेन-देन 19 अक्टूबर 2020 को किया गया था। जांच में यह भी पता चला कि यह पूरा लेन-देन पूर्व-योजना के तहत किया गया था, ताकि ब्लैक मनी को कानूनी रूप से चैतन्य बघेल तक पहुँचाया जा सके।

जांच में नए खुलासे

ED के अनुसार, भिलाई के एक ज्वेलर्स ने चैतन्य बघेल को 5 करोड़ रुपए उधार दिए, लेकिन यह धन बघेल की दो कंपनियों को लोन के रूप में ट्रांसफर किया गया। इसके बाद, उसी ज्वेलर्स ने बघेल की कंपनी से 80 लाख रुपए में 6 प्लॉट खरीदे। ED ने बताया कि यह पैसा शराब घोटाले से आया कैश था, जिसे बैंक के माध्यम से ट्रांसफर कर कानूनी रूप में दिखाया गया।

शराब घोटाले की समग्र तस्वीर

ED द्वारा की गई जांच के अनुसार, छत्तीसगढ़ शराब घोटाला एक बड़ा मामला है जिसमें 3200 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले का आरोप है। इस घोटाले में राजनेताओं, आबकारी विभाग के अधिकारियों और कारोबारियों सहित कई लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। ED का दावा है कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में यह घोटाला हुआ था, जिसमें IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के MD AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर का नाम शामिल है।

घोटाले के विभिन्न पहलू

इस घोटाले को A, B और C श्रेणियों में बांटा गया है:

  • A: डिस्टलरी संचालकों से कमीशन वसूलना। 2019 में प्रति पेटी 75 रुपए और बाद में 100 रुपए का कमीशन लिया गया।
  • B: नकली होलोग्राम वाली शराब की बिक्री। इस प्रक्रिया में डिस्टलरी मालिकों से अधिक मात्रा में शराब बनवाई गई और नकली होलोग्राम लगाकर बेची गई।
  • C: डिस्टलरी सप्लाई एरिया बदलकर अवैध धन वसूलना। प्रत्येक डिस्टलरी के सप्लाई जोन को वार्षिक कमीशन के आधार पर निर्धारित किया गया।

निष्कर्ष

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला एक जटिल मामला है, जिसमें कई लोगों के नाम शामिल हैं और इसकी जांच जारी है। चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी को लेकर उनके बचाव पक्ष के वकील ने सवाल उठाए हैं कि क्या यह गिरफ्तारी सही है या इसे राजनीतिक दबाव में किया गया है। ऐसे में यह जरूरी है कि इस मामले की जांच निष्पक्षता से हो और जो भी दोषी हो, उसे कड़ी सजा मिले।

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