Concrete: बिहार का पहला कंक्रीट डैम, 2579 करोड़ से जमुई में मुख्यमंत्री ने बरनार जलाशय परियोजना का किया शिलान्यास



बरनार जलाशय परियोजना का शिलान्यास, बिहार में कृषि विकास की नई उम्मीद जमुई के चकाई विधानसभा क्षेत्र में सोमवार को *बरनार जलाशय परियोजना* का शिलान्यास किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम…

Concrete: बिहार का पहला कंक्रीट डैम, 2579 करोड़ से जमुई में मुख्यमंत्री ने बरनार जलाशय परियोजना का किया शिलान्यास

बरनार जलाशय परियोजना का शिलान्यास, बिहार में कृषि विकास की नई उम्मीद

जमुई के चकाई विधानसभा क्षेत्र में सोमवार को *बरनार जलाशय परियोजना* का शिलान्यास किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री *नीतीश कुमार* ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस बहुप्रतीक्षित योजना की आधारशिला रखी। लगभग *2579 करोड़ रुपए* की लागत से तैयार होने वाले इस जलाशय को बिहार का पहला कंक्रीट डैम होने का गौरव प्राप्त होगा। यह योजना पिछले *पचास वर्षों* से किसानों और स्थानीय निवासियों के लिए एक सपना रही है, जिसे अब साकार किया जा रहा है।

बरनार जलाशय की ऊंचाई *74 मीटर* और लंबाई *285 मीटर* होगी। इस जलाशय से लगभग *22,000 हेक्टेयर* भूमि को सिंचाई की सुविधा प्राप्त होगी। पानी को सीधे किसानों के खेतों तक पहुँचाने के लिए एक पाइपलाइन प्रणाली का निर्माण किया जाएगा, जो कृषि उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि का कारण बनेगा। इस परियोजना से न केवल कृषि क्षेत्र को सशक्त किया जाएगा, बल्कि यह चकाई क्षेत्र में हरित क्रांति की नींव भी रखेगा।

परियोजना का सामाजिक और आर्थिक महत्व

बिहार सरकार के मंत्री और चकाई विधायक *सुमित कुमार सिंह* ने कहा कि बरनार जलाशय उनके दादाजी का *ड्रीम प्रोजेक्ट* था, जिसे उन्होंने लगभग 50 वर्ष पहले शुरू कराया था। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व की सराहना करते हुए बताया कि यह परियोजना चकाई क्षेत्र में न केवल हरित क्रांति लाएगी, बल्कि यहाँ पर्यटन विकास का भी मार्ग प्रशस्त करेगी। इससे रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे और पर्यावरण संरक्षण को एक नई दिशा मिलेगी।

सुमित कुमार सिंह ने आगे कहा कि यह जलाशय परियोजना स्थानीय निवासियों की जीवनशैली में बदलाव लाने का कार्य करेगी। इससे किसानों को अपनी फसल के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी। साथ ही, यह परियोजना चकाई में पर्यटन को बढ़ावा देने में भी सहायक सिद्ध होगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

बरनार जलाशय योजना का ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

बरनार जलाशय योजना की नींव *1976* में रखी गई थी। उस समय के मुख्यमंत्री *जगन्नाथ मिश्र* और स्थानीय नेता *श्री कृष्ण सिंह* ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना की शुरुआत की थी। इस योजना में कई अन्य प्रमुख नेताओं जैसे *चंद्रशेखर सिंह*, *DP यादव* और *दीपनारायण सिंह* ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। हालाँकि, राजनीतिक अस्थिरता और प्राथमिकताओं में बदलाव के कारण यह योजना कई बार अटकती रही। विशेष रूप से *लालू प्रसाद यादव* के शासनकाल में यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई थी।

अब, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में इस परियोजना को फिर से जीवित किया गया है। इस जलाशय का निर्माण न केवल चकाई क्षेत्र के लिए, बल्कि समूचे बिहार के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है। इससे स्थानीय किसानों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी, जिससे उनकी फसलें बेहतर होंगी और कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया और भविष्य की योजनाएँ

बरनार जलाशय परियोजना को लेकर स्थानीय लोगों में उत्साह है। गांव के कई किसान इस योजना को अपने लिए एक नई उम्मीद मानते हैं। उनका मानना है कि इससे उनकी खेती के लिए आवश्यक पानी की कमी दूर होगी और वे बेहतर फसल उगाने में सक्षम होंगे। स्थानीय निवासियों ने इस परियोजना को लेकर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि यह योजना उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक होगी।

इसके साथ ही, सरकार ने भविष्य में कई अन्य जलाशय परियोजनाओं पर भी विचार करने का संकेत दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य में जल संसाधनों का सही उपयोग सुनिश्चित करने के लिए जलाशय निर्माण की दिशा में और भी कदम उठाए जाएंगे। इससे न केवल सिंचाई में सुधार होगा, बल्कि जल संरक्षण के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

इस प्रकार, बरनार जलाशय परियोजना बिहार के लिए एक नई दिशा की ओर कदम बढ़ाने का कार्य करेगी। यह न केवल कृषि क्षेत्र में सुधार लाएगी, बल्कि रोजगार और पर्यटन विकास के नए अवसर भी प्रदान करेगी। सरकार की इस पहल से स्थानीय निवासियों की उम्मीदें जग गई हैं और वे इस परियोजना के सफल कार्यान्वयन की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

लेखक –

Recent Posts