गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में स्कूली छात्रा को बस ने मारी टक्कर
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में एक तेज रफ्तार बस ने स्कूली छात्रा को टक्कर मार दी, जिससे उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। यह घटना सोमवार, 13 अक्टूबर को सुबह हुई, जब छात्रा अपनी स्कूटी से स्कूल जा रही थी। टक्कर के परिणामस्वरूप छात्रा का पैर टूट गया और बस चालक मौके से फरार हो गया।
घटना का विवरण और उसकी गंभीरता
यह घटना गौरेला थाना क्षेत्र में हुई, जहां छात्रा सड़क पर गिर गई और उसके पैर में गंभीर चोट आई। उसकी स्कूटी भी इस दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हो गई। स्थानीय निवासियों ने तत्परता दिखाई और घायल छात्रा को तुरंत अस्पताल पहुंचाया। वहां उसका इलाज जारी है, और उसकी स्थिति पर डॉक्टरों की निगरानी की जा रही है।
छात्रा के पैर में गंभीर चोट लगी है।
हादसे का स्थान और समय
घटना उस समय हुई जब आत्मानंद स्कूल सेमरा की छात्रा स्वीकृति राठौर अपनी स्कूटी से स्कूल जा रही थी। बस ने उसे जोरदार टक्कर मारी, जो कोर्ट से सेमरा आत्मानंद स्कूल रोड तिराहे के पास हुई। यह स्थान काफी व्यस्त है, और इस तरह की घटनाएं वहां पहले भी हो चुकी हैं।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
घटना की सूचना मिलते ही गौरेला पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बस चालक ने घटना के बाद तुरंत मौके से भागने की कोशिश की। पुलिस ने अब संबंधित बस और उसके चालक की तलाश शुरू कर दी है। जांच के दौरान पुलिस ने एक वीडियो फुटेज भी प्राप्त किया है, जिससे मामले की सच्चाई को स्पष्ट किया जा सकेगा।
सड़क दुर्घटनाओं का बढ़ता खतरा
जिले में तेज रफ्तार वाहनों के कारण सड़क दुर्घटनाओं की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। यातायात पुलिस के प्रयासों के बावजूद, ऐसी घटनाओं को रोकना मुश्किल हो रहा है। इस दुर्घटना ने स्कूली छात्रों और उनके अभिभावकों में चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या प्रशासन इन समस्याओं का समाधान कर पाएगा या नहीं।
- छात्रा का इलाज जारी है, उसकी स्थिति पर डॉक्टरों की निगरानी।
- स्थानीय लोग हादसे के बाद तुरंत मदद के लिए आगे आए।
- पुलिस ने बस चालक की तलाश शुरू कर दी है।
- गौरेला में सड़क दुर्घटनाएं बढ़ने से सुरक्षा की चिंता।
इस घटना ने सड़क सुरक्षा के मुद्दे को फिर से उजागर किया है, और यह आवश्यक हो गया है कि प्रशासन इस दिशा में ठोस कदम उठाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। स्कूली छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है, ताकि वे सुरक्षित तरीके से अपने शिक्षा के सफर को जारी रख सकें।