छत्तीसगढ़ में सड़क पर जन्मदिन का जश्न: भाजपा नेता की हरकत पर कांग्रेस का हमला
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के निज सहायक और चिरमिरी के भाजपा नेता राजेंद्र दास ने अपनी पत्नी का जन्मदिन सड़क पर मनाया। इस अनोखे सेलिब्रेशन में राजेंद्र दास ने अपनी लग्जरी कार को सड़क पर खड़ा कर केक काटा और आतिशबाजी भी की। यह घटना पूरी रात चर्चाओं का विषय बनी रही और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है।
वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे राजेंद्र दास ने अपनी पत्नी के जन्मदिन को खास बनाने के लिए सड़क के बीचो-बीच एक भव्य आयोजन किया। इस समारोह का वीडियो गुरुवार रात का बताया जा रहा है, जो कि अब लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा किया है, जिससे राजेंद्र दास की इस हरकत पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
कांग्रेस ने उठाए गंभीर सवाल
कांग्रेस ने इस घटना को लेकर एक पोस्ट में लिखा है कि “स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के विशेष निज सहायक राजेंद्र दास, जो स्वयं भाजपा नेता हैं, खुलेआम सड़क पर पत्नी का जन्मदिन मना रहे हैं।” उनका आरोप है कि इस तरह की हरकतें आम जनता के लिए हानिकारक होती हैं जबकि नेताओं पर कानून का कोई असर नहीं पड़ता।
कांग्रेस ने यह भी कहा कि “क्या हाईकोर्ट के द्वारा निर्धारित नियम केवल आम जनता के लिए हैं? क्या भाजपा नेताओं और उनके सहायकों पर ये नियम लागू नहीं होते?” यह सवाल कांग्रेस के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गया है और वे इसे लेकर सरकार को घेरने का प्रयास कर रहे हैं।
राजेंद्र दास का राजनीतिक इतिहास
राजेंद्र दास, जो कि भाजपा के नेता हैं, मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के साथ कई वर्षों से जुड़े हुए हैं। सरकारी हलके में उन्हें “सुपर मंत्री” के नाम से भी जाना जाता है। उनके संबंधों के चलते, वे मंत्री के सुरक्षा और कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
हालांकि, मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के आधिकारिक निज सहायक प्रकाश शुक्ला हैं, लेकिन राजेंद्र दास ने विभाग और अधिकारियों के बीच एक महत्वपूर्ण स्थान बना रखा है। इस वजह से उनका नाम चर्चाओं में अक्सर आता है। MCB जिले के भाजपा नेताओं के अनुसार, राजेंद्र दास किसी औपचारिक पद पर नहीं हैं, लेकिन मंत्री के साथ उनके सीधे संबंध उन्हें खास बनाते हैं।
सड़क पर जन्मदिन का सेलिब्रेशन: क्या है नियमों का पालन?
इस घटना ने एक बार फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या राजनीतिक नेताओं को नियमों का पालन करना आवश्यक नहीं है? जब आम जनता को सड़क पर किसी भी प्रकार का आयोजन करने की अनुमति नहीं है, तो क्या नेताओं को इस तरह की छूट मिलनी चाहिए? यह सवाल अब लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
राजेंद्र दास की इस हरकत पर कांग्रेस ने न केवल सवाल उठाए हैं, बल्कि इसे एक राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश भी की है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भाजपा इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया देती है या इसे नजरअंदाज कर देती है।
इस मामले ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक नया मोड़ लाया है और आने वाले समय में इसके प्रभाव को देखना महत्वपूर्ण होगा।