भोपाल: स्मार्ट मीटर के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन
भोपाल, मध्यप्रदेश में स्मार्ट मीटर के विरोध में कांग्रेस ने एक बड़ा प्रदर्शन किया। बुधवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बिजली कंपनी के कार्यालय का घेराव किया। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि स्मार्ट मीटर का पाकिस्तानी कनेक्शन है, और यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। उन्होंने सरकार से मांग की कि इसका ठेका तुरंत रद्द किया जाए।
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस के आरोप
मध्यप्रदेश कांग्रेस के झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ के बैनर तले आयोजित इस प्रदर्शन में उपस्थित नेताओं ने आरोप लगाया कि स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट में विदेशी कंपनी अल्फानार की भागीदारी है। उन्होंने कहा कि इस ठेके के कारण प्रदेश की जनता को भारी भरकम बिजली बिलों का सामना करना पड़ रहा है। महंगाई के इस दौर में, जब जीवन यापन करना मुश्किल हो रहा है, स्मार्ट मीटर से आम जनता की आर्थिक स्थिति और भी खराब हो गई है।
- कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि स्मार्ट मीटर से बिजली का बिल तीन गुना बढ़ गया है।
- स्मार्ट मीटर में दर्ज यूनिट की संख्या वास्तविक खपत से अधिक होती है।
- जब बिजली बंद हो जाती है, तब भी मीटर यूनिट काउंट करता है।
समर्थन में कांग्रेस के नेताओं की बातें
प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गोविंद गोयल और निकेश चौहान ने भी अल्फानार कंपनी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि यह सऊदी अरब की कंपनी है और इसमें पाकिस्तान के मूल अधिकारी की हिस्सेदारी है। इस संबंध में भारतीय स्मार्ट ग्रिट फोरम (ISFG) ने चेतावनी दी है कि इस तरह की विदेशी कंपनियाँ भारत की स्मार्ट मीटर और डेटा प्रबंधन जैसे संवेदनशील प्रोजेक्ट्स में काम कर रही हैं, जिससे उपभोक्ता डेटा की गोपनीयता खतरे में पड़ सकती है।
ऊर्जा मंत्री का बयान
इस बीच, ऊर्जा मंत्री प्रदुमन सिंह तोमर ने जबलपुर में कहा कि कांग्रेस के आरोप निराधार हैं। उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को अपनी वास्तविक बिजली खपत की जानकारी प्रदान करते हैं। मंत्री ने यह भी बताया कि स्मार्ट मीटर लगाने से उपभोक्ताओं को सुबह 9 से शाम 5 बजे तक 20 प्रतिशत छूट का लाभ मिल रहा है, जिससे अब तक 7 लाख उपभोक्ताओं को 7 करोड़ रुपए का लाभ हुआ है।
स्मार्ट मीटर की समस्याओं का समाधान
मंत्री तोमर ने कहा कि यदि उपभोक्ता को लगता है कि स्मार्ट मीटर गलत रीडिंग कर रहा है, तो उसे बदला जा सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्मार्ट मीटर और पुराने मीटर के बीच कोई अंतर नहीं है। इसके अलावा, स्मार्ट मीटर लगाने की समय सीमा को 2028 तक बढ़ाने का निर्णय केवल मीटर की उपलब्धता कम होने के कारण लिया गया है।
स्मार्ट मीटर के ठेके पर सवाल
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने विधानसभा में उठाए गए सवालों में कहा कि प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाने का ठेका अल्फानार कंपनी को दिया गया है, जिसमें पाकिस्तानी नागरिकों की भागीदारी है। सिंघार ने यह भी कहा कि अब तक 24 लाख 96 हजार स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं, जिसके लिए पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने 897 करोड़ और मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने 1100 करोड़ का ठेका अल्फानार को दिया है।
उपभोक्ताओं की मांगें
इस प्रदर्शन में उपभोक्ताओं ने 200 यूनिट बिजली मुफ्त देने और बिजली दरों में कटौती करने की मांग की। सैकड़ों लोग शाहजहानी पार्क में एकत्रित होकर अपनी आवाज उठाते रहे। यह प्रदर्शन मध्यप्रदेश बिजली उपभोक्ता एसोसिएशन (एमईसीए) के बैनर तले किया गया था।
निष्कर्ष
भोपाल में स्मार्ट मीटर के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन इस बात का संकेत है कि प्रदेश के उपभोक्ता बिजली की बढ़ती दरों और स्मार्ट मीटर से होने वाली समस्याओं को लेकर काफी चिंतित हैं। वहीं, ऊर्जा मंत्री ने इन आरोपों का खंडन करते हुए स्मार्ट मीटर के लाभों को उजागर किया है। यह मुद्दा आगे भी चर्चा का विषय बना रहेगा।
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