“World Shares: अमेरिका के सरकारी बंद होने से अनिश्चितता में वृद्धि”



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“World Shares: अमेरिका के सरकारी बंद होने से अनिश्चितता में वृद्धि”



अमेरिका सरकार का शटडाउन: वैश्विक बाजारों पर प्रभाव

अमेरिका सरकार का शटडाउन: वैश्विक बाजारों पर प्रभाव

छवि स्रोत: एपी

अमेरिका में बुधवार को सरकार के शटडाउन की शुरुआत होने के बाद, अमेरिकी फ्यूचर्स में गिरावट आई और वैश्विक शेयर बाजारों में मिलाजुला रुख देखा गया। इस शटडाउन ने निवेशकों के बीच चिंता बढ़ा दी है, जिससे बाजारों में अस्थिरता बढ़ी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह शटडाउन अमेरिका के आर्थिक परिदृश्य को प्रभावित कर सकता है, हालाँकि अतीत में ऐसे शटडाउन का प्रभाव सीमित रहा है।

अमेरिकी बाजारों की प्रतिक्रिया

S&P 500 का फ्यूचर 0.8% गिर गया, जबकि डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज ने 0.7% की गिरावट दर्ज की। इससे पहले मंगलवार को, S&P 500 में 0.4% की वृद्धि हुई थी और डॉव ने 0.2% की बढ़त हासिल की थी। इस दौरान, नास्डैक कंपोजिट में 0.3% की वृद्धि हुई थी, जो 22,660.01 पर पहुंच गया।

यूरोपीय बाजारों का हाल

यूरोप में प्रारंभिक व्यापार में, जर्मनी का DAX इंडेक्स 0.3% गिरकर 23,818.68 पर आ गया, जबकि पेरिस का CAC 40 0.1% गिरकर 7,890.60 पर पहुंच गया। वहीं, ब्रिटेन का FTSE 0.4% बढ़कर 9,390.92 पर पहुंच गया। ऐसे में, निवेशकों की निगाहें अमेरिका में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल पर हैं।

एशियाई बाजारों की स्थिति

एशिया में, जापान का निक्केई 225 इंडेक्स 0.9% गिरकर 44,550.85 तक पहुंच गया। यह गिरावट जापान के बैंक द्वारा प्रमुख निर्माताओं के बीच व्यापारिक मनोबल में हल्की सुधार की रिपोर्ट के बाद आई है। बैंक ऑफ जापान की तिमाही टैंकन सर्वेक्षण से यह संकेत मिलते हैं कि केंद्रीय बैंक अपनी ब्याज दरों को बढ़ा सकता है, क्योंकि महंगाई 2% के लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है।

चीन की आर्थिक गतिविधियाँ

हालांकि, चीन में 1 से 8 अक्टूबर तक राष्ट्रीय अवकाश के कारण बाजार बंद हैं, लेकिन चीन के केंद्रीय बैंक ने 9 अक्टूबर को 1.1 ट्रिलियन युआन (लगभग 160 अरब डॉलर) की रिवर्स रेपो ऑपरेशन करने की योजना बनाई है। इसका उद्देश्य बाजार में नकदी की मात्रा बढ़ाना और उपभोक्ता खर्च और व्यवसायिक निवेश को प्रोत्साहित करना है।

दक्षिण कोरिया और भारत का प्रदर्शन

दक्षिण कोरिया का कोस्पी इंडेक्स 0.9% बढ़कर 3,455.83 पर पहुंच गया, जबकि ताइवान का ताइएक्स 0.6% बढ़ा, जो सेमीकंडक्टर संबंधित शेयरों की भारी खरीद के कारण हुआ। वहीं, भारत में सेंसेक्स 0.6% की बढ़त के साथ सकारात्मक रुख दिखा रहा है।

भविष्य की संभावनाएँ

हालांकि अमेरिकी शटडाउन का प्रभाव अपेक्षाकृत सीमित रहने की संभावना है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह शटडाउन अलग हो सकता है। व्हाइट हाउस द्वारा संभावित बड़े पैमाने पर संघीय कर्मचारियों की छंटनी के प्रयासों को देखते हुए, बाजारों में अस्थिरता बढ़ सकती है।

आर्थिक संकेत और भविष्यवाणियाँ

हाल के दिनों में, अमेरिकी अर्थव्यवस्था के बारे में मिश्रित संकेत मिले हैं। एक सर्वेक्षण में उपभोक्ताओं की आत्मविश्वास में कमी देखी गई है, जिसमें कई उत्तरदाताओं ने नौकरी बाजार और महंगाई के मुद्दों की ओर इशारा किया है। दूसरी ओर, अमेरिकी नियोक्ता अगस्त के अंत में लगभग समान संख्या में नौकरी के अवसरों की विज्ञापन कर रहे हैं। वॉल स्ट्रीट की उम्मीदें हैं कि यह संख्या न तो बहुत अधिक होगी और न ही बहुत कम, ताकि फेडरल रिजर्व ब्याज दरों को कम करने के लिए ट्रैक पर बना रहे।

समापन टिप्पणी

अंत में, इस शटडाउन का प्रभाव अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर लंबे समय तक रह सकता है। जबकि कुछ विश्लेषक मानते हैं कि इससे बाजार पर सीमित प्रभाव पड़ेगा, लेकिन यह देखना बाकी है कि आने वाले दिनों में बाजार किस दिशा में बढ़ता है। वॉल स्ट्रीट पर अगली डेटा रिपोर्ट्स के लिए भी यह शटडाउन बाधा उत्पन्न कर सकता है, जिससे निवेशकों के लिए स्थिति और भी जटिल हो सकती है।


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