H-1B वीजा 2025: टॉप 10 कंपनियाँ सामने आईं — जानिए भारत की TCS की रैंकिंग कहां है



अमेरिका के H-1B वीजा प्रोग्राम के 2025 आंकड़े जारी हो गए हैं और इनमें चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं। Amazon सबसे आगे है, जबकि Tata Consultancy Services (TCS) एकमात्र भारतीय कंपनी है जो इस टॉप 10 सूची में शामिल हुई है।

H-1B वीजा 2025: टॉप 10 कंपनियाँ सामने आईं — जानिए भारत की TCS की रैंकिंग कहां है

नए अपडेट्स के अनुसार, अमेरिका ने 2025 के लिए H-1B वीजा नियमों में कुछ बदलाव किए हैं। पहली बात, हर आवेदन पर $100,000 की अतिरिक्त फीस लगाने की घोषणा हुई थी, लेकिन बाद में विरोध और चर्चाओं के बाद इस पर कुछ छूट देने की बात आई। इस बीच, वित्तीय वर्ष 2025 (FY25) की तीसरी तिमाही तक, उन कंपनियों की सूची सामने आई है जिन्होंने सबसे अधिक H-1B वीजा प्राप्त किए — और इस सूची में केवल एक भारतीय कंपनी जगह बना पाई है। आइए देखें टॉप 10 कंपनियाँ कौन-सी हैं और TCS की स्थिति क्या है।


🏢 शीर्ष 10 H-1B वीजा प्राप्त करने वाली कंपनियाँ (FY25, Q3 तक)

नीचे सूची दी गई है उन दिग्गज कंपनियों की, जो H-1B वीजा अधिकतम संख्या में प्राप्त कर रही हैं:

  • Amazon — सबसे आगे
    Amazon ने तीसरी तिमाही तक 14,667 वीजा हासिल किए और इस सूची में शीर्ष स्थान बनाया। ET Now
  • Tata Consultancy Services (TCS) — भारतीय प्रतिनिधि
    भारत की ही कंपनी TCS इस सूची में दूसरे स्थान पर है, जिसे 5,586 वीजा मिले हैं। ET Now
  • Microsoft
    तीसरी तिमाही तक Microsoft ने 5,189 वीजा प्राप्त किए। ET Now
  • Meta Platforms
    इस कंपनी ने 5,123 वीजा दावा किए हैं। ET Now
  • Apple
    Apple ने इस दौरान 4,202 वीजा प्राप्त किए। ET Now
  • Google
    Google की संख्या 4,186 वीजा रही। ET Now
  • Cognizant Technology Solutions
    इस कंपनी ने 3,681 वीजा हासिल किए। ET Now
  • Deloitte Consulting
    Deloitte ने 3,180 वीजा प्राप्त किए। ET Now
  • JPMorgan Chase
    इस वित्तीय संस्था ने 2,440 वीजा सुरक्षित किए। ET Now
  • Walmart
    इस सूची की दसवीं कंपनी, जिसने 2,390 वीजा प्राप्त किए। ET Now

विश्लेषण: क्या कहना है इस रैंकिंग का?

यह सूची कई महत्वपूर्ण बातें सामने लाती है:

  • भारतीय कंपनियों का दबदबा कम
    सूची में सिर्फ एक ही भारतीय कंपनी है—TCS। यह बताता है कि अमेरिकी H-1B प्रणाली में भारतीय कंपनियों की भागीदारी सीमित है।
  • अमेरिकी टेक और कॉर्पोरेट दिग्गजों की मजबूती
    Amazon, Microsoft, Meta आदि ने बड़े अंतर से वीजा संख्या में बाज़ी मारी है—विशेषकर Amazon ने बहुत आगे की बढ़त बनाई है।
  • फीस विरोध और नीति बदलाव
    शुरुआती प्रस्तावित $100,000 की फीस ने सबका ध्यान खींचा, लेकिन इसे पूरी तरह लागू नहीं किया गया। नीति में छूट देकर मामले को संतुलित करने की कोशिश हुई। ET Now
  • भविष्य के रुझान पर सवाल
    क्या भारत की कंपनियाँ इस सूची में और ऊपर आएंगी? क्या नीति परिवर्तन उनका रास्ता साकार करेगा? ये बड़े सवाल हैं जिनके उत्तर आने वाला समय ही देगा।

मुख्य बिंदु (Highlights)

नीति बदलाव और कंपनियों की तैयारी में संभावित असर

Amazon शीर्ष पर — 14,667 वीजा

TCS दूसरे स्थान पर — 5,586 वीजा

अमेरिकी टेक कंपनियों का दबदबा

शुरूआती $100,000 फीस प्रस्ताव, बाद में कुछ छूट

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