“Walk: आदित्य नारायण की सुबह की शुरुआत, लेकिन 12 फुट ऊँची छत वाले मुंबई घर में रहते हैं ज्यादातर दिन”



आदित्य नारायण की सुबह की आदतें: 12 फुट की छत वाले घर में रहते हैं और घास पर नंगे पैर चलते हैं आदित्य नारायण की सुबह की आदतें गायक और…

“Walk: आदित्य नारायण की सुबह की शुरुआत, लेकिन 12 फुट ऊँची छत वाले मुंबई घर में रहते हैं ज्यादातर दिन”





आदित्य नारायण की सुबह की आदतें: 12 फुट की छत वाले घर में रहते हैं और घास पर नंगे पैर चलते हैं



आदित्य नारायण की सुबह की आदतें

गायक और टीवी होस्ट आदित्य नारायण ने हाल ही में अपने सुबह के रूटीन के बारे में खुलासा किया। उन्होंने बताया कि वे अपने पिता उदित नारायण की तरह अब नंगे पांव घास पर चलने की आदत अपनाते हैं। यह आदत उन्हें न केवल मानसिक शांति देती है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। आदित्य का मानना है कि उनकी पीढ़ी अब अपने माता-पिता की बुद्धिमत्ता को समझ रही है और इस प्रकार की आदतें अपनाने लगी है।

आदित्य ने साझा किया कि वे सुबह 15-20 मिनट का वॉक करते हैं और इसे एक स्वास्थ्यवर्धक अभ्यास मानते हैं। वे कहते हैं, “मैं भी चप्पल निकालकर सुबह-सुबह 15-20 मिनट का वॉक करता हूँ।” इस दौरान वे अपने नए घर की 12 फुट की छत की खूबसूरती का आनंद भी लेते हैं। यह उनके जीवन में एक नई ताजगी लाता है और वे इसे अपने दिन की शुरुआत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं।

नंगे पांव चलने के स्वास्थ्य लाभ

डॉ. अमित साराफ, जो आंतरिक चिकित्सा के निदेशक हैं, ने इस प्रथा के स्वास्थ्य लाभों की पुष्टि की है। वे बताते हैं कि नंगे पांव चलने से शरीर की प्राकृतिक तालमेल स्थापित करने में मदद मिलती है। इसके कई फायदे हैं, जैसे:

  • तनाव को कम करना: यह अभ्यास तंत्रिका तंत्र को शांत करता है, जिससे व्यक्ति का मानसिक तनाव कम होता है।
  • रक्त संचार में सुधार: नंगे पांव चलने से रक्त का प्रवाह बेहतर होता है, जो स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
  • नींद की गुणवत्ता में सुधार: यह अभ्यास नींद को बेहतर बनाने में मदद करता है, जिससे व्यक्ति तरोताजा महसूस करता है।
  • मूड में सुधार: प्रकृति के संपर्क में आने से व्यक्ति की मनोवृत्ति में सुधार होता है।
  • जोड़ों के स्वास्थ्य का समर्थन: यह अभ्यास जोड़ो के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है।

विशेष सावधानियाँ

हालांकि, डॉ. साराफ ने यह भी चेतावनी दी है कि नंगे पांव चलना आमतौर पर सुरक्षित है, लेकिन कुछ विशेष सावधानियाँ बरतनी आवश्यक हैं। विशेष रूप से उन लोगों को जो:

  • मधुमेह से ग्रस्त हैं: उन्हें विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए ताकि कट लगने से बचा जा सके।
  • तंत्रिका संवेदनशीलता के शिकार हैं: ऐसे लोगों को भी सावधान रहना चाहिए।
  • कीटनाशकों से उपचारित लॉन: ऐसे स्थानों पर चलने से बचना चाहिए।

सही समय और स्थान

आदित्य ने सुबह के समय चलने को सबसे अच्छा समय बताया। सुबह की ताजगी और विटामिन डी के प्राकृतिक स्रोत के संपर्क में आने से यह अभ्यास और भी लाभकारी हो जाता है। उन्होंने सलाह दी कि लोग अपने आसपास के पार्कों या बागों में जाकर इस आदत को अपनाएं। यह न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है।

निष्कर्ष

आदित्य नारायण की सुबह की आदतें न केवल उन्हें फिट रखती हैं, बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार लाती हैं। नंगे पांव घास पर चलने की प्रथा एक पुरानी परंपरा है, जिसे आज के युवा फिर से अपना रहे हैं। इस प्रकार के सरल लेकिन प्रभावी अभ्यासों को अपनाकर हम अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।


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